सीकर. राजस्थान के सीकर जिले की श्रीमाधोपुर नगर पालिका में बहुमत के पास हिचकौले खाती कांग्रेस व भाजपा की सियासत में सोमवार को कांग्रेस ने ‘खेला’ कर दिया। पालिका में भाजपा के बोर्ड के बावजूद पहली बैठक में ही विपक्षी कांग्रेस ने यहां अपने सारे प्रस्ताव पेश कर उन्हें सर्व सम्मति से पास कर दिया। जो संभवतया प्रदेश में विपक्ष का पहला मामला है। दरअसल 35 सीटों वाले बोर्ड में 18 सदस्यों के साथ बोर्ड बनाने वाले भाजपा की वार्ड 23 की पार्षद अंजना देवी को दो से ज्यादा संतान होने की कांग्रेस की शिकायत पर स्वायत्त शासन विभाग ने तीन दिन पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया था। जिसके बाद भाजपा व कांग्रेस दोनों 17-17 सीटों की बराबरी पर आ गई। इसी बीच पहले से तय सोमवार की बैठक आ गई। जिसमें बोर्ड अध्यक्ष हरिनारायण महंत सहित भाजपा का कोई पार्षद नहीं पहुंचा। उधर, कांग्रेस के सारे 17 पार्षद बैठक में पहुंचे। जिन्होंने अपने प्रस्ताव सदन में रखे और कांग्रेस विधायक दीपेन्द्र सिंह शेखावत के मत सहित उन सभी प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पास भी कर दिया।
पहले अध्यक्ष ने ही दी सहमति, फिर पत्र पर उठा सवालसोमवार की बैठक के लिए पहले बोर्ड अध्यक्ष हरिनारायण महंत ने ही सात अप्रेल को सहमति दी थी। लेकिन, बैठक से पहले ही भाजपा की एक पार्षद कम होने पर वही भाजपा पार्षदों सहित बैठक में नहीं पहुंचे। हालांकि उन्होंने इसका जिम्मेदार पालिका के ईओ को ठहराया है। उनका कहना है कि ईओ ने बैठक के लिए पालिका उपाध्यक्ष को जो पत्र भेजा उसमें बैठक की तारीख व समय नहीं था। पत्र पर डिस्पेच नम्बर भी नहीं थे। जिसे लेकर उन्होंने कलक्टर व स्वायत शासन विभाग को भी शिकायत की है।
ईओ का तर्क पत्र लेकर दी प्राप्ति रसीदइधर, मामले में ईओ रजत जैन का कहना है कि पत्र के जरिये उन्होंने उपाध्यक्ष को बैठक की तारीख व समय बताया था। उपाध्यक्ष ने बकायदा पत्र प्राप्ति की रसीद भी दी थी। ऐसे में बैठक की तिथि व समय नहीं बताने का आरोप निराधार है। यहां ये भी बतादें कि चुनाव बाद से ईओ रजत जैन व भाजपा के संबंध भी सही नहीं रहे हैं। अध्यक्ष के कार्यग्रहण समारोह से ही ईओ जैन पूर्व विधायक झाबर सिंह खर्रा व भाजपा पार्षदों के निशाने पर रहे हैं।
सियासी ड्रामे के बीच बना था बोर्डश्रीमाधोपुर नगरपालिका में इस साल जनवरी में हुए चुनाव के बाद से ही सियासी खेल देखने को मिल रहा है। 35 सीट के लिए हुए पालिका चुनाव में यहां कांग्रेस को 14 व भाजपा को 12 सीट मिली थी। जिसके बाद कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव जीते हरिनारायण महंत भाजपा में शामिल हो गए थे। इनके साथ दो निर्दलीय व एक कांग्रेसी पार्षद शामिल होने पर भाजपा ने बहुमत हासिल कर लिया। जिसके बाद हरिनारायण महंत ही पालिकाध्यक्ष नियुक्त हुए। तब से कांग्रेस व भाजपा की तकरार में यहां तेजी चल रही है।
ये प्रस्ताव हुए पास विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत की उपस्थिति व नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगर पालिका में कार्य व्यवस्था हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 में किए जाने वाले ठेका अनुबंध पर विचार करने, नगर पालिका क्षेत्र में गंदे पानी की निकासी के लिए मड पंप खरीदने, नगर पालिका क्षेत्र में कचरा संग्रहण के लिए ट्रैक्टर और ट्राली खरीदने, सफाई के लिए अनुबंध करने, कचरा निस्तारण के लिए डंपिंग यार्ड के लिए मशीन खरीदने व ठेका देने सरीखे प्रस्तावों पर विचार कर उन्हें सर्वसम्मति से पारित किया गया।
इनका कहना है: ईओ द्वारा रपालिका बैठक की तिथि व समय नहीं बताया गया। जिसकी वजह से बैठक में शामिल नहीं हो पाए। कलक्टर व स्वायत शासन विभाग को पत्र लिखा है।हरिनारायण महंत, पालिकाध्यक्ष, श्रीमाधोपुर, सीकर।
उपाध्यक्ष को पत्र के साथ समय व तिथि बताई गई थी। जिसकी प्राप्ति रसीद भी है। आरोप निराधार है।रजत जैन, ईओ, नगरपालिका, श्रीमाधोपुर, सीकर।
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