सीकर. अखिल भारतीय किसान सभा सहित जन संगठनों की संयुक्त बैठक गुरुवार को अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष रूघाराम की अध्यक्षता में हुई। बैठक में किसान आंदोलन व महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए वक्ताओं ने आंदोलन को तेज करने की बात कही। अगस्त महीने में जन जागरण अभियान व आंदोलन का फैसला भी लिया गया। किसान सभा प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व विधायक कामरेड पेमाराम ने कहा कि देश के किसान कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन, केंद्र सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी है। इधर, कोरोना में आमजन की आर्थिक कमर टूटने के बीच पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतें व महंगाई भी बेलगाम हो गई है। पर विशेष राहत देने की बजाय केंद्र सरकार ने कोरोना की आड़ में किसान व मजदूर विरोधी कानून पारित कर दिए। जिससे आम जनता में आक्रोश बढ़ रहा है। बैठक में सीटू राज्य उपाध्यक्ष हजारीलाल शर्मा, किसान सभा के मंगलसिंह यादव, हरफुलसिंह बाजिया, रामप्रसाद जांगिड, रूड़सिंह महला, महिला समिति की जिला सचिव कमला चौधरी, मजदूर नेता बृजसुंदर जांगिड, सोहन भामू, भगवानसिंह बगडिय़ा, खेत-मजदूर यूनियन के पुर्णसिंह शेखावत, पुर्ण सिंह कुड़ी, केसाराम धायल सहित अन्य नेता उपस्थित रहे।
अगस्त में करेंगे आंदोलनखेत मजदूर यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष रामरतन बगडिय़ा ने कहा कि बैठक में अगस्त में केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन का फैसला लिया गया। जिसमें तीनों कृषि कानूनों व चार श्रम संहिताओं को रद्द करने, एमएसपी की कानूनी गारंटी , पैट्रोल डीजल व घरेलू गैस सिलेंडर की मूल्य वृद्धि वापस लेने तथा महगांई व बेरोजगारी पर लगाम लगाने सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर एक से सात अप्रेल तक जनजागरण अभियान व 9 अगस्त को उपखण्ड कार्यालयों पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया।
- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -