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इस सत्र से आठवीं में फेल होंगे बच्चे, बदलेगा आरटीई का प्रावधान

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सीकर. आठवीं कक्षा के विद्यार्थी भी अब मेहनत नहीं करने पर फेल होंगे। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों में इसी सत्र से यह बदलाव होने की संभावना है। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार का नोटिफिकेशन पहले से लागू हो चुका है। इस सत्र में परीक्षा होने पर यह नोटिफिकेशन लागू होने की पूरी संभावना है। गौरतलब है कि आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को फेल नहीं करने के प्रावधान को केन्द्र और राज्य सरकार ने अब गजट नोटिफिकेशन के जरिए बदल दिया है। इसके अनुसार अब आठवीं के विद्यार्थी फेल भी किए जा सकेंगे। लेकिन यह प्रावधान पिछले दो सालों से कोरोना महामारी की वजह से लागू नहीं हो पा रहा था। कोरोना की वजह से सभी विद्यार्थियों को क्रमोन्नत कर दिया गया था। अब प्रदेश में पूरी क्षमता के साथ सरकारी व निजी स्कूलों का संचालन शुरू हो गया है। ऐसे में शिक्षा विभाग का मानना है कि यदि परिस्थति अनुकूल रहती है तो इस बार परीक्षाएं कराई जाएगी। इसलिए माना जा रहा है कि इस सत्र से यह प्रावधान पूरे राज्य में लागू हो सकेगा। हालांकि अभी तक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में लिखित आदेश जारी नहीं किए है। इसी तरह कक्षा पांचवी कक्षा के विद्यार्थियों को लेकर भी प्रावधान में बदलाव किया गया है।
पिछले साल नोटिफिकेशन, कोरोना में उलझा
इस संबंध में 16 सितम्बर 2020 को गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इसमें साफ लिखा कि आठवीं में अब विद्यार्थी फेल भी हो सकेंगे। इस संबंध में केन्द्र सरकार ने 11 जनवरी 2019 को इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी। इसमें प्रावधान यह भी किया गया है कि मुख्य परीक्षा में पास नहीं होने वाले विद्यार्थियों को दो महीने के भीतर एक बार फिर से परीक्षा दिलाई जाएगी। अगर विद्यार्थी इसमें भी पास नहीं होता है तो उन्हें उसी कक्षा में रोका जाएगा।
ऐसे समझें नए बदलावों को:
पांचवी कक्षा: सप्लीमेंट्री में फेल होने पर अगली कक्षा में दाखिलापांचवी कक्षा की मुख्य परीक्षा में यदि कोई विद्यार्थी पास नहीं होता है तो उसे सप्लीमेंट्री घोषित किया जाएगा। इस परीक्षा का आयोजन 60 दिन के भीतर शिक्षा विभाग को कराना होगा। सप्लीमेंट्री में भी यदि विद्यार्थी पास नहीं होता है तो उसे छठीं कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। ऐसे विद्यार्थियों को चिन्हित कर नींव मजबूत
आठवीं कक्षा: मुख्य परीक्षा के बाद मिलेगा एक मौका
आठवीं कक्षा की मुख्य परीक्षा में यदि कोई विद्यार्थी पास नहीं होता है तो उसे सप्लीमेंट्री घोषित किए जाने का प्रावधान तय हुआ है। सप्लीमेंट्री परीक्षा का आयोजन 60 दिन के भीतर किया जाएगा। इसमें फेल होने पर विद्यार्थी को कक्षा नवीं में दाखिला नहीं दिया जाएगा। ऐसे विद्यार्थियों को कक्षा आठवीं दुबारा पढऩी होगी। अब तक कक्षा आठवीं में आरटीई के प्रावधानों की वजह से फेल नहीं किया जा रहा था।
संस्था प्रधानों को अभी जानकारी नहींइस मामले में पत्रिका ने पड़ताल की तो सामने आया कि ज्यादातर संस्था प्रधान व शिक्षकों को इसकी जानकारी नहीं है। विभाग की ओर से यदि इस संबंध में जल्द आदेश जारी नहीं किए गए तो कई स्कूलों के परिणाम का गणित पूरी तरह बिगड़ सकता है।
विभाग करें स्थिति स्पष्ट…
वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना की वजह से परीक्षाओं का आयोजन नहीं हो सका था। इसलिए गजट नोटिफिकेशन लागू नहीं हो सका था। शिक्षा विभाग को इस गजट नोटिफिकेशन की स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए ताकि संस्था प्रधान, विद्यार्थी व अभिभावकों को इसकी जानकारी मिल सके।महेन्द्र पाण्डे, महामंत्री, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ
एक्सपर्ट व्यू: बच्चों की मजबूत हो सकेगी नींव
आठवी कक्षा में फेल होने का प्रावधान होने से देशभर में विद्यार्थियों का शैक्षिक स्तर मजबूत हो सकेगा। क्योंकि आठवीं में फेल नहीं होने की वजह से ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा था। केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से आरटीई अधिनियम में किए गए बदलाव के प्रावधानों से भविष्य में काफी फायदा मिलेगा। बच्चों की शैक्षिक स्थिति के आधार पर राज्यों को रैकिंग भी मिलती है। ऐसे में कई राज्यों की शिक्षा के मामले में साखा और बेहतर तरीके से सुधर सकेगी।प्रमिला सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता, सीकर

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