सीकर।Muharram 2019 : इमाम हसन-हुसैन की शहादत की याद में आज जिलेभर में शांतिपूर्ण ताजियों का जुलूस ( Tazia Procession ) निकाला गया। इस दौरान श्रीमाधोपुर में ताजिए जुलूस के बीच सांड घुस जाने से भगदड़ मच गई। लोगों ने सांड को खदेड़ कर भगाया। घटना में किसी को कोई चोट नहीं आई है। जुलूस में अचानक सांड घुस जाने से एकबारगी तो अफरा-तफरी का माहौल बन गया। दरअसल, कस्बे में ताजिए का जुलूस निकाला जा रहा था। जुलूस खंडेला रोड स्थित कर्बला से रवाना होकर चौपड़ बाजार पहुंचा। जहां मुस्लिम समाज के युवकों ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। जुलूस में काफी संख्या में लोग मौजूद थे। इसी दौरान खंडेला बाजार की ओर से एक सांड दौड़ता हुआ जुलूस में घुस गया।
जिससे एकबारगी तो अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लोगों ने सांड को वहां से खदेड़ कर भगा दिया। घटना में कोई हताहत नहीं हुई। इधर, जिला मुख्यालय पर विभिन्न मोहल्लों व इलाकों से 13 ताजिये निकाले गए। ढोल ताशों की मातमी धुनों पर ताजियों को परम्परागत मार्ग से निकाला गया। इस दौरान ताजियों के आगे अखाड़ों के करतब दिखाए गए। लोगों ने परम्परागत खेल हाईदोस खेला। ताजियों को लेकर नौैजवानों व बच्चों में काफी उत्साह नजर आया।
क्यों निकाले जाते हैं ताजिए
ताजिए दरअसल मातम व सच्चाई व हक के लिए शहादत (बलिदान) देने वालों को याद करने का दिन है। इस दिन पैगम्बर ए इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के प्यारे नवासे इमाम हुसैन को करबला के मैदान में उनके साथियों के साथ शहीद कर दिया गया था। यह इस्लामिक कलेंडर के पहले महीने मुर्हरम की दसवीं तारीख थी। इसलिए इसे आम बोलचाल में मोहर्रम भी कहा जाता है। मदरसा निदाए इस्लाम के नाजिम मौलाना यूनुस कासमी बताते हैं कि इस्लाम में इस तरह के जुलूस व मातम का कोई हुक्म नहीं दिया गया है। मोहर्रम की दसवीं तारीख को रोजा का महत्व है।
Watch : राजस्थान में यहां मोहर्रम के ताजिए जुलूस के दौरान मची भगदड़, अफरा-तफरी का माहौल
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