फतेहपुर. पटवारियों के द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर किए जा रहे आंदोलन के चलते कोरोनाकाल में किसानों की आवाज दब गई। किसानों के विभिन्न कार्य पटवारियों के भरोसे पांच माह से अटके हैं। एक तरफ लॉक डाउन की मार तो दूसरी ओर किसान पटवारियों की हड़ताल से खासे परेशान हैं। हालात यह है कि कई पंचायतों के किसानों को केन्द्र व राज्य की योजनाओं से वंचित होना पड़ रहा है। सरकार की ओर से पटवारियों की मांग का कोई रास्ता नहीं निकलवाया गया। पटवारी 15 जनवरी से हड़ताल पर हैं। उन्हेांने अतिरिक्त पटवार मंडल के कार्यों का बहिष्कार कर रखा है। ऐसे में ना ही तो किसानों को गिरदावरी का लाभ मिल पा रहा है ना ही उनकी फसल का आंकलन हो रहा है। ऐसे में उन किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से भी वंचित होना पड़ेगा।इन मांगों को लेकर हड़ताल पर है पटवारीपटवारियों ने 15 जनवरी से प्रदेश व्यापी हड़ताल कर रखी है। हड़ताल के तहत पटवारी अतिरिक्त पटवार मंड़ल के कार्यों का बहिष्कार कर रहे है। पटवारियों की मांग है कि उनका ग्रेड पे 3600 किया जाएं। सरकार ने ना ही तो पटवारियों की मांग मानी व ना ही पटवारियों से वार्ता करके उनका आंदोलन समाप्त करवाया।किसानों को पटवारियों से लगातार काम पड़ते रहते है। प्रदेश में पटवारियों का कार्य जमीन संबंधित प्रारंभिक कार्य करना है। ऐसे में किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने, बिजली कनेक्शन, बैंक से ऋण लेने, नकल लेने, गिरदावरी जैसे कार्य नहीं हो रहे हैं। किसानों को मिलने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत दो हजार रुपए की राशि में भी रोड़ा अटक गया। इसके चलते किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।ग्रामीणों की जुबानी…पांच माह से भी ज्यादा समय हो गया किसानों को लेकर ना सरकार सोच रही है ना पटवारी। इतनी लंबी हड़ताल से अब सामान्य कार्य भी प्रभावित हो रहे है। इसके बारे में कोई निर्णय लेना चाहिए। गोविंद पूनियां, ग्रामीणपटवारियों की कमी से परेशानी हो रही है। जायज काम के लिए भी चक्कर लगाने पड़ते है। फतेहपुर क्षेत्र के कई पटवार मंडल खाली है। यासीन खां, ग्रामीणपटवारियों की हड़ताल से किसान क्रेडिट कार्ड का भी काम रुक गया है। काश्तकार को जमीन के कई काम पड़ते है। ऐसे में इतनी लंबी हड़ताल नहीं होनी चाहिए।लक्ष्मण सिंह भामू, ग्रामीण
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