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प्रदेश में कमेटी के नाम पर कांग्रेस सरकार की वोटों पर नजर ! चुनाव से पहले बढ़ी गफलत

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अजय शर्मा, सीकर.
पिछले एक महीने से प्रदेश में चल रही ग्राम पंचायतों के पुनगर्ठन ( Reorganization of Gram Panchayats ) की चाबी अब सरकार ने मंत्रिमण्डलीय उप समिति के हाथ में दे दी है। छह सदस्यीय मंत्रियों की कमेटी को सरकार ने जनहित की आड़ का वीटो पावर भी दे दिया है। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार पंचायतों के पुनर्गठन पर अंतिम मुहर लगाएगी। वोट बैंक की सियासत के लिए सरकार की यह कमेटी जिला कलक्टरों की ओर से लिए फैसलों का भी रिव्यू करेगी। कमेटी के अध्यक्ष उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ( Deputy Chief Minister Sachin Pilot ) होंगे। जबकि स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ( Minister of Autonomous Governance Shanti Dhariwal ), सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ( Social Justice Minister Bhanwarlal Meghwal ), राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ( Revenue Minister Harish Chaudhary ), सहकारिता मंत्री अंजना उदयलाल ( Cooperative Minister Anjana Udayalal ) व शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ( Education Minister Govind Singh Dotasara ) समिति में सदस्य के तौर पर शामिल होंगे। समिति के अक्टूबर के पहले सप्ताह तक रिपोर्ट देने की संभावना है।
अगले साल चुननी है गांवों की सरकार ( Panchayat Election in Rajasthan )अगले साल गांवों की सरकार के चुनाव होने है। इसके लिए सरकार पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर कार्यकर्ताओं की नाराजगी लेने के मूड में नहीं है। इसलिए संगठन की ओर से आए प्रस्तावों पर भी मंत्रीमण्डलीय समिति चर्चा करेगी।
400 ग्राम पंचायत 13 पंचायत समिति कांग्रेस सरकार ने शहरी निकायों के पुनर्गठन का काम अपनी मंशा के अनुसार पूरा कर लिया है। चुनाव वाली नगर निकायों में वार्डो की आरक्षण लॉटरी भी निकल चुकी है। फरवरी में होने वाले पंचायत चुनाव से पहले सरकार प्रदेश में कम से कम 450 नई ग्राम पंचायतें और 15 नई पंचायत समितियों गठित करने की तैयारी में है।
20 साल बाद भाजपा ने किया था पुनर्गठनअब कांग्रेस सरकार से पहले पिछली भाजपा सरकार ने 20 साल बाद पंचायतों का पुनर्गठन किया था। इस दौरान 723 नई ग्राम पंचायत और 47 नई पंचायत समितियां बनाई थी। अब कांग्रेस सरकार ने तय किया है कि जिन ग्राम पंचायतों की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 8 हजार से ज्यादा है उनको दो टुकड़ों में बांटा जाएगा।
33 कलक्टर, 2000 से अधिक आपत्तिसरकार ने पंचायतीराज विभाग की ओर से नई ग्राम पंचायतों और नई पंचायत समितियों के नामों की अधिसूचना जारी होनी थी। सरकार ने जिला कलक्टरों को 80 दिन का समय दिया था। प्रदेश के सभी जिलों कलक्टरों के पास दो हजार से अधिक आपत्ति दर्ज हुई है। जिला कलक्टरों ने फाइल पंचायतीराज विभाग को भिजवा दी है।
05 वार्ड कम से कम अनिवार्यएक ग्राम पंचायत में न्यूनतम 4000 व अधिकतम 6500 की आबादी का आधार है। एक ग्राम पंचायत में कम पांच वार्ड अनिवार्य है। एक पंचायत से टूटकर दूसरी पंचायत में शामिल किए होने वाले गांव की पंचायत मुख्यालय से दूरी आठ किलोमीटर से ज्यादा नहीं होने के मामले में भी काफी पेंच है। अब अंतिम निर्णय सरकार की कमेटी करेगी।
फैक्ट फाइलजिलों की संख्या: 33पंचायत समिति: 295ग्राम पंचायत: 9891औसत एक जिले में ग्राम पंचायत: 300एक पंचायत समिति में औसत ग्राम पंचायत: 34एक जिले में औसत पंचायत समिति: 09ग्रामीण जनसंख्या: 5.15 करोड़
अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए राज्य सरकार का रोडमैप भी तैयार जिले व जनप्रतिनिधियों से प्राप्त ऐसे प्रस्ताव जो पुनर्गठन, नव सृजन हेतु निर्धारित न्यूनत जनसंख्या या दूरी आदि मापदंडों को पूरा नहीं करते हो लेकिन जनता की सुविधा व प्रशासनिक लिहाज से पुनर्गठन किया जाना उचित है तो कमेटी शिथिलिता दे सकेगी।जिलों से आए ऐसे प्रस्ताव जो निर्धारित मापदंडों की पूर्ति करते है लेकिन जनहित में नहीं है उनको कमेटी अस्वीकृत भी कर सकेगी। समिति दोनों श्रेणी के प्रस्तावों को अपनी अनुशंषा के साथ मुख्यमंत्री को भेजेगी। जिस पर आगे कार्रवाई होगी।

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