सीकर.
#Changemaker 2.0 : वार्ड की कई गलियों में कभी सडक़ नहीं बनी। कचरे की गाड़ी भी कभी कभार पहुंचती है। पानी की समस्या ऐसी है कि सर्दियों में भी टेंकर मंगवाना पड़ रहा है। सुनवाई भी किसी स्तर पर नहीं हो रही। यह हालात धोद रोड की बिस्मिल्ला कॉलोनी की है। निकाय चुनाव को लेकर चलाए जा रहे विशेष अभियान हमारा हीरो ही हमारा नेता के तहत पत्रिका टीम शहर के वार्ड 19 में पहुंची तो कुछ ऐसी ही स्थिति सामने आई। वार्डवासियों का कहना है कॉलोनी में ना तो कचरा पात्र है और ना ही नगर परिषद की कचरा गाड़ी नियमित पहुंचती है। ऐसे में लोगों को मजबूरन खुले में कचरा डालना पड़ रहा है। समय पर नहीं उठने से कचरा वार्ड में बीमारी बढ़ा रहा है। पानी निकासी के लिए नालियां ठीक नहीं बनी हुई है। नालियों की सफाई भी लोगों को खुद हाथ ही करनी पड़ रही है। वार्ड में रोशनी की भी माकूल व्यवस्था नहीं है। रोड लाइट खराब होने पर कई दिनों तक बदली नहीं जाती। इस दौरान शमीम, रहीसन, बाबूलाल सहित कई लोग मौजूद रहे।[MORE_ADVERTISE1]
[MORE_ADVERTISE2]पार्षद से विधायक तक लगा चुके गुहारवार्डवासियों की मानें तो वह करीब 10 साल से इन समस्याओं से जूझ रहे हैं। जिसेे लेकर वह पार्षद से लेकर सभापति और सीकर विधायक तक से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन, हर जगह से केवल आश्वासन ही मिला। समस्या हल करने वार्ड में कोई नहीं पहुंचा।
[MORE_ADVERTISE3]हजार रुपए पानी खर्चवार्डवासियों का कहना था कि कॉलोनी में पानी बरसात में जलभराव के रूप में तो देखने को मिलता है, लेकिन पीने के लिए नलों में कभी कभार ही आता है। ऐसे में पानी के टेंकर के भरोसे ही पूरी कॉलोनी का काम चल रहा है। जिसके लिए 250 से 400 रुपए तक चुकाने पड़ते हैं। गर्मियों में तो पानी की समस्या ओर ज्यादा गहरा जाती है। पानी की समस्या के चलते कई घरों का बजट गड़बड़ा गया है।हिसाब दोधोद रोड से कंवर पुरा के पास तक फैले वार्ड के ज्यादातर हिस्से में सडक़ और सफाई की समस्या है। बिस्मिल्ला और नजदीकी इलाकों में पानी की भयंकर समस्या है। कचरे से लोग बीमारी का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में इन समस्याओं की ओर क्यों ध्यान नहीं दिया जा रहा?