केन्द्र के तीन नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन अब भी जारी है. कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च कर रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा सीमा पर कहीं आंसू गैस के गोले दागे, तो कहीं पानी की बौछारें कीं गई.
पुलिस की ओर से इतने अत्याचार के बाद भी सड़क पर डटे किसानों का हौंसला नहीं टूट सका. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक किसान के हाथ नहीं होने के बाद भी वह आंदोलन का हिस्सा बना हुआ है.
Hanju ni rukde
Dilo Salaam Baba ji #HailHailFarmers pic.twitter.com/GfC0teFxxx
— || Elatedvibes || (@RedLabel0011) December 1, 2020
इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि बिना हाथ वाले किसान को दूसरे बुजुर्ग किसान को अपने हाथों से खाना खिला रहा है. इस किसान का वीडियो शेयर करते हुए लिखा गया इन बाबा जी के हाथ नहीं हैं, इसके बावजूद वो आंदोलन का हिस्सा हैं. इस वीडियो की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है. यूजर्स का कहना है कि बिना हाथ पैर होने के बावजूद भी जिस तरह यह किसान दिल्ली अंदोलन का हिस्सा बने हुए हैं इन्हें दिलो सलाम है. सोशल मीडिया पर इस दिल को छू लेने वाले वीडियो को जमकर शेयर किया जा रहा है.
आपको बता दे कि मंगलवार को केंद्र के साथ बातचीत बेनतीजा रहने के बाद किसानों के मुख्य संगठनों ने एक बार फिर आज मीटिंग बुलाई थी. सिंघु बॉर्डर पर यह बैठक चार घंटे तक चली. मंगलवार को किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए एक समिति गठित करने की पेशकश ठुकरा दिया था. हालांकि, दोनों पक्ष बृहस्पतिवार को फिर से बैठक को लेकर सहमत हुये हैं.
सरकार से बातचीत कर रहे मुख्य 32 किसान संगठन आज सुबह से मंथन कर रहे थे. करीब चार घंटे चली बैठक के बाद किसानों ने कहा किसान पहले ही अक्टूबर में क्लॉज वाइज ऑब्जेक्शन सरकार को लिखित में दे चुके हैं पर कल एक बार फिर लिखित में अपने आपत्तियां देंगे. उन्होंने कहा कि कल की बैठक से नहीं लगता कि सरकार किसान कानून वापस लेने के मूड है. सरकार किसानों को आपस में लड़ाना चाहती है.
मंगलवार की बैठक में सरकार की ओर से तीनों नए कानूनों को निरस्त करने की मांग खारिज कर दी गई. सरकार ने किसानों संगठनों को नए कानूनों को लेकर उनकी आपत्तियों को उजागर करने तथा बृहस्पतिवार को होने वाले वार्ता के अगले दौर से पहले बुधवार को सौंपने को कहा है. किसान संगठनों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं हैं तब तक देश भर में आंदोलन तेज किया जायेगा. बैठक में 35 किसान नेताओं ने भाग लिया था. किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके विरोध प्रदर्शन का आज सातवां दिन है.
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