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कोरोना की कड़वाहट से सात करोड़ की ‘मिठास’ कैद

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अजय शर्मा. सीकर. प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए जारी जनअनुशासन पखवाड़े की वजह से मिठास शटर में कैद हो गई है। अचानक लगे कफ्ूर्य के कारण प्रदेश में 50 हजार से अधिक मिठाई की दुकानें बंद है। जिससे इन दुकानों में रखी लगभग सात करोड़ से अधिक की मिठाई भी शटर में कैद हो गई है। मिठाई कारोबारियों का दर्द है कि वे कफ्र्यू की वजह से दुकान नहीं खोल पा रहे हैं। दुकान खोलते ही महामारी अधिनियम के तहत चालान कटने का भय बना हुआ है। व्यापारियों का कहना है यदि पांच से दस मिनट की आगामी एक-दो दिन में अनुमति मिल जाए तो मिठाई को जरूरतमंदों को बांटा जा सकता है। कई जिलों के कारोबारियों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है।
हलवाई कारोबारी की बुकिंग रद्द
शादियों में 50 लोगों की संख्या तय होने से हलवाई कारोबारियों की मुसीबत बढ़ गई है। शेखावाटी के 40 से अधिक हलवाई कारोबारियों की बुकिंग भी रद्द भी हो गई है। इसके अलावा कैटरिंग से जुड़े कारोबारियों को कोरोना की दूसरी लहर ने काफी झटका दिया है।
केस एक: साहब, सडने के बजाय बांटने दोपिपराली रोड इलाके के कारोबारी प्रकाश राजपुरोहित का कहना है कि कफ्र्यू घोषित होने से चार घंटे पहले ही लाखों का माल तैयार किया था। अचानक कफ्र्यू लगने और गर्मी का मौसम होने की वजह से मिठाई सडने की आंशका है। दुकान में रखे-रखे मिठाई सड़े इससे अच्छा सरकार को कुछ मिनटों की सही अनुमति देनी चाहिए, ताकि सभी को राहत मिल सके।
केस दो: शादियों की बुकिंग रोजाना हो रही कैसिंल
धोद व पिपराली इलाके में मिठाई व पनीर व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों का अपना दर्द है। उनका कहना है कि शादी व अन्य समारोह के पांच से सात लाख रुपए के ऑर्डर थे। लेकिन मिठाई के साथ पनीर के ऑर्डर रोजाना कैसिंल हो रहे हैं। जो माल पहले तैयार हो गया उसको भी लोग गाइडलाइन का हवाला देकर नहीं ले गए। ऐसे में लाखों का माल खराब हो सकता है।
 
 

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