सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में पश्चिमी विक्षोभ का असर आज जबरदस्त बरसात व ओलावृष्टि के रूप में देखने को मिल रहा है। जिले में आज सुबह चार बजे से शुरू हुआ बरसात का दौर अब भी लगातार जारी है। जो हल्के तो कभी मध्यम व तेज गति से बरस रही है। जिलेभर में जारी बरसात के बीच सीकर शहर, फतेहपुर, बेसवा, भगासरा व नीमकाथाना के कई इलाकों में चने के आकार के ओले भी गिरे। लगातार हो रही बरसात से मौसम ठंडा व सुहाना हो गया है। वहीं, कई निचले इलाकों में पानी भी भर गया।
रात को तीन बजे बदला मौसमजिले में मंगलवार सुबह की आंधी के बाद मौसम दिनभर साफ रहा। लेकिन, रात को करीब तीन बजे मौसम ने फिर करवट बदल ली। पहले फतेहपुर में अचानक बादल घिरे जो गडगड़़ाहट व बिजली की चमक के साथ बरसने शुरू हो गए। इसके बाद अपना दायरा बढ़ाते हुए बादलों ने सीकर शहर, पलसाना, रींगस, नीमकाथाना, धोद व श्रीमाधोपुर सहित लगभग पूरे जिले को ही तर कर दिया। जिसका क्रम समाचार लिखे जाने तक जारी है।
इन 18 जिलों में था अलर्टमौसम विभाग ने सीकर व चूरू सहित प्रदेश के 18 जिलो में आज भी आंधी व बरसात का अलर्ट जारी किया था। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बुधवार को पूर्वी राजस्थान में अजमेर, अलवर, भरतपुर, बूंदी, दौसा, जयपुर, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद व सीकर जिले में वज्रपात के साथ 40 से 50 किमी रफ्तार की हवा चलने की संभावना है। जबकि पश्चिमी राजस्थान में बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर व गंगानगर जिलों में कहीं-कहीं धूल भरी आंधी के साथ अचानक तेज हवा चल सकती है। आंधी के साथ इन इलाकों में बरसात भी देखने को मिल सकती है।
किसानों को फायदा व नुकसान दोनोंकृषि विशेषज्ञों के अनुसार बरसात किसानों को फायदा पहुंचाएगी। क्योंकि इससे सब्जियों, फलदार-फूलदार पौधे, खेतों में बुआई किया गया चारा, कपास, मूंगफली व बाजरे को फायदा मिलेगा। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि बार-बार बदल रहे मौसम के कारण जमीन में तपिश नहीं रहने से उत्पादन पर असर पड़ सकता है। क्योंकि मई, जून, जुलाई में गर्मी के कारण जमीन तपती है तो उसके कीट-पतंगे मर जाते हैं। वहीं, जमीन में नाइट्रोजन फिक्सेशन होने से फायदा होता है।
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