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बजट की पोल: हर पंचायत में नंदीशाला का था वादा, हकीकत में एक भी नहीं खुली

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सीकर. प्रदेश में नए बजट की तैयारी हो रही है, लेकिन सरकारी वादों और दावों का क्या हश्र होता है यह इसकी बानगी भर है। पिछले बजट में सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर एक नंदीशाला खोलने का ऐलान किया था। सत्ता पक्ष ने सदन में कहा था कि आजादी के बाद किसी सरकार ने पहली बार इतनी बड़ी घोषणा की है। घोषणा को एक साल पूरा होने वाला है, लेकिन प्रदेश में सरकार एक भी ग्राम पंचायत में नंदीशाला नहीं खोल सकी। सरकार का तर्क है कि कोरोना की वजह से स्थिति बिगड़ी रही। हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर नंदीशाला खोलने के लिए नीति बनाई जा रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में वर्तमान में 11341 ग्राम पंचायतें हैं।
16 जिलों में जनता का सहयोग फिर भी काम अधूराइसके अलावा प्रदेश के 16 जिलों में जन सहभागिता योजना के तहत नंदीशाला का निर्माण होना है। लेकिन सरकार इन जिलों में भी नंदीशाला नहीं बनवा सकी। योजना के तहत झुंझुनूं, अजमेर, दौसा, भरतपुर व पाली जिले में काम चल रहा है। हालांकि सरकार का दावा है कि इनमें से कई जिलों में काम पूरा हो चुका है। नंदीशाला में आवारा पशुओं को भेजना भी शुरू कर दिया है। वहीं शेष 11 जिलों बीकानेर, करौली, हनुमानगढ, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, बाड़मेर, बारां, प्रतापगढ, सवाई माधोपुर, नागौर एवं जालौर में नंदीशाला का कार्य अभी तक शुरू ही नहीं हुआ है। जन सहभागिता योजना के तहत इन जिलों को सरकार ने 45-45 लाख रुपए का बजट आवंटित किया था।
बेसहारा पशुओं ने छीना कई घरों का सहारा
शेखावाटी में बेसहारा पशुओं का आतंक कम नहीं है। पिछले पांच साल में शेखावाटी में आवारा पशुओं ने 9 लोगों की जान ले ली। इसके अलावा हाईवे पर आवारा पशुओं की वजह से हर साल 340 से अधिक सड़क हादसे भी हो रहे हैं।
रातभर निगरानी, लाखों का नुकसानकिसानों की पीड़ा है कि आवारा पशु लगातार फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। आवारा पशुओं की वजह से किसानों को मजबूरी में रातभर खेतों की निगरानी करनी पड़ रही है। इसके बाद भी आवारा पशु किसानों के खेतों में लाखों रुपए का नुकसान कर रहे हैं।
अपने-अपने तर्क
भाजपा : सरकार ने जनता को किया गुमराहकांग्रेस सरकार ने युवाओं, किसानों व महिलाओं से झूठे वादे कर सत्ता हासिल कर ली। पिछले बजट में हर ग्राम पंचायत पर नंदीशाला खोलने की बात कही थी, लेकिन सरकार एक भी नंदीशाला नहीं खोल सकी। दूसरी तरफ कांग्रेस किसानों की हितेषी होने का दावा कर रही है।लक्ष्मीकांत भारद्वाज, भाजपा नेता
कांग्रेस : बजट की दिक्कत थी, जल्द खुलेगी
बजट की दिक्कत की वजह से ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर नंदीशाला नहीं खुल सकी। सरकार किसानों के मुद्दों को लेकर बेहद गंभीर है। जल्द ही हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर नंदीशाला खुलेगी। सरकार की मंशा बिल्कुल किसान हित में है।हाकिम अली, प्रदेश महासचिव, कांग्रेस

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