सीकर.पीडी खातो के विरोध में सरपंचों की ओर से ग्राम पंचायतों पर की गई तालाबंदी के बाद भी सरकार नहीं चेती है। सरपंचों ने सरकार को अब पीडी खातों को लेकर खुली चुनौती दे दी है। सरपंचों का तर्क है कि पीडी खातों के जरिए सरकार पंचायतीराज एक्ट की अवहेलना करने पर तुली है। सरपंचों का कहना है कि पीडी खातों का सीधा असर विकास कार्यो पर पड़ेगा। सरपंच ने ग्रामीणों के सहयोग से गुरुवार को ग्राम पंचायतों में ताले लटकाए थे। इस वजह से आमजन का कामकाज शुक्रवार को भी बेपटरी रहा। आमजन को छोटे-छोटे कार्यो के लिए दिनभर परेशान होना पड़ा। सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष हनुमानप्रसाद झाझड़ा व प्रवक्ता संतोष मूण्ड ने कहा कि सरकार ने अब भी पीडी खातों का फैसला वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिले में पिछले १५ दिनों से पीडी खातों को लेकर विरोध जारी है। सरपंच अब तक जिला कलक्टर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन देकर विरोध जता चुके है। इधर, पंचायतीराज विभाग के जिम्मेदारों का तर्क है कि कोविड से पैदा हुए हालात को देखते हुए बेहतर वित्तीय प्रबंधन के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है।
इसलिए सरपंच कर रहे विरोधसरपंचों का तर्क है कि ग्राम पंचायतों के पीडी खाते खोलने से ग्राम पंचायतों को ब्याज नहीं मिलेगा। अब तक ग्राम पंचायतों के खुद के खाते होने से उनमें जमा पैसे का ब्याज ग्राम पंचायतों की निजी आय होती थी। अब यह आय बंद हो जाएगी, जिसका सीधा असर ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यो पर पड़ेगा।
छोटे-छोटे कार्यो के लिए जाना पड़ेगा टे्रजरीपीडी खाते खोलने के बाद छोटे-छोटे कार्यो का पैसा भी ट्रेजरी से लेना होगा। अगर सरकार के पास फंड की कमी हुई तो ट्रेजरी से पंचायतों को पैसा देरी से मिलेगा, इससे विकास के काम में देरी होगी।
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