सीकर.कोरोना संक्रमण के चलते दूसरी बार भी सीकर में तीज माता की शाही सवारी नहीं निकलेगी। 333 वर्ष में यह लगातार दूसरा मौका है, जब तीज माता की सवारी रघुनाथजी के मंदिर से बाहर नहीं आएगी। कोरोना गाइड लाइन के चलते इस बार छोटा तालाब पर भी मेला नहीं भरेगा। हालांकि 10 अगस्त को सींजारा और 11 अगस्त को तीज का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना के लिए तीज माता का पूजन करेगी और मिठाइयों का भोग लगाएगी। वहीं कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना और सुख समृद्धि के लिए माता गौरी की पूजा-अर्चना करेगी। सांस्कृतिक मंडल के संयुक्त मंत्री जानकी प्रसाद इंदोरिया ने बताया कि सांवणी तीज गणगौर मेले के चार माह बाद आने वाला महिलाओं का प्रमुख त्योहार होता है। इसे हरियाली तीज भी कहा जाता है। सीकर में तीज मेले की शुरूआत सीकर ठिकाने की ओर से लगभग 333 वर्ष पूर्व की गई थी। पिछले 55 वर्ष से गणगौर व तीज मेले का आयोजन पारंपरीक शाही लवाजमे के साथ सवारी निकाल कर किया जाता है। तीज की सवारी श्रीरघुनाथजी के मंदिर से प्रारंभ होकर छोटे तालाब नेहरू पार्क जाती है। वहां पर मेले का आयोजन किया जाता है। वर्ष 2020 में कोरोना के चलते मेला नहीं भरा था। इस वर्ष भी मेले में भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए सांस्कृतिक मंडल ने मेले का आयोजन नहीं करने का निर्णय किया है। क्योंकि मेले में कोविड प्रोटोकॉल की पालना संभव नहीं है।
- Advertisement -