पिछले कुछ समय से लगातार सीमा पर तनाव बनाए रखने की कोशिश हो रही है. पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों का बदला लेने के नाम पर भारत का 2019 का लोकसभा चुनाव संपन्न हुआ.भाजपा के चुनाव प्रचार का ज्यादातर हिस्सा पाकिस्तान और आतंकवाद के इर्द-गिर्द घूमता रहा, ऐसा लग रहा था जैसे पाकिस्तान के साथ अभी युद्ध हो जाएगा, हालांकि यह युद्ध भारत-पाकिस्तान के सत्ताधारी नेताओं और मीडिया चैनलों तक सीमित होकर रह गया. इसके अलावा भाजपा दोबारा सत्ता में काबिज हो गई.
पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि वह चाहते हैं कि मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बने, प्रधानमंत्री मोदी दोबारा सत्ता में आ गए, कश्मीर की सभी समस्याएं खत्म हो जाएगी ऐसा कह कर जम्मू कश्मीर को दो टुकड़ों में बांट दिया गया. जम्मू कश्मीर को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया.
भाजपा की तरफ से ऐसा कहा गया कि धारा 370 जम्मू कश्मीर की प्रमुख समस्या है, उसे हटाया जाना जरूरी है.
धारा 370 को हटा दिया गया, हटाए जाने के दिन से ही लेकर आज तक जम्मू कश्मीर और लद्दाख में तमाम पाबंदियां लगाई गई है, रोज खबरें आ रही हैं कि पाकिस्तान सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है, गोलाबारी कर रहा है और उसकी आड़ में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है. हमारे कई जवान भी शहीद हुए हैं.
अगर पाकिस्तान की तरफ से रोज गोलाबारी हो रही है, सीजफायर का उल्लंघन हो रहा है, हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, फिर जम्मू कश्मीर की समस्या का समाधान कैसे किया भाजपा ने? दोनों देशों के नेताओं की तरफ से रोज बयान आ रहे हैं युद्ध की धमकियां दी जा रही हैं परमाणु युद्ध तक की बातें की जा रही हैं.
दरअसल दोनों देशों की अर्थव्यवस्था लगातार पटरी से उतरती जा रही है, पाकिस्तान की हालत अर्थव्यवस्था के मामले में दयनीय बनी हुई है. पाकिस्तान पूरी तरीके से कर्ज में डूबा हुआ है. इमरान खान जब पाकिस्तान का चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बने थे, तो उन्होंने जनता से वादा किया था कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाएंगे. उसके लिए उन्होंने तमाम उठापटक की, लेकिन उसका फायदा कुछ भी नहीं हुआ. आज पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर है. पाकिस्तान से जो खबरें आ रही है उससे यह पता लग रहा है कि पाकिस्तानी जनता महंगाई को लेकर त्राहि-त्राहि कर रही है. पाकिस्तान के अंदर महंगाई कम होने का नाम नहीं ले रही है. पाकिस्तान अपनी जनता की अंदरूनी समस्याओं से जूझ रहा है. पाकिस्तान अपने देश की जनता की समस्याएं सुलझा नहीं पा रहा है,अपनी जनता को किसी भी क्षेत्र में राहत नहीं दे पा रहा है.
पाकिस्तान की मौजूदा सत्ता विपक्ष के निशाने पर है, जनता के निशाने पर है, पाकिस्तान में जितनी भी सरकारें रही हैं उन्होंने पाकिस्तान को लूट कर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का काम किया है. जनता को भी लूटने का काम किया है.
इमरान खान प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने जनता को राहत देने का वादा किया था. नया पाकिस्तान बनाने का वादा किया था. कमोबेश यही वादे भाजपा ने भी हिंदुस्तान से किए थे. न्यू इंडिया बनाने का वादा किया था. दोनों देश के शीर्ष नेता और सत्ताधारी पार्टी लगभग 1 भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. एक नया पाकिस्तान बनाने का वादा कर रहा है तो दूसरा न्यू इंडिया बनाने का.
दोनों देशों की सत्ताधारी पार्टियों कि जद्द जहां पर खत्म हो रही है वह है एक दूसरे देश पर भाषणों द्वारा बमबारी करके. एक दूसरे देश को युद्ध की धमकी देकर, पाकिस्तान के तमाम नेता हिंदुस्तान को परमाणु युद्ध की धमकी देते रहते हैं. इसी गीदड़ भभकी के दम पर पाकिस्तान के तमाम नेता अपने देश की जनता की भावनाओं से खेलते रहते हैं. पाकिस्तान में कोई भी सरकार हो उसके पास पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने के लिए, पाकिस्तान की जनता को राहत देने के लिए कोई विजन दिखाई नहीं देता है.
भारत के मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कुछ दिन पहले बयान दिया था कि भारत पहले परमाणु बमों का इस्तेमाल नहीं करेगा भारत की इस नीति में बदलाव संभव है.
