बीते चार सालों के दौरान मीडिया और सोशल मीडिया में भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की बढ़ती उम्र को लेकर यह सवाल कई बार उठा कि 2019 में वो अपना आख़िरी वर्ल्ड कप खेलेंगे. हालांकि कई एक्सपर्ट यह कह चुके हैं कि किसी खिलाड़ी की उम्र से नहीं बल्कि उसकी फिटनेस और प्रदर्शन के आधार पर उसके खेले जाने और नहीं खेले जाने को लेकर सवाल उठने चाहिए.
इसके बावजूद जब-जब धोनी का प्रदर्शन थोड़ा भी लचर हुआ तब-तब उनकी उम्र को लेकर बहस छिड़ी. तो क्या वाकई धोनी की उम्र इतनी हो चली है यह समझा जाए कि यह उनका अंतिम वर्ल्ड कप होना चाहिए?
बात अगर आंकड़ों की करें तो क्रिकेट वर्ल्ड कप खेलने वाले सबसे उम्रदराज़ क्रिकेटर नीदरलैंड के नोलन एवात क्लार्क हैं.
1996 विश्व कप में जब क्लार्क दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ अपनी टीम के लिए उतरे तब उनकी उम्र 47 साल और 257 दिन था. क्लार्क के नाम अपना पहला मैच खेलने वाले सबसे उम्रदराज़ (47 साल 240 दिन) क्रिकेटर का रिकॉर्ड भी है
आपको ये भी रोचक लगेगा
- क्रिकेट वर्ल्ड कपः वेस्टइंडीज़ ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया
- महेंद्र सिंह धोनी का यह आख़िरी वर्ल्ड कप होना चाहिए?
- वर्ल्ड कप में सिर्फ़ 10 टीमें क्यों खेल रही हैं?
अगर इस रिकॉर्ड को देखें तो धोनी अभी दो वर्ल्ड कप और खेल सकते हैं लेकिन यहां दलील यह है कि वो लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेलते चले आ रहे हैं और कई प्रसिद्ध क्रिकेटरों ने तब क्रिकेटर को अलविदा कहा जब वो इसी उम्र के आस पास थे.
आख़िरी वर्ल्ड कप मैच और वनडे से संन्यास
एक और दलील यह है कि क्रिकेट के कई दिग्गजों ने वर्ल्ड कप जैसे बड़े प्लेटफॉर्म को अपने संन्यास के लिए चुना.
सर्वाधिक 46 वर्ल्ड कप मुक़ाबले खेल चुके ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोटिंग ने जब अंतिम वर्ल्ड कप मैच खेला तो उनकी उम्र 36 साल से कुछ अधिक थी. वहीं भारत के लिए सर्वाधिक 45 वर्ल्ड कप मैच खेलने वाले सचिन तेंदुलकर ने जब अपना आखिरी वर्ल्ड कप मैच खेला था तो वो अपने 38वें जन्मदिन से महज 22 दिन दूर थे.
वेस्ट इंडीज़ के दिग्गज ब्रायन लारा ने अपने 38वें जन्मदिन से महज 10 दिन पहले अपना आख़िरी वर्ल्ड कप मैच खेला था.
भारत के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले अनिल कुंबले की उम्र तब 36 साल की थी जब उन्होंने अपना वर्ल्ड कप मुक़ाबला खेला तो पहले चार वर्ल्ड कप में टीम के सदस्य रहे दिग्गज सलामी बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर ने आख़िरी वर्ल्ड कप मुक़ाबला 38 साल की उम्र में खेला.
पाकिस्तान को वर्ल्ड कप दिलाने वाले पूर्व कप्तान इमरान ख़ान ने 39 साल, सर्वाधिक छह वर्ल्ड कप खेल चुके जावेद मियांदाद ने 38 साल और सबसे अधिक वर्ल्ड कप मैच खेलने वाले वसीम अकरम ने 36 साल की उम्र में अपना आख़िरी वर्ल्ड कप मैच खेला.
श्रीलंका के लिए सबसे अधिक 40 वर्ल्ड कप मैच खेलने वाले मुथैया मुरलीधरन अपने 39 साल से महज़ 15 दिन पहले तो, इतने ही मैच खेलने वाले महेला जयवर्धने 37 साल और कुमार संगकारा भी 37 साल की उम्र में ही अंतिम वर्ल्ड कप मैच खेले. वहीं 39 वर्ल्ड कप मैच खेल चुके ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ ग्लेन मैग्रा ने अपना अंतिम वर्ल्ड कप मैच 37 की उम्र में खेला था.
