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राजस्थान में शिक्षा विभाग ने बदल दिए 50 साल पुराने नियम

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सीकर.शिक्षा विभाग के पदोन्नति के लगभग 50 साल पुराने पैर्टन के बदलने से बेरोजगारों के साथ शिक्षकों व विद्यार्थियों की खुशियां भी अनलॉक हो गई है। शिक्षा विभाग की ओर से घोषित नए फॉर्मूले से प्रधानाध्यापक व व्याख्याता पदोन्नति के विवाद का भी पूरी तरह निपटारा हो गया है। प्रदेश के उच्च माध्यमिक स्कूलों में में वाइस प्रिसिंपल का पद सृजित होने से दस हजार से अधिक व्याख्याताओं की पदोन्नति की राह आसान हो गई है। वहीं व्याख्याता भर्ती का सपना देखने वाले बेरोजगारों को नई भर्ती के जरिए सौगात मिल सकेगी। अब स्नातक वाली विषयों के आधार पर ही पदोन्नति होने से दस लाख से अधिक विद्यार्थियों को भी फायदा मिल सकेगा। विभाग ने नए नियमों में कुछ सख्ती भी दिखाई है। अब तक मानइस अंक हासिल कर शिक्षक नहीं बन सकेंगे। पदोन्नति के बदले नियमों को लेकर पत्रिका की खास रिपोर्ट।
ऐसे समझे नए पदोन्नति के पैर्टन को:
1. जिला शिक्षा अधिकारी: 323 नए अधिकारी मिल सकेंगेप्रदेश में फिलहाल 323 जिला शिक्षा अधिकारियों के पद खाली है। अब तक इसमें आधे पद सीधी भर्ती से और आधे पद पदोन्नति से भरने का प्रावधान था। अब शत प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने की वजह से यह रिक्त पद भर सकेंगे। इससे स्कूलों की मॉनिटरिंग भी बेहतर हो सकेगी।
2. प्रधानाध्यापक: पीजी को मिलेगा फायदाप्रधानाध्यापकों की पदोन्नति में अब स्नातक के साथ पीजीको जोड़ा गया है। इससे पीजी वाले प्रधानाध्यापकों को फायदा मिल सकेगा।
3. व्याख्याता: अब उसी विषय के बन सकेंगे व्याख्याताअब तक शिक्षा विभाग में यूजी किसी अन्य विषयों में और पीजी किसी अन्य विषयों में किए होने पर पदोन्नति दे दी जाती थी। लेकिन अब बदले हुए नियमों के बाद ऐसा नहीं होगा। अब यूजी वाले विषयों में से पीजी करने वालों को ही व्याख्याता बनने का मौका मिलेगा।
4. वाइस प्रिसिंपल: दस हजार व्याख्याताओं को मौकाअब प्रदेश के सभी उच्च माध्यमिक स्कूलों में वाइस प्रिसिंपल का पद भी सृजित होगा। इससे लगभग दस हजार व्याख्याताओं की पदोन्नति की राह खुल सकेगी। पहले प्रदेश में प्रधानाध्यापक और व्याख्याता की पदोन्नति का प्रतिशत 67 व 33 था। ऐसे वर्तमान शिक्षकों की संख्या के हिसाब से 80 व 20 फीसदी किया गया है।
5. व्याख्याता शारीरिक शिक्षा: 10 लाख विद्यार्थियों को फायदानए पदोन्नति नियमों में व्याख्याता शारीरिक शिक्षा का पद भी शामिल किया गया है। इससे स्कूलों में 254 व्याख्याता शारीरिक शिक्षा उपलब्ध हो सकेंगे। वहीं द्वितीय श्रेणी शारीरिक शिक्षकों की पदोन्नति की राह खुल सकेगी। इससे प्रदेश के दस लाख विद्यार्थियों को सीधा फायदा मिलेगा।
6. पुस्तकालध्यक्ष: 1224 बेरोजगारों को भी मिलेगा फायदाशिक्षा विभाग ने अब पुस्तकालध्यक्ष में भी तृतीय श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी तक का अलग कैडर बना दिया है। इससे कार्यरत पुस्तकाध्यक्षों को प्रथम श्रेणी तक पहुंचने का मौका मिलेगा। वहीं बेरोजगारों को 1224 बेरोजगारों को शिक्षा विभाग में आने का और मौका मिल सकेगा।
7. अब 3500 स्कूलों में प्रिसिंपल के पद:प्रदेश में फिलहाल 3500 स्कूल सैकण्डरी सेटअप के है। इन स्कूलों में अब प्रिसिपल के पद होंगे। इससे स्कूलों में बेहतर शैक्षिक गुणवत्ता मिलेगी।
8. और यह दो भी खास निर्णय:नए नियमों में दो और बड़े बदलाव किया गया है। अब तक पंचायतीराज विभाग के शिक्षक शिक्षा विभाग में 6 डी के तीन साल के नियम की वजह से नहीं जा पाते थे। लेकिन अब यह बाध्यता समाप्त होने से पंचायतीराज विभाग से शिक्षक आ सकेंगे। इससे पंचायतीराज विभाग में ज्यादा पद होने पर तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती जल्दी हो सकेगी।
