स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर करीबन 1800 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन बरसात में टपकते बरामदे निगम लापरवाही की पोल खोल रहे हैं। जर्जर और सीलन आने की वजह से बरामदों के गिरने से हादसे की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता है।
चांदपोल से बड़ी चौपड़ के बीच मेट्रो का काम चल रहा है इस वजह से बरामदे खस्ताहाल हो गए हैं। मेट्रो प्रशासन ने करीबन चार साल तक बरामदों में सपोर्ट लगा रखे थे ताकि बरामदे गिरे नहीं लेकिन बीते दिनों इन सपोर्ट का हटा लिया गया। इसके बाद बरामदों के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी सामने आई है। त्रिपोलिया बाजार में 11 दुकानों के सामने के बरामदे और रामगंज में प्रवेश करने के साथ ही 13 दुकानों के बरामदे जर्जर है जहां से सीलन आने के साथ ही बरसात के दौरान नीचे आ रहा है। वहीं बीते दिनों ही परकोटे को विश्व हेरिटेज में शामिल किया गया है और बरामदे इस विरासत का हिस्सा है ऐसे में विश्व हेरिटेज सिटी का दर्जा मिलने के बाद हेरिटेज का हिस्सा बरामदों की स्थिति बद से बदत्तर हो रही है।
डाल रहे एक दूसरे पर जिम्मेदारी
बरामदों की देखरेख और मेंटिनेंस का जिम्मा नगर निगम का है और निगम ही बरामदों की मरम्मत करवाता है लेकिन निगम ने साफ किया है कि इन बाजारों में मेट्रो का काम चल रहा था ऐसे में इनकी मरम्मत करवाने का जिम्मा मेट्रो प्रशासन का है वहीं मेट्रो प्रशासन ने निगम का काम बताते हुए हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।
इनका कहना है
बरामदों पर काफी समय से लोहे के सपोर्ट सिस्टम लगा हुआ था सपोर्ट हटाए गए हैं बरसात की वजह से सीलन आ रही है और पानी भी आ रहा है ऐसे में हादसे से इनकार नहीं किया सकता है इस संबंध में निगम प्रशासन को बताया हैराजेंद्र कुमार, अध्यक्ष,त्रिपोलिया बाजार व्यापार मंडल
बरामदों की मरम्मत और सफाई की आवश्यकता है बरामदों की मरम्मत होनी चाहिए जर्जर बरामदों से पानी आ रहा है जिसकी वजह से परेशानी हो रही है इसकी वजह से हादसा हो सकता है।विजय अग्रवाल, मंत्री बड़ी चौपड़ सर्राफा संघ
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