उपरोक्त सभी क्रिकेटर्स के वर्ल्ड कप का आख़िरी मुक़ाबला उनके वनडे क्रिकेट करियर का भी आख़िरी मैच था.
धोनी का महत्व बरक़रार
उम्र के लिहाज़ से भले ही गाहे बगाहे धोनी के संन्यास लेने की चर्चा उठ जाती है लेकिन 37 वर्ष की उम्र में धोनी की गिनती दुनिया के सबसे फिट क्रिकेटर्स में होती है.
टीम की स्थिति यह है कि भले ही भारत के पास विराट कोहली का क्लास, रोहित शर्मा का नेचुरल टैलेंट और जसप्रीत बुमराह की सटीकता मौजूद है लेकिन जीत बहुत हद तक विकेट के पीछे उस क्रिकेटिंग दिमाग़ पर निर्भर करता है जिसका नाम धोनी है.
उनके असाधारण फिटनेस और स्टंप के पीछे उनकी चतुर, चपल और तीक्ष्ण दिमाग़ की तारीफ़ करते तो उनके आलोचक भी नहीं थकते.
हालांकि फिनिशर की उनकी क्षमता में पड़े दरार के कारण बीते वर्ष उनकी खिंचाई भी हुई और कई हलक़ों में यह आवाज़ भी उठी की युवाओं के लिए उन्हें अपनी जगह को ख़ाली करना चाहिए. लेकिन दिग्गज खिलाड़ी क्या होता है यह धोनी ने दिखाया. सचिन तेंदुलकर की तरह ही धोनी ने अपने प्रदर्शन से आलोचकों को शांत किया और पिछले कुछ महीने में तो उन्होंने टीम के लिए कुछ मैच जिताउ पारियां भी खेली हैं.
वैसे भी मैदान में जब-जब डीआरएस लेने का मौक़ा आता है, विराट अमूमन स्टंप्स के पीछे खड़े धोनी का इशारा पाने के बाद ही अपना फ़ैसला देते हैं. वर्ल्ड कप के दौरान भी, मैदान पर और मैदान के बाहर महत्वपूर्ण फ़ैसले लेने के लिए विराट को धोनी के अनुभव और उनके सूझबूझ की निश्चित ही ज़रूरत पड़ेगी.
वर्ल्ड कप 2019 के सबसे उम्रदराज़ क्रिकेटर
धोनी के अलावा अपनी-अपनी टीमों के सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ियों ने या तो इस बात की घोषणा कर दी है कि वो इस वर्ल्ड कप के बाद संन्यास ले रहे हैं या फिर इस बात की संभावना है कि यह उनका आख़िरी वर्ल्ड कप साबित होगा.
क्रिस गेल
289 मैचों में 25 शतकों के साथ 10151 रन बना चुके वेस्ट इंडीज़ की आंधी क्रिस गेल अपनी बल्लेबाज़ी से यह साबित कर चुके हैं कि उम्र महज़ एक नंबर है.
39 साल 235 दिन की उम्र में भी गेल को गेंदबाज़ों की धज्जियां उड़ाने के लिए जाना जाता है जो पिछले दो दशकों से गेंदबाज़ों की धज्जियां उड़ाते रहे हैं. ब्रायन लारा के 10405 रन से महज 254 रनों की दूरी पर खड़े गेल वेस्ट इंडीज़ के दूसरे सबसे सफल वनडे क्रिकेटर हैं.
हालांकि बीते दो वर्षों के दौरान उनके लचर प्रदर्शन के कारण क्रिकेट के पंडितों ने गेल के करियर को ख़त्म हो चुका बता दिया था लेकिन फ़रवरी-मार्च 2019 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वनडे सिरीज़ में गेल ने चार मैचों में 135, 50, 162 और 77 रनों की पारियां खेलीं (इस दौरान 39 छक्के भी जड़े) और फिर इंडियन प्रीमियर लीग के 13 मैचों में 40.83 की औसत से 490 रन बनाए. 2019 में गेल अब तक 134 के स्ट्राइक रेट और 106 की औसत से 424 रन बना चुके हैं.
2015 वर्ल्ड कप के दौरान वनडे में अपना इकलौता दोहरा शतक जमाने वाले गेल का यह पांचवां वर्ल्ड कप है और उन्होंने विश्व कप के बाद संन्यास लेने की घोषणा कर दी है.
