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300 किलो आटा…1000 किलो सब्जी…800 किलो मिठाई, राजा गोपीनाथ के अन्नकूट में हजारों ने पाई प्रसादी

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सीकर. 300 किलो आटा…1000 किलो सब्जी…800 किलो मिठाई! चार दिन तक 20 हलवाइयों की टीम की तैयारी! शहर के राजा गोपीनाथ मंदिर में बुधवार को भव्य स्तर पर अन्नकूट प्रसाद का आयोजन किया गया। आयोजन में हजारों लोगों ने पंगत प्रसादी पाई। बताया जाता है कि राजा के दरबार में गोवर्धन तथा गोवर्धन के बाद नवमीं को दो बार अन्नकूट प्रसाद का भोग लगाया जाता है। यह बड़ा अन्नकूट कहलाता है। मंदिर के महंत कैलाशदेव गोस्वामी ने बताया कि इस अन्नकूट के लिए पिछले चार दिन से तैयारी की जा रही थी। इस दौरान लड्डू, पेठा, दिलकसार और बालूशाही मिठाइयों के साथ लगभग पांच तरह की मिक्स नमकीन तैयार की गई। इनमें जहां 800 किलो के करीब मिठाइयों का वजन रहा, तो 500 किलो के करीब नमकीन। बुधवार सुबह करीब दस तरह की 1000 किलो सब्जियों को मिलाकर मिक्स सब्जी बनाई गर्ई। इसके अलावा 200 किलो दही से कढ़ी तैयार की गई। दोपहर बाद में 300 किलो आटे की पूरियां बनाने की तैयारी की गई। महंत ने बताया कि इस पूरे आयोजन पर जनसहयोग से करीब तीन लाख रुपए खर्च होते हैं। महाराज ने बताया कि नवमीं पर मंदिर में अन्नकूट की परम्परा पिछले 17 बरस से चल रही है।श्रीराम कथा में संतों ने कहा श्रीराम मंदिर बनने का समय आ गयाजीणमाता. यज्ञ का फल कभी व्यर्थ नही जाता। सहस्रचंडी यज्ञ जैसे विशाल महायज्ञों व संतों संयम के साथ भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर की अभिलाषा के पूर्ण होने का समय आ गया है और राम के वनवाश की तरह मंदिर निर्माण मे आने वाली बाधाये अब समाप्त होकर भव्य व दिव्य श्रीराम मंदिर का साक्षी बन हम सब फिर से दीपावली मनाने की कगार पर है।यह बात शक्तिपीठ जीणधाम में चल रही श्री रामकथा के दौरान रैवासा पीठाश्वर राघवार्चा महाराज व महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज ने व्यक्त करते हुये कहा कि राम मंदिर के बनने के को शक्तिपीठ जीणधाम में आयोजित सहस्रचंडी महायज्ञ व श्रीराम कथा के दौरान कही। भगवान शंकर विवाह की बारात का वर्णन करते हुये व्यासपीठ पर असीन प्रखर महाराज ने बताया कि दिखावे व चकाचौंध में लिप्त होकर धर्म व संस्कृति का विनाश करने से अच्छा है कि धर्म व लोक कल्याण के लिए कई बार राजसी ठाट-बांट को त्याग किया जाये। महाराज ने कहा कि किसी के चरित्र का भंजन करना महापाप है साथ ही व्यासपीठ से मनोरंजन के लिए चुटकुले सुनाने वालों पर भी महाराज ने कड़ा प्रहार करते हुये कहा कि शास्त्र से परे जाकर धर्म का व्याख्यान करने वालों ने वैदिक संस्कृति को विकृत बनाने का पाप कर रहे है। श्री जीणमाता मंदिर ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित इस विशाल धार्मिक आयोजन के अंतर्गत आयोजित सहस्रचंडी महायज्ञ में देश के प्रख्यात विद्धान के सानिध्य में चल रहे यज्ञ मण्डप की परिक्रमा करने के लिए भी सीकर तथा आसपास के गांवों के श्रद्धालुओं को मंगलवार को तांता लगा रहा। आयोजन समिति के अनुसार आसपास के गांवों से श्रद्धालुओं के पहुंचने के लिए साधनों की व्यवस्था की गई है।बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे है। इस बीच शक्तिपीठ जीणधाम में शनिवार को सहस्त्र चंडी महायज्ञ अंतर्गत विशाल कलश यात्रा निकाली गई। महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज के सानिध्य में शनिवार को श्री जीणमाता मंदिर से निकाली गई भव्य कलश यात्रा में जीणमाता पुजारी परिवार सहित सैकड़ों श्रद्धालु महिलाओं ने भाग लिया। जीणमाता के मुख्य बाजार में होकर निकाली गई कलश यात्रा का जीणमाता में जगह-जगह पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया। विभिन्न मार्गों से होती हुई कलश यात्रा आयोजन स्थल रामावि जीणमाता के खेल मैदान पहुंची जहां विधिवत पूजा-अर्चना के साथ यज्ञकलश स्थापित किये गये। इससे पूर्व यजमानों का प्रायश्चित कार्यक्रम व यज्ञ में सम्मलित ब्राह्मणों को वरण सामग्री भेंट के धार्मिक कार्य सम्पन्न किये गये। स्रहस्त्र चंडी महायज्ञ के साथ ही रविवार से भव्य श्री राम कथा का शुभारंभ होगा। प्रतिदिन दोपहर 2.30 से सायं 6.30 तक होने वाली श्री राम कथा में महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज कथा वाचन करेगें। श्रीजीणमाता मंदिर ट्रस्ट के तत्वाधान में कनोडिय़ा परिवार कानपुर के सौजन्य से 11 नवम्बर तक आयोजित होने वाली इस विशाल धार्मिक कार्यक्रम के लिए जीणमाता के मुख्य पुजारियों के मार्गदर्शन में विभिन्न स्थानों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई है। ।[MORE_ADVERTISE1]

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