सीकर. लॉकडाउन (Lock down) की वजह से बेरोजगार हुए प्रवासी कामगारों को मनरेगा ने बड़ी संजीवनी दी है। जिले में पिछले साल के रेकार्ड गुरुवार को टूट गए। (Broken five-year record of employment in MNREGA) मनरेगा के जरिए रोजगार हासिल करने वाले श्रमिकों का आंकड़ा 50 हजार को पार कर गया है। अगले सप्ताह तक यह आंकड़ा 55 हजार को पार कर सकता है। लगातार प्रवासियों के आने और मनरेगा में काम मांगे जाने के बाद जिला परिषद अमला इस योजना को लेकर बेहद गंभीर हो गया है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से लेकर अन्य अधिकारियों की टीम रोजाना कार्य स्थलों का निरीक्षण कर रही है। मनरेगा योजना में प्रत्येक ग्रामीण को 100 दिन के काम का अधिकार है। पहले दूसरे धंधों में लगे कामगार लॉकडाउन की वजह से गांव-ढाणियों में आ गए। ऐसे में अब उनको इस योजना का काफी सहारा मिल रहा है। अब राज्य सरकार की ओर से प्रवासी श्रमिकों के मनरेगा के जॉबकार्ड बनाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। इसके तहत श्रमिकों के नए जॉबकार्ड भी बन रहे हैं।
1422 स्थानों पर काम
जिला कलक्टर यज्ञमित्र सिंह देव ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों को तत्काल जॉब कार्ड जारी करने के निर्देश दिए गए है। मनरेगा के तहत 1422 कार्यों पर 50830 श्रमिक नियोजित हुए है। कलक्टर ने बताया कि यह आंकड़ा पिछले साल में सबसे ज्यादा है।
10 से ज्यादा श्रेणियों में काम
जिले में मनरेगा के तहत 10 श्रेणियों में काम हो रहा है। जिला कलक्टर यज्ञ मित्र सिंह देव ने बताया कि स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यह काम किए जा रहे हैं। जिनमें गांव-ढाणियों में तालाबों का जीर्णाद्वार, बांध निर्माण, नए तालाबों का निर्माण, मेड़बंदी, भूमि समतलीकरण, जलकुण्ड आदि कार्य हो रहे हैं।
स्वदेशी स्वावलम्बन अभियान का शुभारंभ
रींगस. कस्बे में स्वदेशी जागरुकता मंच ने गरुवार को स्वदेशी स्वावलंबन डिजिटल हस्ताक्षर अभियान शुभारंभ किया गया। मंच के उप जिला संयोजक एडवोकेट रामकिशन सैनी ने बताया कि लोगों को विदेशी उत्पाद का बहिष्कार करने के लिए जागरुक किया जा रहा है। तहसील समिति के सदस्य ओमप्रकाश लालू कोरखन्या ने बताया कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा।
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