देश में कोई भी मुद्दा हो उसको राष्ट्रवाद से जोड़कर जनता के मुद्दों को पिछले 7 साल से लगातार दबाया जाता रहा है. राष्ट्रवाद, हिंदू-मुस्लिम जैसे मुद्दों की आड़ में नाकामियों के पहाड़ को छुपाने की कोशिश की गई पिछले 7 सालों में.
महामारी ने इस सरकार की नाकामियों को सामने लाकर रख दिया है. अगर इस सरकार ने हिंदू मुसलमान और तथाकथित राष्ट्रवाद की आड़ में जनता के मुद्दों को दबाया ना होता, स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर काम किया होता तो आज लाखों जानें बचाई जा सकती थी.
प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात से बनारस आए थे चुनाव लड़ने के लिए तो उन्होंने कहा था कि मैं मां गंगा का बेटा हूं, गंगा ने मुझे बुलाया है. इस महामारी के वक्त बिहार के बक्सर में गंगा नदी में सैकड़ों लाशें तैरती हुई पाई गई, कुत्तों ने उनको नोच नोच कर खाया था, देखना मुश्किल था.
पवित्र गंगा (Ganga) में कोरोना के कारण संदिग्ध अवस्था में लाशों का इतनी बड़ी संख्या में यूं पाया जाना कहीं ना कहीं व्यवस्था पर और सिस्टम पर सवाल खड़े करता है. क्या तथाकथित गंगा पुत्र यानी प्रधानमंत्री मोदी को मां गंगा ने इसीलिए बनारस बुलाया था? क्या इसीलिए प्रधानमंत्री ने गंगा के किनारे बसे हुए बनारस से चुनाव लड़ा था और वहां की जनता ने जिताया था?
क्या इसीलिए प्रधानमंत्री ने यह कहा था कि उन्हें गंगा ने बुलाया है? इस देश के सैकड़ों लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण और सरकार की नाकामियों के कारण अपनी जान गवा रहे हैं और सरकार पिछले कुछ समय से चुनाव जीतने में व्यस्त थी. अगर समय पर तैयारी की गई होती तो लाखों जानें बचाई जा सकती थी.
पवित्र गंगा में बिना अंतिम संस्कार के तैरती हुई यह लाशें से कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल खड़े कर रही हैं. प्रधानमंत्री की नीयत पर सवाल खड़े कर रही हैं. चुनाव जीतने के लिए उन्होंने जो मां गंगा के नाम का इस्तेमाल किया था उस पर सवाल खड़े कर रही हैं.
भाजपा से जुड़े हुए संगठन और उसके कार्यकर्ता अपने आप को राष्ट्रवादी कहते हैं. दूसरे देश से लाकर भारत में हिंदुओं को बसाने की बात करने वाले आज लाखों हिंदुओं के सरकार की नाकामियों के कारण मारे जाने पर चुप्पी साध कर क्यों बैठे हैं? व्यवस्था पर सवाल क्यों नहीं खड़े कर रहे हैं? क्या दूसरे देश के हिंदुओं से प्यार है अपने ही देश के हिंदुओं से नफरत है?
The post कहां छुपे हुए हैं सारे तथाकथित राष्ट्रवादी और तथाकथित गंगा पुत्र? appeared first on THOUGHT OF NATION.
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