इमरान ताहिर
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम दक्षिण अफ़्रीका के इमरान ताहिर का है जिनकी उम्र 40 वर्ष हो चुकी है. पाकिस्तान के लाहौर में जन्में ताहिर वहां की अंडर-19 टीम के हिस्सा भी रहे लेकिन 2011 से वो दक्षिण अफ़्रीका के लिए खेल रहे हैं.
तब से अब तक उन्होंने अपनी शानदार स्पिन गेंदबाज़ी से दक्षिण अफ़्रीका के लिए कई मैच जीते हैं. आज वो अफ़्रीकी टीम के सबसे बेहतरीन स्पिनर हैं. लेकिन 98 वनडे खेल चुके ताहिर ने टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही विश्व कप के बाद संन्यास लेने की घोषणा कर दी है.
ये इमरान ताहिर ही थे जिनके चार विकेट लेने की वजह से 2015 वर्ल्ड कप के क्वार्टर फ़ाइनल में दक्षिण अफ़्रीका ने श्रीलंका को हराते हुए पहली बार नॉक आउट दौर का मुक़ाबला जीतने में कामयाबी हासिल की थी. 2019 वर्ल्ड कप से पहले इमरान ताहिर इंडियन प्रीमियर में चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा थे. वहां उन्होंने अपनी फिरकी पर सभी टीमों के बल्लेबाज़ों को नचाया और ऑरेंज बॉल (सर्वाधिक विकेट) लेने वाले क्रिकेटर बने.
मशरफ़े मुर्तज़ा
ऑस्ट्रेलिया में खेले गए 2015 वर्ल्ड कप में अपनी टीम को क्वार्टर फ़ाइनल तक पहुंचाने वाले मशरफ़े मुर्तज़ा अपनी टीम के सबसे अनुभवी और सबसे उम्रदराज क्रिकेटर हैं. अब तक 75 वनडे मैचों में टीम की कप्तानी कर चुके मुर्तज़ा बांग्लादेश के सबसे सफल कप्तान भी हैं.
वैसे तो मुर्तज़ा ने अब तक क्रिकेट से संन्यास की घोषणा नहीं की है लेकिन दिसंबर 2018 में वो बांग्लादेश में चुनाव जीत कर सांसद बन चुके हैं.
इसके अलावा 2009 से ही उन्होंने टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला है और टी20 से पहले ही संन्यास की घोषणा कर चुके हैं. लिहाजा उम्मीद जताई जा रही है कि विश्व कप के बाद वो पूरी तरह सक्रिय राजनीति में चले जाएंगे.
205 मैचों में 259 विकेटों के साथ मुर्तज़ा बांग्लादेश के सबसे सफल वनडे गेंदबाज़ हैं. वर्ल्ड कप में मुर्तज़ा 16 मैचों में जहां 18 विकेट लिए हैं वहीं 649 रन भी बना चुके हैं.
रॉस टेलर
अब तक तीन वर्ल्ड कप खेल चुके न्यूज़ीलैंड के 35 वर्षीय बल्लेबाज़ रॉस टेलर वो खिलाड़ी हैं जिनके प्रदर्शन पर उनकी टीम के सेमीफ़ाइनल तक का सफर बहुत हद तक टिका होगा. टेलर ने बीते वर्ष 91 की औसत से 639 रन बनाए हैं तो इस साल अब तक 11 मैचों में 74.13 की औसत से 593 रन बना चुके हैं. लिहाज़ा टेलर का फॉर्म ब्लैक कैप्स के लिए वर्ल्ड कप में बहुत महत्वपूर्ण होगा.
और भी कई…
इसके अलावा पाकिस्तान के लिए 204 वनडे खेल चुके मध्यक्रम के बल्लेबाज़ मोहम्मद हफ़ीज़ (38 साल), श्रीलंकाई ऑलराउंडर जीवन मेंडिस (36 वर्ष), ऑस्ट्रेलिया के शॉन मार्श (35 साल), अफ़ग़ानिस्तान किक्रेट को अपनी वर्तमान ऊंचाई तक पहुंचाने में अहम योगदान देने वाले ऑलराउंडर मोहम्मद नबी (34 साल) और इंग्लैंड के गेंदबाज़ लियम प्लंकेट (34 साल) अपनी अपनी टीम के सबसे उम्रदराज क्रिकेटर हैं.
इनके अलावा दिग्गज श्रीलंकाई गेंदबाज़ लसिथ मलिंगा (35) दक्षिण अफ़्रीकी बल्लेबाज़ हाशिम अमला (36) और गेंदबाज़ डेल स्टेन (35) को लेकर भी संभावना जताई जा रही है कि यह उनका अंतिम वर्ल्ड कप टूर्नामेंट हो सकता है.