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आजकल राजस्थान/न्यूज़ डेस्क
कर्नाटक में 21 दिन से चल रहे नाटक के बाद कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिर गई है। जहां कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को 99 वोट मिले तो वहीं भारतीय जनता पार्टी को 105 वोट मिले। कर्नाटक में पिछले 21 दिन से जारी सियासी उठापटक का आखिरकार अंत हो गया है । बार-बार टलने के बाद मंगलवार को कांग्रेस-जेडीएस सरकार का फ्लोर टेस्ट हुआ जिसके परिणाम में गठबंधन सरकार को हार का सामना करना पड़ा।
मात्र 14 महीने चली गठबंधन सरकार
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ने 14 महीने 116 विधायकों के साथ सरकार चलाई। 1 जुलाई को कांग्रेस के दो विधायकों के इस्तीफे के बाद पिछले 23 दिन से राज्य में सियासी संकट का माहौल था। राज्य में कुल 15 विधायकों के इस्तीफे के बाद 18 जुलाई को फ्लोर टेस्ट की तारीख तय हुई थी। लेकिन बार-बार हंगामे के कारण फ्लोर टेस्ट नहीं हो सका था।
इधर फ्लोर टेस्ट में हारने के बाद एचडी कुमारस्वामी राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेंगे जिसके बाद भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। भारतीय जनता पार्टी कल विधायक दल की बैठक करेगी। जिसके बाद येदियुरप्पा चौथी बार सीएम बनना लगभग तय है।
इससे पहले सोमवार को भी फ्लोर टेस्ट के लिए देर रात जनता दल सेक्यूलर और कांग्रेस विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी के विधायकों का टकराव होता रहा। जहां एक ओर बीजेपी विधायक विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग को लेकर अड़े रहे। वहीं स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कुमारस्वामी सरकार को हर हालत में मंगलवार शाम 6 बजे तक बहुमत साबित करने का अल्टीमेटम दे दिया।
फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कहा था कि खुशी से अपने पद का बलिदान करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि विश्वास मत की कार्यवाही को लंबा खींचने की उनकी कोई मंशा नहीं थी।
उन्होंने कहा, मैं विधानसभाध्यक्ष और राज्य की जनता से माफी मांगता हूं। कुमारस्वामी ने कहा, यह भी चर्चा चल रही है कि मैंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया और कुर्सी पर क्यों बना हुआ हूं। उन्होंने कहा कि जब 2018 में विधानसभा चुनाव का परिणाम आया था, वह राजनीति छोड़ने की सोच रहे थे। कुमारस्वामी ने कहा, मैं राजनीति में अचानक और अप्रत्याशित तौर पर आया था।
वहीं इससे पहले कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने मंगलवार को भाजपा पर कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार को गिराने और रिश्वत तथा विधायकों को थोक के भाव खरीद कर पिछले दरवाज़े से सत्ता में आने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
सिद्धरमैया ने विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए आरोप लगाया कि विधायकों को प्रलोभन देने के लिए 20,25 और 30 करोड़ रुपये की पेशकश की गई तथा पूछा , ये पैसा कहां से आया?
कांग्रेस विधायक दल के नेता और कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन समन्वय समिति के अध्यक्ष सिद्धारमैया ने कहा, यह राज्य के राजनीतिक इतिहास पर काला धब्बा है। सिद्धरमैया ने कहा, सब… 99 फीसदी लोग जानते हैं कि सरकार गिराने के पीछे भाजपा है। यह खुल कर कहिए।
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