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अच्छी खबर: सहकारी बैंकों ने खोली तिजोरी,ऑनलाइन लेंगे खाद-बीज के सैम्पल

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सीकर। कोरोना काल में आर्थिक मंदी से जूझ रहे किसानों के लिए सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक ने अपनी तिजोरी खोल दी है। जिले में इस बार सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंकों की ओर 4.50 अरब रुपए का ब्याज मुक्त फसली ऋण देने का लक्ष्य है। जिले के 92 हजार किसानों को पिछले वर्ष की तुलना में 97 करोड रुपए ज्यादा दिए जाएंगे। यह ऋण ब्याज मुक्त होगा। खास बात है कि इस ऋण वितरण के लिए 15 हजार नए सदस्यों को शामिल किया जाएगा। बैंक के प्रबंध निदेशक एसके मीणा ने बताया कि इस बार ब्याज मुक्त ऋण लेने के लिए सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों ने अपने सदस्यों की लिमिट बनानी शुरू कर दी है। अब तक 50 प्रतिशत से ज्यादा सदस्य किसानो ने ऋण ले लिया है। इस बार लक्ष्य बढाए जाने के कारण पिछले वर्ष की तरह लोन की राशि में कटौती नहीं की जाएगी। गौरतलब है कि खरीफ सीजन में लघु, सीमांत जोत के किसान ज्यादा लोन लेते हैं।
खाद-बीज के नमूने लेने में नहीं चलेगी मनमर्जीफसलो की बुवाई के समय किसानों को गुणवत्ता परक खाद-बीज मिले इसके लिए कृषि विभाग ने नई कवायद शुरू की है जिसमें अब कृषि उत्पादों की सेम्पलिंग के दौरान अधिकारी चहेतों को लाभ नहीं पहुंचा सकेंगे। खास बात है कि ऑनलाइन होने से पूरी प्रक्रिया पर अधिकारियों की नजर होगी। साथ ही एक बार सैम्पल लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई तो फिर उसे बीच में नहीं रोका जा सकेगा। पूरी प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से बनाई गई जिसके तहत दुकान में मौजूद स्टॉक और कार्रवाई के समय मौजूद दुकानदार की फोटो एप पर अपलोड होगी। जिसे जांच अधिकारी बदल नहीं सकेगा। साथ ही दुकान से सैम्पल लेने से जांच रिपोर्ट आने की तक की प्रक्रिया केवल विभागीय अधिकारी को पता रहेगी। गौरतलब है कि जिले में बुवाई से पहले हर साल अभियान चलाया है लेकिन सटीक परिणाम नहीं मिल रहे थे। इसके बाद यह नई कवायद शुरू की गई है।यह रहेगी प्रक्रिया संयुक्त निदेशक कृषि खंड सीकर प्रमोद कुमार ने बताया कि खाद-बीज के सेम्पल लेने के लिए संबंधित अधिकारी को राज किसान पोर्टल पर प्रक्रिया शुरू करनी होगी। खास बात है कि जांच अधिकारी अब तय नही कर सकेगा कि संबंधित सैम्पल को किस लैब में भेजा जाएगा। ऑनलाइन ही सैम्पल की जांच के लिए लैब तय की जाएगी। इसके लिए अधिकारी को फौरन बार कोड आवंटित किए जाएंगे। इसके बाद अधिकारी चाह कर भी दूसरी लैब में सैम्पल नहीं भेज सकेगा। इससे किसानों को फायदा होगा।

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