रींगस. खाटूश्यामजी मेले में आने वाले श्याम भक्तों को कोविड जांच के बाद ही खाटूश्यामजी भेजने के प्रशासन के दावे मेला शुर होने बाद भी खोखले साबित हो रहे हैं। प्रशासन द्वारा भी जांच के लिए महज बेरिकेटिंग व टैंट ही लगाए गए है, लेकिन बुधवार को एक भी अधिकारी या कर्मचारी इन टैंट में नजर नहीं आया। गौरतलब है कि प्रशासन द्वारा इस बार दावे किए गए थे कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की कोविड जांच के बाद ही उन्हें खाटूश्यामजी की पदयात्रा के लिए रींगस से भेजा जाएगा। प्रशासन द्वारा खाटूमोड़ पर जिकजेक बलिया व टेंट लगाया गया है। पहले दिन कोई भी अधिकारी या कर्मचारी यहां डयूटी करता नजर नहीं आया। श्रद्धालु बेधड़क रींगस से खाटूश्यामजी की पैदल यात्रा करते नजर आए। आमजन के लिए प्रशासन ने बढाई मुसीबतें खाटूश्यामजी मेले को लेकर प्रशासन द्वारा इस बार की गई व्यवस्थाओं ने कस्बे के लोगों के लिए मुसीबतें खडी कर दी है। प्रशासन द्वारा हर बार मेले के अंतिम 3 दिन कस्बे में बैरिकेट लगाकर यातायात को रोका जाता है, लेकिन इस बार मेले की शुरुआत में ही भेरुजी मोड़ व कस्बे के अन्य मुख्य मार्गों पर बैरिकेट लगाकर कस्बे में आने वाले वाहनों को रोक दिया गया है। इन बैरिकेट के कारण आमजन को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार शाम भेरुजी मोड़ पर कस्बे के ही वाहनों को प्रवेश नहीं देने के चलते बार-बार लोग पुलिस जवानों से उलझते नजर आए। उधर खाटूश्यामजी मेले को लेकर जिला प्रशासन ने रींगस को बैरिकेट्स में कैद कर दिया। मेले की सुरक्षा व्यवस्थाओं के तहत भैरूजी मोड़ की मुख्य सड़क पर मिल तिराहे के पास बीकानेर बस स्टैंड खाटू मोड़ सहित शहर में आने जाने वाले अन्य तमाम रास्तों पर बैरिकेट्स लगा दिए। जबकि शहर की जनता कई सालों से स्थानीय स्तर से लेकर जिला स्तर तक मेले के दौरान रास्ते खोलने की मांग करती आई है। इन रास्तों में चौपाहिया वाहनों को तो छोडि़ए दुपहिया वाहनों को भी शहर में से आने जाने नहीं दिया जा रहा। इससे कस्बे समेत आसपास के गांव धनिया सहित हजारों लोगों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। रींगस में अभी तक कोई पास व्यवस्था प्रशासन ने जारी नहीं की है इसके बावजूद भी थाना प्रभारी कह रहे हैं कि पास दिखाने पर ही प्रवेश दिया जाएगा। रींगस के बीचोबीच खाटूश्यामजी के मंदिर के समकालीन ही बना हुआ प्राचीन श्याम मंदिर है जिसमें इसी एकादशी को विशाल मेला लगता है। श्याम मंदिर रींगस ट्रस्ट के पदाधिकारियों सहित कई संगठनों ने इस संबंध में सालों से उच्च अधिकारियों को अवगत करा रहे हैं। मंदिर प्रशासन द्वारा रींगस के धायल हॉस्पिटल के सामने निजी पार्किंग व्यवस्था की है जिसमें सैकड़ों गाडिय़ां खड़ी हो सकती है। इससेना तो यातायात बाधित होगा और ना ही श्याम भक्तों को किसी प्रकार की कोई परेशानी होगी लेकिन प्रशासन ने इस और भी कोई ध्यान नहीं दिया। उधर नगरपालिका उपाध्यक्ष अमित शर्मा ने कहा कि प्रशासन का यह रवैया हठधर्मिता पूर्वक है। रींगस में आने-जाने के सभी रास्ते खुले रहने चाहिए। वहीं रींगस थाना प्रभारी बद्री प्रसाद मीणा ने कहा कि जो पास दिखाएगा उससे ही रींगस शहर में प्रवेश दिया जाएगा।
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