ज़ी हिंदुस्तान (ZEE HINDUSTAN) लगातार मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करने वालों और मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वालों के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करता जा रहा है. ज़ी हिंदुस्तान का विरोध पूरे देश में हो रहा है, लेकिन ज़ी न्यूज़ का अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है.
महामारी के दौर में कभी तब्लीगी जमात को निशाना बनाने के लिए ज़ी हिंदुस्तान ने हर सीमा लांघ दी तो कभी सीए और एनआरसी के खिलाफ प्रोटेस्ट करने वालों के लिए पत्रकारिता को कलंकित करते हुए रिपोर्टिंग की. ज़ी न्यूज़ को कई बार कोर्ट के द्वारा फटकार मिल चुकी है. तो कई बार NDBSA की तरफ से भी फटकार मिल चुकी है और चेतावनी दी जा चुकी है. उसके बाद भी ज़ी हिंदुस्तान टीआरपी के लिए और सरकार के बचाव में असभ्य भाषा का इस्तेमाल लगातार किए जा रहा है.
किसान आंदोलन को बदनाम करने में ज़ी हिंदुस्तान ने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी. किसानों को कभी खालिस्तानी बताया गया तो कभी आतंकवादी बताया गया. कभी पाकिस्तान और चीन के इशारे पर चलने वाला बताया गया. किसान को ज़ी हिंदुस्तान ने गुलाम समझ रखा है. पैसों के लिए ज़ी हिंदुस्तान कितना गिर सकता है, इसका अंदाजा शायद ही आप लगा पाए.
राकेश टिकैत का ज़ी हिंदुस्तान पर इंटरव्यू चल रहा था, इस बातचीत के दौरान वीडियो में जो ऊपर कैप्शन चल रहा था, उस पर नजर गई तो ज़ी हिंदुस्तान की असलियत सामने आ गई. किसान आंदोलन के 1 साल पूरे होने पर राकेश टिकैत ज़ी हिंदुस्तान के संवाददाता से बात कर रहे थे. इस दौरान जो कुछ भी ऊपर लिखा आ रहा था वह हैरान करने वाला था.
वीडियो में ऊपर कैप्शन चलता हुआ दिखाई दे रहा है कि, “दिल्ली में अय्याशी वाले अड्डे के 1 साल”. “बंधक गैंग के 1 साल मेरी दिल्ली बेहाल”. “1 साल तक घमासान दिल्ली में नकली किसान”. “हुड़दंग के 1 साल….दिल्ली बॉर्डर पर बवाल”.
आंदोलन के 1 साल पूरे होने पर किसानों को अय्याश बताया जा रहा है. ज़ी हिंदुस्तान पर कैप्शन चलाया जा रहा है, “दिल्ली में अय्याशी वाले अड्डे के 1 साल”. ज़ी हिंदुस्तान किसान आंदोलन जिस जगह पर हो रहा है उस जगह को अय्याशी का अड्डा बता रहा है. क्या प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों से नहीं अय्याशो से माफी मांगी थी?
पत्रकारिता के नियमों को धत्ता बताते हुए, न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग के बुनियादी वसूलो को तार-तार करते हुए देश की जनता के सामने किसानों को गंदे तरीके से बदनाम करने में जी ज़ी हिंदुस्तान मीडिया चैनलों से होड़ करने की कोशिश में हर सीमा पार कर गया है. अगर इन्हीं बातों को देखकर और सुनकर किसान आग बबूला हो गया तो, उसमें क्या होगी किसानों की गलती?
वीडियो ध्यान से देखिए.
WATCH | किसान आंदोलन के 1 साल पूरे होने पर राकेश शाकित का बड़ा बयान #RakeshTikait #FarmersProtest #1YearOfFarmersProtest@RakeshTikaitBKU @OfficialBKU pic.twitter.com/aEvTzrm6P1
— ZEE HINDUSTAN (@Zee_Hindustan) November 26, 2021
अभी कुछ दिन पहले ही इसी मीडिया ग्रुप से जुड़े पत्रकार सुधीर चौधरी को यूएई के एक कार्यक्रम में घुसने नहीं दिया गया. कार्यक्रम से निकाल दिया गया. यूएई की राजकुमारी ने सुधीर चौधरी को आतंकवादी तक बता दिया. यह चैनल लगातार भारत की छवि विदेशों में भी खराब कर रहा है. उसके बाद भी सरकार ऐसे चैनलों पर एक्शन नहीं ले रही है.
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