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राष्ट्रवाद की आड़ में मोदी अमित शाह और बीजेपी यह क्या कर रहे हैं?

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मीडिया पर भरोसा करें तो पिछले 7 साल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. जनता लगातार परेशान हो रही है. बेरोजगारी से युवा परेशान हैं, महंगाई से पूरा देश परेशान है. किसान लंबे समय से सड़कों पर आंदोलनरत हैं. देश का हर वर्ग इस सरकार की नीतियों से त्रस्त है. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता मीडिया के अनुसार कम ही नहीं हो रही है.
मीडिया के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता कम ही नहीं हो रही है. लेकिन जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है वह काफी कुछ बयान कर रही है. जो जानकारी आ रही है वह बीजेपी के साथ साथ प्रधानमंत्री मोदी और मीडिया की हकीकत की पोल भी खोल रही है.
बस कुछ ही महीनों बाद पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. वैसे तो सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण है, लेकिन बीजेपी के लिए उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव जीतना काफी मुश्किल लग रहा है और उत्तर प्रदेश का चुनाव अगर बीजेपी हार जाती है तो 2024 मे केंद्र की सत्ता में वापसी खासी मुश्किल हो जाएगी.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार और सोशल मीडिया से जो जानकारी निकल कर आ रही है उसके अनुसार उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की होने वाली चुनावी रैलियों के लिए भीड़ इकट्ठा करने का जिम्मा DM को दिया जा रहा है. उन्हें यह जिम्मेदारी दी जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की रैलियों में उनके भाषणों को उनकी बातों को सुनने के लिए कहीं से भी जनता को लाया जाए.
इसी सिलसिले में महोबा में होने वाली रैली के लिए 1600 बसों का इंतजाम करने के लिए डीएम को कहा गया है. इन बसों से दूर दराज से लोगों को लाया जाएगा ताकि वह प्रधानमंत्री मोदी के भाषण सुन सके और बीजेपी का प्रचार हो सके और इसके लिए जो पैसा खर्च होगा ईंधन के रूप में और दूसरी चीजों के रूप में वह पैसा सिंचाई विभाग देगा.
अब यहां सवाल यह उठ रहा है कि लगातार राष्ट्रवाद की आड़ में देशभक्ति की आड़ में और इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की आड़ में प्रधानमंत्री मोदी और पूरी बीजेपी देश की जनता को लूट क्यों रही है? डीएम रैलियों के लिए भीड़ इकट्ठा करेंगे. सरकारी बसों का इंतजाम होगा. सिंचाई विभाग पैसा देगा. तो यह पैसा किसका है, जनता के टैक्स का ही तो पैसा है? अब बीजेपी अपनी पार्टी का प्रचार करेगी वह भी जनता के टैक्स के पैसे से?
क्या राष्ट्रवाद की आड़ में पार्टी फंड की जगह जनता के टैक्स का सरकारी पैसा भी अब किसी पार्टी और किसी व्यक्ति के प्रचार में लगाया जाएगा? चुनाव जीतने के लिए पार्टी फंड नहीं बल्कि जनता के ही टैक्स का पैसा जो सरकार के पास होता है उसका इस्तेमाल होगा? आखिर इस देश की जनता को हो क्या गया है? इस देश की जनता इतनी अंधी कैसे हो सकती है?
अगर मीडिया के अनुसार सच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकप्रिय हैं तो उन्हें सुनने के लिए अपने वाहनों से लोग क्यों नहीं आ रहे हैं? उन्हें सुनने के लिए डीएम को आदेश देकर जबरदस्ती भीड़ इकट्ठा करने के लिए क्यों कहा जा रहा है? अगर प्रधानमंत्री मोदी को जनता सुनाना चाहती है, उनकी लोकप्रियता घर-घर तक है और लगातार बढ़ रही है तो आदेश देकर जबरदस्ती जनता को इकट्ठा करने के लिए क्यों कहा जा रहा है? जनता के बीच अगर प्रधानमंत्री मोदी प्रसिद्ध हैं तो जनता खुद उन्हें सुनने के लिए क्यों नहीं आ रही है?
सच यह है कि राष्ट्रवाद की आड़ में और इतिहास को तोड़ मरोड़ कर तथा देश भक्ति की आड़ में देश की जनता को ही मौजूदा सत्ता मूर्ख बना रही है. देश की जनता को लूट कर और महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान करके तथा कांग्रेस को बदनाम करके जनता का ब्रेनवाश करके सत्ता के मजे ले कर यह सरकार जनता को जनता के ही हाल पर छोड़ देना चाहती है और प्रचार-प्रसार के सहारे जोर जबरदस्ती से सरकार भी चलाना चाहती है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार चुनावी तैयारियों में जुटे हुए हैं. पिछले 5 सालों में उन्होंने जनता की आय बढ़े इसके लिए क्या किया, बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिले इसके लिए क्या किया, मजदूरों को काम की तलाश में दूसरे राज्यों में ना जाना पड़े इसके लिए क्या किया? यह सब बताने से बचते हुए हिंदू-मुसलमान, तालिबान, सिकंदर, चंद्रगुप्त मौर्य आदि की बातें करके अपने ही प्रदेश की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.
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