आजकल राजस्थान / जयपुर।
संविदा कर्मियों को राजस्थान सरकार जल्द ही कोई बड़ी खुशखबरी दे सकती है। राजस्थान की गहलोत सरकार ने सभी विभागों से संविदाकर्मियों के संबंध में दस दिन में डिटेल रिपोर्ट मांगी है, जिससे संविदाकर्मियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया तय की जा सके। प्रशासनिक सुधार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रविशंकर श्रीवास्तव ने सचिवालय में अहम बैठक में तमाम विभागों से वर्गीकृत जानकारी 10 दिन में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश की गहलोत सरकार ने कांग्रेस घोषणा पत्र के वादे के अनुसार दो कमेटी गठित की गई थी, पहली कमेटी अतिरिक्त मुख्य सचिव रविशंकर श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित हुई, वहीं इस बारे में कैबिनेट कमेटी का भी गठन किया गया। सब कमेटी की पहली बैठक में ये निर्देश दिए गए कि संविदाकर्मियों के विभिन्न प्रकारों के विभागों में संविदाकर्मी हैं, उनके नियमितीकरण के क्या उपाय हैं? इस बारे में डिटेल रिपोर्ट दी जाए। सिर्फ 18 विभाग ही ये जानकारी दे पाए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव रविशंकर श्रीवास्तव ने सचिवालय में बैठक ली, जिसमें यह कमी साफ उभर कर सामने आई।
इस बैठक में यह भी सामने आया कि 20 विभागों ने यह लिख कर दिया है कि उनके यहां कोई भी संविदाकर्मी नहीं है। अब 10 दिन में रिपोर्ट आने के बाद फिर बैठक करके इस बारे में विचार किया जाएगा कि संविदाकर्मियों के डाटाबेस और उनके नियमितीकरण की प्रक्रिया किस तरह व्यवस्थित की जाए। बैठक में कार्मिक विभाग की प्रमुख सचिव रोली सिंह, अल्पसंख्यक मामलात विभाग की प्रमुख सचिव अपर्णा अरोड़ा, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आर वेंकटेश्वरन और आईसीडीएस निदेशक सुषमा अरोड़ा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
यह दिये हैं निर्देश
विभाग वर्गीकृत जानकारी उपलब्ध कराएं।
-इस जानकारी में यह साफ तौर पर बताया जाए कि विभाग में कितने संविदा कर्मचारी हैं।
-इनमें से कितने संविदा कर्मचारी यह जानकारी भी विस्तृत रूप से बताई जाए कि कितने संविदा कर्मी एजेंसी या ठेके के जरिए लगे हुए हैं।
– विभाग ये बताएं कि उनके यहां कितने संविदा कर्मी हैं और किस रूप में और कब से संविदा कर्मी के रूप में काम कर रहे हैं।
– इन संविदा कर्मियों का पूरा डाटाबेस बनाया जाए।
-इसकी 10 दिन में रिपोर्ट दी जाए यह भी बताया जाए कि अलग-अलग प्रकृति के संविदा कर्मियों को नियमित करने के क्या तरीके हैं।
– उन उपायों को लेकर पूरी प्रक्रिया बताई जाए।