Aajkal News/ New Delhi/ 14Nov 19. नवंबर महीने के शुरुआती 15 दिन पूरे होने को हैं। इस एक पखवाड़े में देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े 5 बड़े खराब आंकड़े सामने आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक देश की औद्योगिक उत्पादन में 8 साल की सबसे बड़ी गिरावट आई है तो वहीं मूडीज ने भारत के आउटलुक को निगेटिव कर दिया है। ऐसे ही कई और आंकड़े हैं जो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की टेंशन बढ़ाने वाले हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में..
खाद्य पदार्थो के कीमतों में भारी इजाफा होने के कारण देश में अक्टूबर के दौरान खुदरा महंगाई दर पिछले महीने से बढ़कर 4.62 फीसदी हो गई। देश की खुदरा महंगाई दर इस साल सितंबर में 3.99 फीसदी दर्ज की गई थी।
इसी तरह पिछले साल के मुकाबले अक्टूबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में वृद्धि दर्ज की गई। पिछले साल अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 3.38 फीसदी थी।दरअसल, सब्जियों, दालों, अंडों, गोश्त और मछली के दाम में इजाफा होने से खाद्य पदार्थो की महंगाई दर में वृद्धि दर्ज की गई है।
सितंबर महीने में देश के औद्योगिक उत्पादन में 4.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। अगस्त महीने में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में 1.1 फीसदी की गिरावट आई थी। यह पिछले आठ साल की सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले आईआईपी ने अक्टूबर 2011 में इससे निचला स्तर छुआ था, जब आइआइपी में 5 फीसदी गिरावट आई थी।.
आर्थिक सुस्ती का सामना कर रहे भारतीय अर्थव्यवस्था को रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने भी झटका दिया है. रेटिंग एजेंसी ने भारत के बारे अपने आउटलुक यानी नजरिए को ‘स्टेबल’ (स्थिर) से घटाकर ‘नेगेटिव’ कर दिया है. मूडीज के मुताबिक पहले के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था में जोखिम बढ़ गया है, इसलिए उसने अपने आउटलुक में बदलाव किया है। मूडीज के आउटलुक से यह अंदाजा लगाया जाता है कि किसी देश की सरकार और वहां की नीतियां आर्थिक कमजोरी से मुकाबले में कितनी प्रभावी हैं।
अक्टूबर 2019 में जीएसटी का कलेक्शन सालाना आधार पर घटकर 95,380 करोड़ रुपये रहा है। पिछले साल अक्टूबर में यह आंकड़ा 1,00,710 करोड़ रुपये था।फीसदी के हिसाब समझें तो अक्टूबर 2018 के मुकाबले अक्टूबर 2019 में जीएसटी संग्रह में 5.29 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इससे पहले सितंबर 2019 में जीएसटी का कलेक्शन 91,916 करोड़ रुपये था। इससे पूर्व माह यानी अगस्त में जीएसटी संग्रह 98,202 करोड़ रुपये था। एक साल पहले अगस्त में जीएसटी संग्रह का यह आंकड़ा 94,442 करोड़ रुपये था।
फेस्टिव सीजन में ऑटो इंडस्ट्री में बहुत मामूली इजाफा
कई महीनों से सुस्ती झेल रही ऑटो इंडस्ट्री के लिए अक्टूबर का महीना थोड़ा ठीक रहा। लेकिन अब भी राह आसान नहीं है. इस महीने में पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री 0.28 फीसदी बढ़कर 2,85,027 वाहन पर पहुंच गई। एक साल पहले इसी माह में घरेलू बाजार में ऐसे वाहनों की बिक्री 2,84,223 इकाई रही थी।
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