जोधपुर. भगवान कृष्ण के बड़े भ्राता भगवान बलराम का जन्म दिवस एवं शिव-गौरी उपासना से जुड़ा पर्व ऊब छठ बुधवार को चंदनषष्ठी पर्व के रूप में परम्परागत व हर्षोल्लास से मनाया गया। सुहागिनें घर-परिवार की सुख समृद्धि के लिए और कुंआरी कन्याओं ने मनोवांछित वर की कामना को लेकर सूर्यास्त बाद चंदनयुक्त जल सेवन कर कठिन व्रत का संकल्प लिया। रात करीब 11 बजे चन्द्रदोय के बाद कठिन व्रत रखने वाली व्रतियों ने चन्द्रमा को अघ्र्य देकर व्रत का पारणा किया। संध्या के समय संकल्प के बाद व्रती महिलाओं युवतियों ने चन्द्रोदय तक मंदिरों में खड़े रहकर उपासना एवं क्षेत्र की बुजुर्ग महिलाओं से पौराणिक कथाओं का श्रवण किया। इस मौके सूर्यनगरी के वैष्णव मंदिरों में ऋतुपुष्पों का विशेष शृंगार किया गया। चांदपोल के बाहर रामेश्वरनाथ, जूनी मंडी स्थित गंगश्यामजी, कटला बाजार कुंजबिहारी मंदिर व अचलनाथ, फतेहसागर रामानुज कोट मंदिर, रातानाडा कृष्ण मंदिर सहित सभी प्रमुख ठाकुरजी के मंदिरों में महिला श्रद्धालुओं की भीड़ रही। मधुबन बासनी स्थित मधुकेश्वर महादेव मन्दिर में चन्दनषष्टी पर्व पर फूलमण्डली और भगवान बलराम (बलभद्र) की आकर्षक झांकी और व्रती महिलाओं व युवतियों के लिए झूलों का आयोजन किया गया। ऊब छठ से सम्बन्धित पौराणिक कथा का वाचन सुमित्रा गौड़ ने किया।
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