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वह किसके आदमी थे, जो हैकर से आर्यन की चैट को मॉडीफाई कराना चाह रहे थे?

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क्रूज शिप ड्रग्स केस में कोई ना कोई नया ट्विस्ट बराबर सामने आ रहा है. अब जो नया ट्विस्ट सामने आया है उसमें आर्यन खान (Aryan Khan) की चैट को मॉडिफाइड कराने की कोशिश किए जाने की बात कही जा रही है, हालांकि अभी यह नहीं साफ हो सका है कि चैट को मॉडिफाइड कराने की कोशिश करने वाले कौन लोग थे, क्या वे एनसीबी से जुड़े लोग थे या महाराष्ट्र के मंत्री व एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक के लोग.
ज्ञात हो आर्यन की गिरफ्तारी के बाद से यह केस जितना शाहरुख खान व एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेडे के बीच की तकरार का नहीं है उससे कहीं ज्यादा यह केस समीर वानखेडे बनाम नवाब मलिक नजर आ रहा है. आर्यन के चैट्स को मॉडिफाइड कराने की कोशिश की बात जो सामने आ रही है उसमें पता चला है कि जलगांव के मनीष लीलाधर भांगले नाम के व्यक्ति ने दावा किया है कि पिछले दिनों कुछ लोग उससे मिले थे जो आर्यन खान की चैट को मॉडिफाइड कराना चाहते थे और इसके लिए उन्हें पैसे भी ऑफर किए गए थे.
मनीष का यह भी आरोप है कि उनसे मिलने पहुंचे दो लोगों ने शाहरुख खान की मैनेजर पूजा डडलानी के फोन कॉल के रिकॉर्ड भी उनसे मांगे थे. साथ ही उन लोगों ने प्रभाकर सैल के नाम पर फर्जी सिम कार्ड जारी कराने को भी कहा था. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मनीष पेशे से हैकर है, उसके पास 6 अक्टूबर की रात 10 से 10:30 के बीच आलोक जैन और शैलेश चौधरी नाम के दो लोग मिलने आए थे, मनीष का कहना है कि उन लोगों ने उसे पूजा डडलानी का मोबाइल नंबर देकर उसका कॉल डिटेल रिकॉर्ड मांगा था.
मनीष का कहना है कि दोनों व्यक्ति अपने साथ एक व्हाट्सएप चैट की आर्काइव फाइल लेकर आए थे, उन्होंने फाइल दिखाई और कहा कि इन चैट्स को मॉडिफाई कराना है और मॉडिफाई कर उनमें वे बातें डालनी है जो वे चाहते थे, साथ ही यह भी चाहते थे कि मॉडिफाइड चैट ऑनलाइन भी नजर आए. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मनीष का कहना है की वे लोग प्रभाकर सैल के नाम से फर्जी सिम कार्ड भी उपलब्ध कराने को कह रहे थे और इसके बदले वह उसे ₹5 लाख रुपये ऑफर भी दे रहे थे मनीष का कहना है कि कि मैंने ऐसा करने से मना कर दिया.
लेकिन इसके बावजूद वे लोग उसे ₹10000 रुपये देकर वहां से चले गए, इसके साथ ही जाते वक्त उन लोगों ने मनीष को एक मोबाइल नंबर देते हुए उस पर कॉल उपलब्‍ध कराने को कहा था मनीष का कहना है कि जब उसने वह नंबर ट्रूकॉलर पर चेक किया तो पता चला कि वह नंबर किसी सेम डिसूजा के नाम पर दर्ज है. मनीष का कहना है कि जब मैंने कुछ दिनों बाद आर्यन खान के मामले में टीवी पर न्यूज़ में प्रभाकर सैल को देखा तो मुझे मामले की गंभीरता का अंदाज हुआ और इसीलिए मैं यह जानकारी लेकर सामने आया हूं.
ज्ञात हो मनीष पहली बार वर्ष 2017 में सुर्खियों में आए थे उस दौरान मनीष ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से बातचीत करने का आरोप लगाया था इस आरोप के बाद मनीष को फर्जी फोन बिल बनाने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था. बताया गया था कि मनीष ने खडसे और दाऊद के बीच कथित बातचीत का एक फर्जी मोबाइल बिल कंप्यूटर से तैयार किया था और इसी आधार पर उसने इन दोनों के बीच बातचीत होने का दावा किया था मनीष ने यह भी दावा किया था कि दाऊद ने अपने कराची स्थित आवास से खडसे को फोन किया था.
इसके बाद यह विवाद इतना ज्यादा बढ़ा था कि खडसे को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. आपको बता दें मनीष भांगले पर आईपीसी की धारा 468 यानी धोखाधड़ी के उद्देश्य से फर्जीवाड़ा 471 यानी फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को असली दस्तावेज की तरह प्रस्तुत करना तथा 66d यानी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत आरोप लगे हैं.
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