सीकर. सहकारी बैंकों से ब्याज मुक्त फसली ऋण के लिए प्रदेश सरकार ने भले ही 106 करोड़ रुपए आवंटित किए हो लेकिन सीकर जिले की जरूरत पांच सौ करोड है। सहकारी बैंक का दावा है कि यह राशि मिलने से बैंक के सदस्य किसानों का ऋण मिलना शुरू हो जाएगा और खरीफ के ऋण के लिए इंतजार करने वाले किसानों सहित नए सदस्यों को भी इसका लाभ मिलेगा लेकिन जिले की जरूरत के हिसाब से यह राशि ऊंट के मुंह में जीरे के जैसी है। बैंक ने भले ही ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों को ऋण वितरण के लिए निर्देश दिए हों लेकिन लक्ष्य के अनुसार बैंक की ग्राम सेवा सहकारी समिति हाल में बने सभी नए सदस्यों को ऋण नहीं बांट सकेगी। ग्राम सेवा सहकारी समितियां अब तक महज 18 हजार ही सदस्य बना पाई जबकि नए सदस्यों के लिए 43 हजार का टार्गेट है। गौरतलब है कि खरीफ सीजन के दौरान अब तक 130 करोड़ रुपए किसानों को ब्याजमुक्त ऋण के रूप में बांटे जा चुके हैं।
प्रदेश में 19 लाख पंजीयन ऋण के लिए प्रदेश में शनिवार तक 19 लाख 22 हजार 330 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन कर दिया है। प्रदेश में 16 लाख सात हजार 102 किसानों को पैक्स के जरिए ऋण और 15 लाख पांच हजार 66 किसानों के ऋण बैंक की शाखाओं की ओर से स्वीकृत किए जा चुके हैं। सीकर जिले के 68 हजार 226 किसान के आवेदन ऑनलाइन मिले हैं। जिले की 218 ग्राम सेवा सहकारी समितियों के 18 हजार नए सदस्य बनाए जा चुके हैं। फसली ऋण के लिए पात्र है और पैक्स ने 58 हजार 174 किसानों और बैंक शाखाओं ने 56 हजार 201 किसानों के ऋण स्वीकृत कर दिए हैं।
कमेटी बनाई होगा सत्यापनप्रदेश सरकार ने सभी सहकारी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि हजारों किसान ऐसे हैं जो फिंगर प्रिंट के अभाव में फसली ऋण के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे थे। ऐसे पात्र किसानों की परेशानी को देखते हुए प्रत्येक बैंक को एसजीआर कमेटी बनानी होगी। सीकर जिले में कमेटी का गठन कर दिया है। इस तीन सदस्यीय कमेटी के सामने ऐसे मामले लाए जाएंगे। कमेटी में शामिल एक निरीक्षक, एक व्यवस्थापक और एक बैंक अधिकारी इन आवेदनों की जांच करेगी। प्रमाणित होने के बाद ऐसे आवेदन को स्वीकृत किया जाएगा और ऋण वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।प्रत्येक समिति में दो सौ नए सदस्यप्रदेश सरकार ने सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों में दो सौ नए सदस्य बनाए जाने के लक्ष्य दिए गए हैं। इन लक्ष्यों के आधार पर कई ग्राम सेवा सहकारी समितियों ने सदस्य तो बना दिए लेकिन ऋण नहीं मिल रहा था। इन किसानों को परेशानी इस बात की थी कि ऋणमाफी तो हो गई लेकिन बजट नहीं आने से राशि नहीं मिल रही थी। ऐसे में इन किसानों को अब बजट आवंटन होने से ऑनलाइन पंजीयन की अवधि को 30 सितम्बर तक कर दिया है। जिससे किसानों को ऋण मिलने की आस नजर आने लगी है।
इनका कहना हैप्रदेश सरकार ने जिले के लिए 106 करोड का बजट आवंटित किया है। यह पैसा बैंक के पास आ चुका है। इस बजट से नए व पुराने सदस्यों को खरीफ सीजन का फसली ऋण मिल सकेगा। खरीफ सीजन के लिए ऑनलाइन पंजीयन की अवधि को 30 सितम्बर तक कर दिया है। यह राशि मिलने से अब नाबार्ड की ओर से रीफाइनेंस की राशि मिलने लगेगी। जिससे बैंक के पास पैसे की समस्या नहीं आएगी।बीएल मीणा, एमडी सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक
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