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कम्प्यूटर मिटाएगा बेरोजगारी का दाग, इंजीनियरिंग कॉलेजों को मिलेगी संजीवनी

सीकर.कोरोना और घटते रोजगार की वजह से विद्यार्थियों को तरस रहे प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों को जल्द संजीवनी मिलने की आस है। इसके पीछे मुख्य वजह प्रदेश में लगभग दस हजार पदों पर होने वाली कम्प्यूटर शिक्षक और सूचना सहायक भर्ती है। इस भर्ती का असर इंजीनियरिंग कॉलेजों की सीएस (कम्प्यूटर साइंस) ब्रांच के दाखिले पर पडऩे की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा सीएस ब्रांच में लगातार बेरोजगारी के दौर से गुजर रहे युवाओं को भी इस भर्ती के जरिए राहत मिलेगी। प्रदेश के बेरोजगारों को दिवाली तक कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती की विज्ञप्ति के जरिए सौगात मिलने की संभावना है। पिछले दिनों शिक्षा विभाग की ओर से दस हजार पदों के लिए होने वाली कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती के लिए सिलेबस जारी कर परीक्षा एजेंसी का भी निर्धारण कर दिया गया था। सूत्रों का कहना है कि यदि दिवाली तक विज्ञप्ति जारी होती है तो दिसम्बर-जनवरी तक परीक्षा भी होने के आसार है।
हर साल 40 से 50 फीसदी सीट खालीप्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में पिछले सात सालों की प्रवेश प्रक्रिया की बात करें तो औसतन 40 से 50 फीसदी सीट खाली रही है। एक्सपर्ट ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में हर साल 25 हजार और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में दस से बारह हजार सीट खाली रह रही हैं।
छह साल में 70 कॉलेजों में शून्य नामांकनप्रदेश में छह सालों में 70 इंजीनियरिंग कॉलेज नामांकन शून्य घोषित कर चुके हैं। कई कॉलेज ऐसे थे जिनमें पहले दो पारी संचालित होती थी। लेकिन घटते क्रेज की वजह से एक पारी पर भी ताला लटकने की नौबत आ रही है। अब तक 55 इंजीनयरिंग कॉलेजों ने इस क्षेत्र से विद्यार्थियों के मोहभंग होने से कॉलेज में दूसरे पाठ्यक्रम भी शुरू कर दिए हैं।
इसलिए कमजोर हुआ क्रेज, फिर जगी उम्मीदइंजीनियरिंग कॉलेजों में वर्ष 2002 से 2005 तक सबसे ज्यादा सीटों में बढ़ोतरी हुई। लेकिन रोजगार के अवसर इतने नहीं बनने की वजह से 40 फीसदी इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को रोजगार नहीं मिल सका। इस कारण वर्ष 2010 से 2017 तक क्रेज काफी कम हुआ।
इन 3 कारणों से कम्प्यूटर साइंस को मिली संजीवनी
1. सूचना सहायक: सात हजार पदों पर भर्ती की संभावनाप्रदेश के सरकारी कार्यालयों में भी कामकाज ऑनलाइन की तरफ बढऩे लगा है। ऐसे में लगातार सभी विभागों में सूचना सहायक के पद भी सृजित हुए हैं। सूचना सहायक की भर्ती में भी लगातार इंजीनियरिंग विद्यार्थी बाजी मार रहे हैं। अगले दो सालों में सात हजार से ज्यादा पदों पर और भर्ती होनी की संभावना है।
2. कम्प्यूटर शिक्षक: खुली राह तो अब लगातार भर्तियांइंजीनियरिंग क्षेत्र के बेरोजगारों को कम्प्यूटर शिक्षक के पद सृजित कराने में लगभग दस साल का वक्त लग गया। अब पद सृजित होने पर लगातार भर्ती होने की संभावना है। दस हजार पदों की भर्ती पूरी होने के बाद अगले चरण में एक और भर्ती के आसार है।
3. निजी सेक्टर: कोरोना से बदली राहें, मिल रहा फायदाकोरोना के बाद निजी सेक्टर में सीएस ब्रांच के बेरोजगारों के लिए सबसे ज्यादा नई राहें खुली हैं। आइटी एक्सपर्ट का कहना है कि आगामी एक साल में निजी क्षेत्र में सीएस ब्रांच के युवाओं को एक लाख से अधिक नौकरी अकेले राजस्थान में मिलने की संभावना है।
एक्सपर्ट व्यू:भविष्य बेहतर, इस साल अच्छा रुझानसीएस ब्रांच के युवाओं का भविष्य अब काफी बेहतर है। सरकारी क्षेत्र के साथ निजी क्षेत्र में भी रोजगार की लगातार नई राहें खुल रही हैं। इसी का परिणाम है कि अब राजस्थान के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीएस ब्रांच की सीटें पूरी भरी है।डॉ. शीशराम रणवां, एक्सपर्ट, इंजीनियरिंग सेक्टर

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