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VIDEO : एएसपी सहित 15 पुलिसकर्मी घायल, पैंथर के हमले के बाद ग्रामीणों का हमला

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मुकेश हिंगड़, मोहम्मद इलियास, कार्तिक चौधरी / उदयपुर. आंखों के सामने बालिका कल्पना की लाश को देखकर ग्रामीणों की आंखे गुस्से में लाल हो गई। 20 दिन में एक-एक कर तीन जनों की पैंथर के हमले से हुई मौत के बाद ग्रामीणों का आक्रोश फूटा। समझाइश करने वालों को भी उलटा समझाते हुए उन पर बिफर पड़े। उन्होंने हाथ में लठ ले लिए और आर-पार की लड़ाई लडऩे के लिए वे सडक़ों पर उतर गए तो कुछ पहाड़ों पर चढ़ गए। पुलिस ने समझाने के लिए आगे कदम बढ़ाए तो उन्होंने पत्थर बरसाएं और एएसपी सहित करीब १५ पुलिसकर्मी घायल हो गए।
परसाद से टीडी के बीच के बीच 24 किलोमीटर के घने जंगल क्षेत्र पिछले 20 दिन से एक पैंथर ने 3 जनों को मौत के घाट उतार कर ग्रामीणों की नींद ***** कर दी लेकिन वन विभाग उसे पकडऩे की बजाय ढूंढ़ भी नहीं पाया। मंगलवार को एक और बालिका का शिकार करते ही आखिरकार ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। उन्होंने समझाइश करने गए पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को इतना तक कह दिया कि मौत का बदला अब मौत ही होगा। परसाद के पडूणा के वांदर फंला गांव में दोपहर को पहाड़ी पर बकरियां चराने गई कल्पना (13) पुत्री सुमाराम मीणा को मौत के घाट उतार दिया घटना के समय कल्पना के साथ कई बकरियां थी लेकिन पैंथर ने उनमें से किसी को शिकार नहीं बनाकर बालिका को ही गर्दन से मुंह में दबोचा और कुछ ही दूरी पर ले जाकर उसकी गर्दन की हड्डी तोड़ दी। दूर से ही ग्रामीणों की जब नजर पड़ी तो ग्रामीणों ने हल्ला मचाया। बताया गया कि कल्पना के पिता पर भी जून महीने में पैंथर ने हमला कर दिया जिससे वे घायल हो गए।
शव के पास ही बैठा रहा पैंथरबालिका को पैंथर के ले जाने के बाद मचे शोर के बाद ग्रामीणों का समूह जमा हो गया। हाथों में हथियार व लठ् लेकर वे जंगल में दौड़े तो वहां कुछ ही दूरी पर उन्हें पैंथर दिखा, बालिका के शव के सामने ही पैंथर बैठा होने से किसी की हिम्मत नहीं हुई, ग्रामीणों ने अलग-अलग आवाज निकालने के साथ ही लठ् बजाते हुए पत्थर फेंकना शुरू किया तो पैंथर वहां से भाग निकला। पैंथर के जाने के बाद भी ग्रामीण एकाएक शव के पास नहीं जा सके, चारों तरफ घेराबंदी के बाद कल्पना के शव को उठाया। शव को गांव में लाने के बाद वहां तैनात वन विभाग के अधिकारियों व स्टाफ पर गुस्सा निकाला। देखते ही देखते कुछ ही देर में 500 से 700 लोग वन विभाग अधिकारियों व कर्मचारियों को पहाड़ी पर घेर पर बैठ गए। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कई लोग समझाइश करते रहे लेकिन आक्रोशित लोग माने नहीं।
 उधर समझाइश, इधर हाइवे जामपैंथर के इस हमले के बाद पहाड़ी पर प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से जहां समझाइश का दौर चला इस बीच सैकड़ों ग्रामीण हाइवे पर आकर खड़े हो गए। बीचों बीच उन्होंने हाइवे पर जाम लगा दिया। सूचना पर एएसपी अनंत कुमार, उपाधीक्षक हीरालाल, प्रेम धणदे, जावरमाइंस थानाधिकारी भरत योगी, टीडी थानाधिकारी उमेश चंद, परसाद थानाधिकारी सुभाष कुमार मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने उनसे समझाइश की तो वे और उग्र हो गए। इस बीच कुछ ग्रामीणों ने टायर जलाए तो कुछ ने लठ को हवा में घुमाएं, तब पुलिस ने उनको रोका, तो उन्होंने पथराव कर दिया। सडक़ पर जमा ग्रामीणों के अलावा पहाडिय़ों पर खड़े ग्रामीणों ने भी पथराव किया। इससे पुलिस को मौके से पीछे हटना पड़ा, पथराव में एएसपी के अलावा करीब 10 से 12 पुलिसकर्मियों को चोटे आई। नाई थानाधिकारी भगवतीलाल पालीवाल के सिर व पैरों में चोट आई वहीं, कांस्टेबल विमल कुमार का पूरा जबड़ा खुल गया और दांत टूट गए।
वन विभाग अधिकारियों की घेराबंदीबालिका की मौत के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने चार लाख रुपए मुआवजे की बात कही तो ग्रामीण फिर से बिफर गए। उन्होंने इतना तक कह दिया कि चार लाख देकर वे भी एक जान लेने को तैयार है। वन विभाग के अधिकारियों की नजर में इंसान की कोई कीमत नहीं है, बीस दिन के भीतर एक के बाद एक कर तीन जनों को मौत के घाट उतार दिया और विभाग सिर्फ पिंजरा और स्टाफ लगाकर घेराबंदी ही की। उनका कहना है कि पैंथर अन्य को जल्दी ही शिकार बना लेगा।
लोगों की जान सांसत में, लगा लम्बा जामघटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शाम करीब पांच बजे जाम लगा दिया जो देर रात 12 बजे तक नहीं खुल पाया। पथराव व लठ बाजी होने के बाद भी ग्रामीण हाइवे पर ही डटे रहे, उदयपुर व अहमदाबाद की तरफ वाहनों की लम्बी कतारें लग गई। आगे-पीछे वाहनों का जाम होने से लोग बीच में से वैकल्पिक रास्ते पर जाने के लिए भी नहीं निकल पाए। इस बीच वाहनों में सवार लोगों की जान सांसत में आ गई। जाम में फंसे उदयपुर के हिरणमगरी सेक्टर चार निवासी मदन मोदी ने बताया कि रात करीब 9 बजे तक करीब जिस जगह वे फंसे थे तब करीब 12 किलोमीटर लम्बा जाम था, ग्रामीणों की संख्या के सामने पुलिस बल की संख्या गिनती की थी। मीरानगर निवासी हेमंत परमार ने बताया कि जाम में वे इस कदर फंसे कि कोई भी वाहन बीच में से निकल नहीं सका। बड़ी समस्या यह थी कि जिस जगह वे जाम में फंसे थे वहां होटल-रेस्टोरेंट नहीं होने से पीने का पानी तक नहीं मिला।इन्हें उतारा मौत के घाट – 24 जनवरी को पैंथर ने परसाद वन नाका क्षेत्र में बारां के भागल फलां सोते हुए 40 वर्षीय देवीलाल पुत्र कल्लाजी मीणा को शिकार बनाया। – 6 अगस्त को चणावदा के आईलाफलां गांव में मां के सामने मवेशी लेकर आ रहे श्यामलाल पुत्र नारायण मीणा पर हमला कर दबोच लिया। – 13 अगस्त : बांदरफलां निवासी कल्पना (13) पुत्री सुमाराम मीणा को मौत के घाट उतार दिया।

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