शंकरलाल शर्मा
सीकर/मूंडरू. कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण गांव-ढाणियों में बढ़ता जा रहा है। मूण्डरू इलाके के दस गांवों में पिछले 15 दिनों में 107 मौत हो चुकी है। जिनमें 14 मरीजों की मौत की पुष्टि ही कोरोना से हुई है। ज्यादातर मामलों में तो स्वास्थ्य विभाग सैंपल ही नहीं ले पाया। जबकि उनमें कोरोना के लक्षण भी साफ थे। लापरवाही का आलम ये है कि लगातार मौतों के बाद भी इन गांव-ढाणियों में सैम्पल लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंची है। ग्रामीणों के मुताबिक शादियों के सीजन के बाद हालात ज्यादा बद्तर हुए हैं।
पांच गुना बढ़ा मौत का आंकड़ाये वे गांव है जिनमें पूरे महीने में पहले एक या दो मौत होती थी। लेकिन, अब 15 दिन में ही मौतों का आंकड़ा चार से पांच गुणा तक बढ़ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ मौत प्राकृतिक हो सकती है। लेकिन ज्यादातर लोग खांसी, बुखार व श्वास लेने जैसी बीमारियों से जूझ रहे थे। जबकि चिकित्सा विभाग ने इन गांवों में पिछले एक महीने में कोरोना से 14 मौत बताई है।
हर तीसरा आदमी बीमार, लोग घरों ले रहे हैं इलाजमरीज कोविड की जांच कराए बिना कोविड का इलाज ले रहे है। दशहत में आए लोग घरों में रहकर निजी क्लिनिक व मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खुद ही उपचार में जुटे है। आम सर्वे के मुताबिक इन गांव ढाणियों में हर तीसरा आदमी बुखार से पीडि़त है। खांसी, जुकाम, बुखार, सरदर्द के लक्षण लोगों में दिखाई पड़ रहे है। अधिकांश लोग खुद को कोविड संक्रमित मानकर कोविड किट दवाओं से खुद का इलाज कर रहे हैं।
इन गांवों में इतनी-इतनी मौतें
मूंडरू-20मऊ – 17
लिसाडिय़ा-16रतनपुरा-12
पृथ्वीपुरा-8नांगल-8
फूटाला-7खुर्र्मपुरा-6
बागरियावास-6नाथूसर-7
विशेषज्ञ की रायजेके लोन अस्पताल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ एवं मेडिकल कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ योगेश यादव का कहना है इन दिनों वायरल बुखार का दौर होता है। लेकिन कोरोना वायरस का संक्रमण भी तेजी से फैल रहा है। ऐसे में व्यक्ति के खांसी जुकाम ,बुखार हो तो वायरल के चक्कर मे नहीं रहे। घर पर इलाज लेने के बजाय चिकित्सक से परामर्श ले। सीबीसी, सीआरपी,आरटीपीसीआर आदि टेस्ट तत्काल कराने चाहिए। यदि स्वांस में दिक्कत हो तो उसे एचआरसीटी चेस्ट की जांच भी कराई जा सकती है।
यह बोले इलाके के सरपंचगांवों पीएचसी व सीएचसी पर कोरोना सेम्पलिंग की व्यवस्था नहीं होने से बड़े शहरों में जाना पड़ता है। जिससे संक्रमण फैल रहा है। पहले की तरह पीएचसी व सीएचसी स्तर पर कोविड सेम्पलिंग वापस शुरू की जानी चाहिए।
ऊषा कंवर सरपंच, नाथूसर
गांवो में बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। प्रशासन पंचायत स्तर पर कार्मिको की टीम बनाकर बुखार से अधिक संक्रमित इलाकों में सर्वे कराए। विभाग को मेडिकल किट की संख्या और बढ़ानी चाहिए।
सुमित्रा देवी सरपंच मूंडरू
जिन घरों में लोगों की मृत्यु हुई है। उनके परिजनों के कोविड टेस्ट तत्काल चिकित्सा विभाग को कराने चाहिए। शादियों के सीजन के बाद कई क्षेत्रों में संक्रमण बढ़ा है।
मीना यादव- जिला पार्षद
ग्राम पंचायत स्तर पर कोर कमेटी बनाकर डोर टू डोर सर्वे का कार्य शुरू करवाया गया है। किसी भी प्रकार की खांसी, जुकाम, बुखार के मरीजों को दवाइयों के किट उपलब्ध कराए जा रहे है। अजीतगढ़ व रींगस में कोविड सेंटर भी शुरू किए जा चुके है। जिन लोगों के घरों में मौत हुई है उनके परिजनों को नजदीकी अस्पताल जाकर कोविड की जांच करानी चाहिए।
लक्ष्मीकांत गुप्ता, उपखंड अधिकारी, श्रीमाधोपुर, सीकर।
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