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लाखों बच्चों के परिजनों को घर बैठे मिलेगा अनाज, सरकार ने लिया फैसला

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सीकर/ लक्ष्मणगढ. प्रदेश में पहले लॉकडाउन और बाद में ग्रीष्मावकाश के कारण पोषाहार (मिड-डे-मील) से वंचित रहे विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों के लिए राहतभरी खबर है। बच्चों के हिस्से का खाद्यान्न अब उनके माता-पिता को स्कूलों में बांटा जाएगा। शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा की मांग पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। खाद्यान्न वितरण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है। राजकीय विद्यालयों, मदरसों एवं विशेष प्रशिक्षण केंद्रों में कक्षा एक से आठवीं तक अध्ययनरत विद्यार्थियों के अभिभावकों को यह खाद्यान्न (गेंहू व चावल) विद्यालय में उपलब्ध कराया जाएगा। मिड-डे-मील आयुक्त अभिषेक भगोतिया ने प्रदेश के सभी जिला कलक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं। खाद्यान्न वितरण का कार्य 25 जून से पहले पूरा करना है।
मिलेगा 94 दिन का खाद्यान्न
प्रदेश में पहले लॉकडाउन के कारण 14 मार्च से 16 मई तक स्कूलें 49 दिन बंद रही। इसके बाद 17 मई से 30 जून तक 45 दिन का ग्रीष्मावकाश चल रहा है। कुल 94 दिन का विद्यार्थियों के हिस्से का खाद्यान्न उनके परिजनों को दिया जाएगा। कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए 100 ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से प्रति विद्यार्थी कुल 9.400 किलोग्राम अनाज तथा कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों के लिए 150 ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से प्रति विद्यार्थी कुल 14.100 किलोग्राम अनाज उनके परिजनों को दिया जाएगा।
नोडल अधिकारी करेंगे मॉनिटरिंगखाद्यान्न वितरण के कार्य की मॉनिटरिंग के लिए जिला, ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।जिला स्तर के नोडल अधिकारी को आयुक्तालय को नियमित रूप से स्थिति अपडेट करनी होगी। ग्राम पंचायत स्तर पर पीईईओ तथा शहरी स्तर पर सीबीईओ को खाद्यान्न वितरण की जिम्मेदारी दी गई है।
सोशल डिस्टेंसिंग की करनी होगी पालना
एमडीएम योजना से लाभान्वित सभी राजकीय स्कूलों, मदरसों एवं विशेष प्रशिक्षण केंद्रों पर खाद्यान्न वितरण विद्यालय के पोषाहार प्रभारी एवं शाला प्रधान की देखरेख में होगा। खाद्यान्न लेने अथवा अन्य किसी भी कार्य के लिए विद्यार्थी को स्कूल में नहीं बुलाया जा सकेगा। विद्यार्थी के माता-पिता अथवा अन्य अभिभावक को ही दिया जाएगा। अभिभावक को पहचान के तौर पर स्वयं का अथवा विद्यार्थी का पहचान-पत्र साथ में लाना होगा। खाद्यान्न वितरण के कार्य में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी करनी होगी। बिना मास्क लगाकर आने पर खाद्य सामग्री नहीं दी जाएगी। कोविड-19 के कारण कफ्र्यूग्रस्त या कन्टेंमेंट जोन में स्थित स्कूलों में खाद्यान्न का वितरण जिला एवं स्थानीय प्रशासन के निर्देश पर किया जाएगा।
पिछले दिनों हुई केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वीसी में मिड-डे-मील का राशन बंटवाने की मांग रखी थी। सभी जिला कलक्टरों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। जल्द ही प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों के परिजनों को लॉकडाउन व गर्मियों की छुट्टियों का पोषाहार मिलना शुरू हो जाएगा।गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री

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