और ऐसे समझें फायदे का गणित:
पदोन्नति के नए नियमों से विद्यार्थियों को शिक्षकों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे उनका पाठ्यक्रम पूरा सकेगा। पीजी वाले विषय से पदोन्नति होने से शिक्षकों की विषय पर पकड़ भी अच्छी होगी।-तृतीय श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी व्याख्याता की समय पर पदोन्नति होने से बेरोजगारों के लिए समय पर शिक्षक भर्ती हो सकेगी।-द्वितीय श्रेणी शिक्षक से लेकर जेडी तक के पदोन्नति नियम बनने से अब शिक्षा विभाग के कार्मिकों की पदोन्नति हो सकेगी।
सख्ती: 40 फीसदी से कम अंक वालों को अब नौकरी नहींकई शिक्षक भर्तियों में मानइस अंक वाले अभ्यर्थियों के शिक्षक बनने के मामलों पर अब रोक लग सकेगी। अब न्यूनतम 40 फीसदी अंक वाले अभ्यर्थियों को ही पात्र घोषित किया जा सकेगा। लेकिन राज्य सरकार की ओर से घोषित पांच प्रतिशत का शिथिलन इस नियम पर लागू हो सकेगा। वहीं शारीरिक शिक्षक व पुस्तकालध्यक्ष भर्ती में दूसरे राज्यों की जाली अंकतालिकाओं पर ब्रेक लगाने के लिए विभाग ने एनसीटीई के नियमों से भर्ती करने का फैसला लिया है।
बेहतर प्रबंधन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ बेरोजगारों को राहत: शिक्षा मंत्रीशिक्षा विभाग में पदोन्नति के नियम वर्षो पुराने हो गए थे। सभी शिक्षक संगठनों से चर्चा के बाद नए नियम तैयार किए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी नियमों के बदलाव को मंजूरी दी है। इससे स्कूलों में अब बेहतर शैक्षिक प्रबंधन हो सकेगा। बच्चों को गुणात्मक शिक्षा मिल सकेगी। पदोन्नति में नए अवसर बनने से शिक्षकों के साथ बेरोजगारों को भी फायदा मिलेगा।गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री
सरकार का सार्थक निर्णय:राज्य सरकार का निर्णय विद्यार्थी व शिक्षक हित के हिसाब से सार्थक है। शिक्षक संघ राष्ट्रीय की ओर से जो मांग पत्र दिया गया था उसके सभी सुझाव लिए गए है। सरकार ने शिक्षक, विद्यार्थी व बेरोजगार हित में जो निर्णय लिए है उनका शिक्षक संघ राष्ट्रीय स्वागत करता है।सम्पत सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, शिक्षक संघ राष्ट्रीय
व्याख्याताओं के लिए अब और ज्यादा अवसर: रेसला लगभग 50 साल बाद सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। इससे व्याख्याताओं के साथ द्वितीय श्रेणी शिक्षकों को भी फायदा मिलेगा। अब तक पंचायतीराज के शिक्षक भी माध्यमिक सैटअप में आ सकेंगे। नई नीति से शारीरिक शिक्षक व पुस्तकालध्यक्ष सहित अन्य का कैडर भी बन सकेगा।मोहन सिहाग, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ
नियमों में संशोधन सभी के हित में: शिक्षक संघ शेखावतसेवा नियमों में संशोधन छात्र, शिक्षक एवं विभाग हित में हैं। उप प्रधानाचार्य और प्रधानाचार्य के 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरे जाने का प्रावधा भी होना चाहिए। अब सरकार को स्थानांतरण नीति की मांग पर भी फैसला करना चाहिए।उपेन्द्र शर्मा प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत)
शिक्षक बनने के लिए ज्यादा अवसर: एक्सपर्टसरकार के नए पैर्टन से बेरोजगारों को ज्यादा शिक्षक बनने के अवसर मिल सकेंगे। शेखावाटी के युवाओं का तृतीय श्रेणी से लेकर व्याख्याता भर्ती तक काफी क्रेज है। ऐसे में यहां के युवाओं को काफी फायदा मिलना तय है।राजीव बगडिय़ा, एक्सपर्ट

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