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सवालों में कोरोना जांच: बिना सैंपल दिए, तो किसी के पास निगेटिव रिपोर्ट के बाद आया पॉजिटिव का मैसेज

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सीकर. बढ़ते कोरोना संक्रमण व भयावह होते हालातों में कोरोना जांच की रिपोर्ट भी लोगों के लिए पसोपेश व परेशानी का सबब बन रही है। जिले में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें बिना सैंपल दिए ही लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव बता दी गई है। जबकि कई मामलों में जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उसे स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट पॉजिटिव होने का संदेश मोबाइल पर मिल रहा है। ऐसे में जिले में कोरोना जांच एक बार फिर सवालों में आ गई है।
केस एक: बिना सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव
धोद कस्बे में युवक की रिपोर्ट सैंपल दिए बिना ही पॉजिटिव आ गई। कस्बे के युवक हितेश जैन ने बताया कि वह अपनी माताजी के बलगम के सेम्पल की जांच करवाने के लिए सीएचसी पर गया था । जहाँ विभाग की ओर से कोरोना के सैंम्पल लिए जा रहे थे। इस दौरान सैम्पल लेने वाली टीम ने उसका नाम व मोबाइल नम्बर लिख लिये। लेकिन कोरोना सेम्पल की जांच में समय ज्यादा लगने के कारण वह केवल मां का बलगम देकर ही वापस घर लौट गया। इसके बाद सीएचसी से उसे वापस फोन कर बुलाया तो कुछ देर बाद वह वापस सैंपल देने सीएचसी पहुंच गया। लेकिन, तब तक वहां से स्टाफ जा चुका था। लेकिन, इसके बाद रविवार को उसके मोबाइल पर स्वास्थ्य विभाग से एक मैसेज आया। जिसमें उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव बताई गई। चिकित्सा विभाग ने उसे फोन कर घर में ही रहने की हिदायत भी दी। इसके बाद धोद पटवारी व चिकित्सा विभाग की टीम भी युवक के घर पहुंची। जिसे युवक ने सैंपल नहीं दिए जाने की बात कही। मामले में धोद बीसीएमओ जगदीश प्रसाद ओला ने जांच की बात कही है।
केस:2- रिपोर्ट निगेटिव, संदेश पॉजिटिव काएक ही कोरोना जांच रिपोर्ट की दो अलग रिपोर्ट भी लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गए। रींगस कस्बे के वार्ड छह निवासी एक महिला ने बताया कि 22 अप्रैल को उसके पति ने कोरोना जांच के लिए सैंपल दिया था । 24 अप्रैल को उनके पास मोबाइल पर निगेटिव रिपोर्ट का मैसेज आया था। उन्होंने जब ऑनलाइन रिपोर्ट निकाल कर देखी तो भी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। लेकिन, सोमवार को उनके पास दोबारा उसी जांच का मैसेज आया। जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव बताई गई। इसी तरह वार्ड 34 के एक युवक ने बताया कि उसके परिवार की जांच रिपोर्ट का मैसेज पहले निगेटिव आया था लेकिन बाद में पॉजिटिव का मैसेज आया है।
तकनीकी खामी बता रहे अधिकारीइधर, इस गफलत को चिकित्सा अधिकारी तकनीकी खामीं बता रहे हैं। मामले में रींगस सीएचसी प्रभारी डा. विनोद गुप्ता ने बताया कि सॉफ्टवेयर की तकनीकी समस्या के चलते पहले निगेटिव का मैसेज चला गया था। सॉफ्टवेयर ठीक करने के बाद लोगों के पास दोबारा से सही मैसेज गया है।

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