सचिन माथुरसीकर. शेखावाटी वीर ही नहीं वीरांगनाओं की धरती भी है। जो जल व थल सहित आकाश में भी हौसलों व कामयाबी के विमान उड़ाकर दुश्मनों को दहला रही है। अजीतगढ़ के हरदासका बास निवासी स्क्वाड्रन लीडर स्नेहा शेखावत भी उन्हीं वीर बेटियों में से एक है जो अमरीका के ‘ओवारा’ जैसे शक्तिशाली विमान को उड़ाने के साथ गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के राजपथ पर एयरफोर्स की टुकड़ी की अगुआई करने वाली पहली महिला का गौरव हासिल कर चुकी है। यही नहीं, तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे में भी देश की महिला शक्ति का नेतृत्व कर चुकी है। स्नेहा की कार्यकुशलता, कार्यक्षमता व देश सेवा का जज्बा ही है कि कार्यकाल पूरा होने पर भी सरकार ने उन्हें स्थाई कमीशन से नवाजा है।
राजपथ पर किया नेतृत्व, ओबामा के सामने दिखाई ताकतगणतंत्र दिवस पर राजपथ पर एयरफोर्स की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला का खिताब स्नेहा के ही नाम है। 2012 में 144 वायुसेना कर्मियों के दल का नेतृत्व करते हुए स्नेहा ने ‘एयर बैटलÓ धुन पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को मार्चपास्ट की सलामी दी थी। इसके अलावा 2015 के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बराक ओबामा के सामने भी स्नेहा ने जल, थल व वायु सेना के महिला अधिकारी दल की अगुआई कर ‘महाशक्तिÓ को भारत की ‘महिला शक्तिÓ दिखाई थी।
बेस्ट लेडी पायलट से बेस्ट वुमन अचीवर तक के खिताबगुजरात में स्कूल व जोधपुर में कॉलेज शिक्षा पूरी कर वायुसेना में पहुंची स्नेहा हैदराबाद ट्रेनिंग सेंटर में बेस्ट लेडी पायलट रह चुकी है। कई आपदा राहत अभियानों का हिस्सा रह चुकी स्नेहा 2015 में गुजरात मुख्यमंत्री आनंदी बेन से वुमन अचीवर अवॉर्ड भी प्राप्त कर चुकी है। स्नेहा के पिता महावीरसिंह शेखावत गुजरात राज्यपाल कार्यालय में अंडर सचिव पद से सेवानिवृत है।
बचपन से था उडऩे का ख्वाबबकौल स्नेहा उडऩे का ख्वाब उन्होंने बचपन से ही देखना शुरू कर दिया था। वह कागज के हवाई जहाज बनाकर भी उड़ाती थी। सपना भी डिफेंस में ही जाने का देखा। जो बाद में संकल्प और फिर हकीकत में बदल गया।
वायुसेना दिवस विशेष : राजस्थान की स्नेहा ने ‘महाशक्ति’ को दिखाई थी ‘महिला शक्ति’
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