जैसलमेर. जैसलमेर नगरपरिषद के आयुक्त सुखराम खोखर की कार्यशैली और व्यवहार एक बार फिर विवादों में घिर गया है। बात इतनी बढ़ गई कि, उनके संबंध में विचार करने के लिए सभापति कविता खत्री ने गुरुवार को नगरपरिषद की आपात बैठक बुलाई है। जिसमें सभी पार्षद मौजूदा स्थितियों पर विचार विमर्श करेंगे। बैठक का नोटिस स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक और जिला कलक्टर जैसलमेर को भेजा गया है। सभापति खत्री ने कहा कि आयुक्त की कार्यशैली से शहर के आमजन में रोष है। सभापति के अनुसार आयुक्त के व्यवहार और कार्यशैली से जैसलमेर शहर का वातावरण दूषित हो रहा है। बुधवार को उनके तानाशाहीपूर्ण रवैये और कार्यप्रणाली से परेशान होकर कई लोग परिवाद लेकर नगरपरिषद पहुंचे तो आयुक्त ने उनके साथ गाली गलौच और दुव्र्यवहार किया। ऐसी घटनाएं लगातार उनके और पार्षदों के साथ भी हो रही है। खत्री की ओर से दिए गए आपात बैठक संबंधी नोटिस पर उपसभापति रमेश जीनगर, पार्षद इंद्रसिंह उज्जवल, ईश्वरी भाटिया, सूरजपाल सिंह, कमल किशोर गांधी, प्रवीण व्यास, रुखसार, नाथूराम, मगन सैन, अरविंद व्यास, पुखराज सोनी, ओमप्रकाश खत्री आदि ने हस्ताक्षर किए हैं। सभापति ने कहा कि आयुक्त के खिलाफ भाजपा और कांग्रेस सभी पार्षद शहर हित में एकजुट हैं। कलक्टर की चौखट पर पहुंचा विवादइससे पहले बुधवार को आयुक्त का स्थानीय महिला संगीता गोस्वामी और भाजपा नगर अध्यक्ष कमल ओझा के साथ विवाद हो गया। उन्होंने खोखर पर दुव्र्यवहार का आरोप लगाया। बड़ी संख्या में लोग नगरपरिषद कार्यालय पहुंचे। उन्होंने पुलिस कोतवाली में आयुक्त के खिलाफ शिकायत भी पेश की। बाद में पूर्व विधायक छोटूसिंह भाटी तथा सभापति कविता खत्री की अगुआई में कई पार्षद और भाजपा के कार्यकर्ता जिला कलक्टर से मिलने गए। उन्होंने कलक्टर से आयुक्त के व्यवहार और कार्यशैली की शिकायत की और कहा कि उनके रवैये से शहर में मूलभूत सुविधाओं तथा विकास से जुड़े कार्य भी लम्बित चल रहे हैं।
आयुक्त की कार्यशैली और व्यवहार को लेकर कलक्टर की चौखट पर पहुंचा विवाद,नगरपरिषद की होगी आपात बैठक
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