जाहिर सी बात है दोनों देश के शीर्ष नेता अपने-अपने देशों की जनता को एक दूसरे देश से युद्ध के नाम पर खत्म करने का लॉलीपॉप देने का काम कर रहे है,भावनाओं से खेलने का काम कर रहे हैं. किसी भी देश की विदेश नीति, सुरक्षा नीति किसी भी देश की सरकारों की फर्स्ट प्रायोरिटी होती है और इसके लिए जो भी पार्टी सरकार में मौजूद होती है वह इसके लिए लगातार काम करती रहती है, सरकार का फर्ज होता है.
जनता पर महंगाई का बोझ न पड़े, जनता को लगातार रोजगार उपलब्ध हो, जनता अपने परिवार का पालन पोषण आसानी से कर सके इसके लिए सरकारों को लगातार काम करते रहने की जरूरत होती है, लेकिन हिंदुस्तान की मौजूदा सत्ता और पाकिस्तान की मौजूदा सत्ता जनता को राहत देने में पूरी तरीके से नाकाम हो चुकी है और अपनी कमजोरियों को अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए अपने अपने देश की जनता को युद्ध के नाम पर एकजुट रखकर अपनी-अपनी समस्याएं भूल जाने के लिए विवश कर रही है.
दोनों देश की सत्ताधारी पार्टी को ऐसा लग रहा है की दोनों देश की जनता एक दूसरे देश से नफरत करती है, दुश्मन मानती है और इसी का फायदा उठाकर दोनों देश की सत्ताधारी पार्टी एक दूसरे पर जुबानी हमले करने से पीछे नहीं हट रही है.
हिंदुस्तान के अंदर आज बेरोजगारी अपने चरम पर है, अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है, हिंदुस्तान की सरकार ने आरबीआई से भी पैसा उठाया है. बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों की छटनी कर रही है, युवा रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं. बड़ी-बड़ी कंपनियों के प्रोडक्ट बिक नहीं रहे हैं, बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने प्रोडक्ट बनाने वाले प्लांट कुछ-कुछ समय के लिए बंद कर रही है.
अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी के अलावा भी हिंदुस्तान में इस समय कई समस्याओं ने जन्म लिया है. महिला सुरक्षा हिंदुस्तान के अंदर इस समय एक जटिल मुद्दा बना हुआ है, भाजपा के ही नेता महिलाओं के साथ शोषण करते हुए पाए गए हैं, जिनमें कुलदीप सिंह सेंगर और मौजूदा समय में चिन्मयानंद प्रमुख नाम है. चिन्मयानंद का मुद्दा इस समय ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है.
अपनी हर नाकामी को छुपाने के लिए भाजपा ने कांग्रेस को निशाना बनाया है, कांग्रेस के 70 सालों के शासन को निशाना बनाया है, भाजपा हिंदुस्तान की जनता को यह समझाना चाहती है कि देश की मौजूदा समस्याओं के लिए कांग्रेस की 70 साल की सरकार जिम्मेदार है.
कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त तथा गृह मंत्री पी. चिदंबरम को सीबीआई ने हिरासत में भी लिया हुआ है. पी. चिदंबरम को जब सीबीआई ने हिरासत में लिया तो उनके घर के बाहर की बाउंड्री की दीवाल फांद कर घर में घुसकर हिरासत में लिया गया, मीडिया द्वारा ऐसा माहौल बनाया गया था जैसे पी. चिदंबरम इस देश के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल हो और सीबीआई उनके घर की दीवार फांद कर उन्हें गिरफ्तार कर रही है, लेकिन भाजपा नेता चिन्मयानंद के तमाम अश्लील वीडियो, महिला का शोषण करते हुए वीडियो वायरल हो चुके हैं, लेकिन यह सीबीआई चिन्मयानंद के घर की दीवार फांदना तो दूर एक F.I.R तक दर्ज नहीं कर पाई है अभी तक.
मीडिया ने जिस तरीके से कांग्रेस के नेताओं को निशाना बनाया उस तरीके से भाजपा के जिन नेताओं पर महिलाओं के साथ या फिर बच्चियों के साथ शोषण करने के, बलात्कार करने के आरोप लगे हैं, उस पर मीडिया द्वारा कवरेज नहीं दी गई, कोई डिबेट नहीं कराई गई. मौजूदा समय में भाजपा तमाम मुद्दों से घिरी हुई है, इन मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए मीडिया लगातार पाकिस्तान का राग अलाप रही है.
जनता जब भी टीवी ऑन करती है और कोई भी चैनल लगाती है, उसको किसी ना किसी चैनल पर मीडिया द्वारा पाकिस्तान को खत्म करने वाली जंग दिख जाएगी. पाकिस्तान को तबाह करने वाली डिबेट दिख जाएगी. ऐसा लगता है जैसे पूरी जंग मीडिया चैनलों द्वारा ही लड़ी जा रही है पाकिस्तान के नाम से हिंदुस्तान की जनता को उकसा कर रखने की कोशिश की जा रही है.
