फतेहपुर. सीसीटीवी कैमरों से भले ही पुलिस को कई वारदातों में सुराग हाथ लगे हो, लेकिन फतेहपुर पुलिस को सीसीटीवी कैमरे लगने शायद रास नहीं आ रहे हैं। विधायक कोष से स्वीकृत लाखों की लागत से लगने वाले सीसीटीवी कैमरे लोकेशन व तकनीकी स्वीकृति नहीं भेज पाने के कारण 10 माह बाद भी नहीं लगा पाए हैं। इसी का नतीजा है कि जिला परिषद से बजट स्वीकृत नहीं हो पाया। जानकारी के अनुसार कस्बे में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए पूर्व विधायक नन्द किशोर महरिया ने विधायक रहते समय अपने विधायक कोष से दस लाख रुपए की अनुशंषा की थी। उन्होंने आचार संहिता लगने के पहले उक्त राशि की अनुशंषा कर जिला परिषद भिजवा दी। जिला परिषद सीइओ ने 5 अक्टूबर 2018 को पुलिस उपाधीक्षक को लिखकर उक्त कैमरों के लिए तकनीमा बनाकर भेजने के लिए आदेश जारी किए। 10 महीने से अधिक वक्त बीत जाने के बाद भी पुलिस ने वापस तकनीमा बनाकर नहीं भेजा। तकनीकी सेक्शन नहीं होने तक सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है। नतीजा सरकारी पैसा भी जनता के काम नहीं आ पा रहा है।कार्यक्रम में घोषणाशेखावाटी व्यापर संघ की ओर से सितंबर माह में नन्द किशोर महरिया का नागरिक अभिनंदन किया गया था। उस वक्त व्यापारियों ने शहर की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का आग्रह किया था। इस पर विधायक ने विधायक कोष से दस लाख रुपए देने की बात कही थी। उक्त कार्यक्रम को एक वर्ष बीत गया उसके बाद भी कैमरे महज कागजों तक सीमित है। पुलिस के बेहद मददगार हैं सीसीटीवीसीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए बेहद मददगार होते हैं। अक्सर अपराध करने के बाद अपराधी भागता है तो सीसीटीवी फुटेज में वह खुद या उसकी गाड़ी कैद हो जाती है। इससे पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लग जाते हैं। सीसीटीवी कैमरे होने पर अपराधियों में भी भय रहता है।शहर के मुख्य स्थानों पर लगेंगे कैमरेशहर में सीसीटीवी लगाने के लिए पुलिस कई बार सीएलजी बैठक में भी व्यापारियों को प्रेरित करती है। दस लाख रुपए स्वीकृत हंै ऐसे में पुलिस तकनीमा बनाकर भेज दे तो कई स्थानों पर जल्द कैमरे लगाएं जा सकते हैं। मुख्य सडक़, हाइवे तिराहा, रेलवे स्टेशन मुख्य बाजार सहित फतेहपुर के बाहर जाने के कई रास्तों पर सीसीटीवी कैमरे लगाएं जा सकते हैं।
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