#Change Maker 2.0 : सीकर. शहर में बेतरतीब तरीके से खड़ी की गई अवैध इमारतें जनता के लिए बड़ी परेशानी बन गई है। सबसे बड़ी परेशानी पार्र्किंग की है। इन बहुमंजिला भवनों में निर्माण के दौरान पार्र्किंग के लिए जगह छोड़ी गई थी, लेकिन भवन मालिकों ने अपने फायदे के लिए पार्र्किंग की जगह को भी बेच दिया। ऐसे में हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। निकाय चुनाव को लेकर चलाए जा रहे विशेष अभियान हमारा हीरो ही हमारा नेता के तहत शहर के वार्ड 33 शेखपुरा मोहल्ला में पहुंची तो ऐसी ही समस्या से सामना हुआ। लक्ष्मी मार्केट के पीछे गली में वाहनों के कारण जाम की स्थिति थी। वहां खड़े मोहल्ले के लोगों का कहना था कि यह स्थिति हर दिन रहती थी। मार्केट में अधिकतर दवाइयों की दुकान है।[MORE_ADVERTISE1]
[MORE_ADVERTISE2]इसके अलावा इस गली में तीन बड़े अन्य मार्केट भी है। किसी भी मार्केट में वाहन पार्र्किंग की समूचित व्यवस्था नहीं है। वार्ड की लगभग सभी गलियों में पक्की सडक़ और नालियों का निर्माण इस कार्यकाल हो गया। लेकिन सफाई की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से जगह-जगह पर कचरे के ढेर लगे है।
वार्ड अंकवाणी: लक्ष्मी मार्केट क्षेत्र: 80 फीसदीबाकी क्षेत्र: 40 फीसदीकुल अंक: 60 फीसदी
चर्चा में यह रहे शामिल संजीव नेहरा, राजकुमार शर्मा, बसंत कलावटिया, रमेश नरूका, अजीज खां पठान, लोकनाथ मित्तल, कौशल शर्मा, किशन पाराशर, अभिषेक काबरा।[MORE_ADVERTISE3]बिखरा रहता है बायोवेस्ट लोगों का कहना है कि क्षेत्र में कई अस्पताल भी है। सबसे बड़ा कल्याण अस्पताल भी इसी क्षेत्र से सटा हुआ है। ऐसे में अस्पताल संचालक संक्रमित कचरे के निस्तारण को लेकर भी गंभीर नहीं है। सामान्य कचरे के ढेर में ही संक्रमित और दवाइयों का कचरा भी फैंक दिया जाता है।वार्ड एजेंडा: वार्डवासियों के मुताबिक आगामी चुनाव में पार्किंग, कचरा संग्रहण, अतिक्रमण और आवारा पशुओं की समस्या प्रमुख मुद्दे होंगे। इन समस्याओं से निजात दिलाने वाले उम्मीदवार उनकी पहली पसंद होंगे।पार्षद के दावे: वार्ड के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी है। छोटी समस्या को भी व्यक्तिगत तौर पर सुलझाने का प्रयास किया है। सडक़, नाली, पेयजल, सफाई व रोशनी के लिए लाखों के काम वार्ड में करवाए हैं। -नीतू तिवाड़ी, पार्षद