मीडिया द्वारा यह कोशिश की जा रही है कि पाकिस्तान के नाम पर पाकिस्तान से युद्ध के नाम पर हिंदुस्तान की जनता अपनी मौजूदा समस्याओं को भूल जाए भाजपा पर जो आरोप लगे हैं भाजपा सरकार की जो नाकामियां है उसको हिंदुस्तान की जनता भूल जाए.
यह सिर्फ हिंदुस्तान की ही तरफ नहीं है, यह पाकिस्तान में भी देखने को मिल रहा है. दोनों देश सरकारो ने यह समझ लिया है कि दोनों देश की जनता, दोनों देश का नाम सुनते ही बौखला जाती है. दोनों देश की जनता एक-दूसरे के देश को दुश्मन मानती है और उसी का फायदा दोनों देश की सत्ताधारी पार्टी उठा रही है.
इमरान खान भी लगातार भाजपा और आरएसएस के नाम से पाकिस्तान के अंदर भाषण दे रहे हैं भाजपा और आरएसएस के नाम पर भाषण देकर,परमाणु युद्ध की धमकी देकर पाकिस्तान की जनता की भावनाओं में उफान बना रहे इसकी पूरी कोशिश कर रहे है.
यही हाल हिंदुस्तान के अंदर भी लगातार देखने को मिल रहा है मीडिया चैनलों की डिबेट की हैडलाइन आप देखेंगे तो आपको अंदाजा इसका लग जाएगा.
मीडिया चैनलों के डिबेट की हैडलाइन आजकल जो देखने को मिल रही है उसमें : जिसमें दम है वह रोके, लेकर रहेंगे पीओके इसी तरह के स्लोगन प्रमुख है.
मीडिया डिबेट को अगर आप देखेंगे तो ऐसा प्रतीत होगा जैसे पूरी जंग मीडिया डिबेट में बैठकर लड़ी जा रही है,भाजपा के नेताओं की रैलियों में लड़ी जा रही है, भाजपा के नेताओं के भाषणों में लड़ी जा रही है.
जनता को यह समझना होगा कि, मौजूदा सत्ता अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए पाकिस्तान के नाम का सहारा ले रही है. मीडिया सरकार की नाकामियों को छुपाने के लिए लगातार पाकिस्तान के नाम को, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के नाम को, पाकिस्तान की सेना के नाम को उछाल कर भाजपा को, भाजपा की नाकामियों से बचाए रखना चाहती है.
पाकिस्तान कभी भी हिंदुस्तान के लिए सही नहीं सोच सकता यह बिल्कुल सही है,लेकिन उसके लिए हमारी सेनाएं हैं जो लगातार सीमा पर हमारी रक्षा करने के लिए अपनी जान की बाजी लगाए रखती हैं, देश के अंदर कोई भी पार्टी सत्ता में हो उसका यह प्रमुख काम है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि रखें, लेकिन इस राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर, सेना के नाम पर अपनी नाकामियों को छुपाना किसी सरकार का काम नहीं है. अगर कोई सरकार ऐसा करती है तो वह अपने नकारे पन का प्रदर्शन कर रही है, यह चीज जनता को समझना होगा.
रोजगार को लेकर भाजपा सरकार पूरे देश के निशाने पर है, पूरे देश में रोजगार का संकट गहराया हुआ है, अर्थव्यवस्था का संकट गहराया हुआ है, लेकिन भाजपा के नेता गैर जरूरी बयान देने से पीछे नहीं हट रहे हैं. भाजपा के एक मंत्री ने बयान दिया है कि उत्तर भारत में नौकरियों की कमी नहीं है, उत्तर भारत के युवाओं में योग्यता की कमी है.
क्या यह उत्तर भारतीयों का अपमान नहीं है?
चलिए मान लिया उत्तर भारतीयों में योग्यता की कमी है लेकिन बाकी के प्रदेशों में बाकी की जनता के अंदर किस चीज की कमी है जो रोजगार नहीं मिल रहा है?
कभी पाकिस्तान के नाम पर, कभी कश्मीर के नाम पर, कभी मंदिर के नाम पर, कभी एनआरसी के नाम पर, कभी हिंदू मुसलमान के नाम पर देश की जनता को लगातार उलझाए रखने की कोशिश हो रही है. आखिर कब तक भाजपा अपनी नाकामियों का ठीकरा गैर जरूरी मुद्दों को आगे बढ़ाकर उनके ऊपर ही फोड़ती रहेगी?
सरकारों का काम होता है जनता की समस्याओं को सर्वोपरि रखकर, उनका हल निकालना, भाजपा जिन मुद्दों को आगे करके अपनी नाकामियां छुपा रही है, वह भावनात्मक मुद्दे हैं, उनकी उम्र लंबी नहीं होती. भावनात्मक मुद्दों की उम्र की एक सीमा होती है, भाजपा और घुंगरू मीडिया यह जितनी जल्दी हो उतनी जल्दी समझ जाए तो भाजपा के लिए बेहतर होगा.
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