सीकर. जिला प्रशासन ने भले ही कक्षा एक से पांचवी तक की स्कूलों में क्लास लगाने पर रोक लगा दी हो। लेकिन कई स्कूल प्रबंधन फीस के फेर में बच्चों की परीक्षा कराने की तैयारी में जुटे हैं। इसके लिए निजी स्कूलों ने टाईम टेबल भी जारी कर दिया है। कई निजी स्कूलों की ओर से अभिभावकों को टाइम टेबल के साथ फीस जमा कराने का नोटिस भी भेजा जा रहा है। जबकि 31 मार्च तक कक्षा संचालन पर रोक के साथ सरकार ने दो दिन पहले ही पांचवी तक के बच्चों को बिना परीक्षा ही क्रमोन्नत करने का फैसला सुनाया था। इस मामले में शिक्षा विभाग की कमजोर प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। अभिभावकों में भी असमंजस व आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
यह है मामलाकोरोना वायरस की वजह से देश में लगे लॉकडाउन के दौरान सरकारी व निजी स्कूल भी बंद कर दिए गए थे। जिन्हें राजस्थान में 18 जनवरी से अनलॉक करना शुरू किया गया। लेकिन, कोरोना के खतरे के बीच पांचवी तक के बच्चों का कक्षा संचालन राज्य सरकार ने फिर भी बंद ही रखा। जिसकी समय अवधि 31 मार्च तक बढ़ा दी गई। पर बड़ी कक्षाओं की आड़ में निजी स्कूलों ने पांचवी तक की कक्षाएं भी दो महीने पहले ही शुरू कर दी। अब जबकि दो दिन पहले ही सरकार ने पांचवी कक्षा तक के बच्चों को बिना परीक्षा क्रमोन्नत करने का फैसला लिया है, तो भी जिले के कई स्कूल इन कक्षाओं के बच्चों की परीक्षा लेने पर तुल गए है। जिसके चलते अभिभावकों में असमंजस व आक्रोश दोनों बढ़ता जा रहा है।
स्कूल संचालकों का तर्क: सरकारी स्कूल के लिए है सरकारी आदेश
पांचवी तक के बच्चों को बिना परीक्षा क्रमोन्नत करने के सरकारी आदेश को लेकर निजी स्कूल अब अलग तर्क दे रहे हैं। उनका कहना है कि वह आदेश सरकार ने केवल सरकारी स्कूलों के लिए ही जारी किए हैं। क्योंकि आदेश में स्माइल प्रोजेक्ट व आओ घर से सीखें प्रोजेक्ट के आकलन के अनुसार बच्चों को क्रमोन्नत करने का जिक्र है। जो निजी स्कूल में लागू नहीं होते हैं।
अभिभावकों का तर्क: बढ़ते कोरोना मरीज, बच्चों को बुलाने का क्या तुकसरकारी आदेशों के खिलाफ पांचवी तक की कक्षाओं के जबरन संचालन को अभिभावकों ने गलत ठहराया है। अभिभावक संगीता का कहना है कि निजी स्कूलों द्वारा छोटी कक्षाओं का संचालन व परीक्षा केवल फीस लेने की कवायद है।
प्रशासन ने दिए स्कूल बंद के निर्देशइधर, जिले में कोरोना की दूसरी लहर की आशंका के मद्देनजर संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रशासन की बैठक हुई। जिसमें पांचवी तक के स्कूल बंद रखने सहित राज्य सरकार की बाकी गाइडलाइन की सख्ती से पालना कराने के निर्देश कलक्टर अविचल चतुर्वेदी ने दिए।
शिक्षा मंत्री ने भी माना गलत
फीस व विद्यार्थियों को क्रमोन्नत करने के मामले में विभाग स्पष्ट आदेश जारी कर चुका है। विभाग के अधिकारी लगातार आदेशों की पालना भी करा रहे हैं।गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री
सरकारी आदेशों के खिलाफ निजी स्कूलों ने की पांचवी तक परीक्षाओं की तैयारी, टाइम टेबल भेजकर मांग रहे फीस
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