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हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर होंगी पशुचिकित्सक की सेवाएं-पशुपालन मंत्री

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राज्य सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पशुचिकित्सक की सेवाएं सुलभ करवाने के लिए संकल्पबद्ध-पशुपालन मंत्री 
आजकलराजस्थान न्यूज़ । बीकानेर

पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पशुचिकित्सक की सेवाएं सुलभ करवाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि पशुधन किसानों की सामाजिक आर्थिक संपन्नता का प्रतीक है। यह किसानों की जीवन रेखा है। मानसून के रूठने, अकाल और ओलावृष्टि जैसी परिस्थितियों में भी पशुओं ने किसानों का साथ दिया है, क्योंकि वह उन्हें परिवार के रूप में पालता है।
श्री कटारिया गुरूवार को बीकानेर के वेटरनरी विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षान्त समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पशुचिकित्सक पूरी संवेदनशीलता के साथ अच्छी नस्लों के विकास और पशुधन उत्पादन के कार्य में जुटेंगे तो निश्चय ही सकारात्मक परिणाम आयेंगे। उन्होंने देश में एक उत्कृष्ट संस्थान के रूप में वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा राज्य में पशुधन और किसान-पशुपालकों के कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि यहां से निकलने वाले पशुचिकित्सा छात्र-छात्राएं देश और दुनिया में अपना नाम रोशन करेंगे। 
समारोह के विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि समारोह दीक्षांत होने के साथ-साथ दीक्षित होने का उत्सव है। यह समारोह समापवर्तन संस्कार है और जो कुछ सीख-समझ कर पाया और अनुभव किया है उसे अब कसौटी पर करने का सही समय प्रारंभ होता है। उच्च शिक्षा आजीविका के लिए योग्यता और उत्तम ज्ञान प्राप्त करना है तथा इससे रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध होते हैं। वेटरनरी विश्वविद्यालय के क्रियाकलापों से राज्य में पशुचिकित्सा शिक्षा और पशुपालन के क्षेत्र में एक नई क्रांति सी आ गयी है। शैक्षणिक, अनुसंधान और प्रसार शिक्षा की प्रभावी सेवाओं के साथ-साथ पशु रोग निदान और उपचार की आधुनिकतम तकनीकों का उपयोग राज्य के पशुधन और पशुपालकों के हित में किया जा रहा है। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने कहा कि पशुचिकित्सा व्यवसाय में आपका चयन पशु और जीवों की सेवा के साथ ही खाद्य सुरक्षा व विभिन्न मानव में फैलने वाले पशुजन्य रोगों की रोकथाम के कार्यों के लिए किया गया है। 
इस अवसर पर  दीक्षान्त समारोह में पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान के 669 छात्र-छात्राओं को उपाधियों और 30 को स्वर्ण पदक तथा 1 कुलाधिपति स्वर्ण पदक से अलंकृत किया गया। विश्वविद्यालय परिसर में सेना बैंड की स्वरलहरियों के बीच राजुवास कुलसचिव श्री अजीत सिंह के नेतृत्व में दीक्षांत शोभा यात्रा के पंडाल में प्रवेश के बाद दीक्षांत समारोह शुरू हुआ। दीक्षांत समारोह में स्नातक योग्यता प्राप्त कर लेने वाले 433 छात्र-छात्राओं को उपाधियां, स्नातकोत्तर स्तर के 198 को उपाधियां तथा 38 को विद्यावाचस्पति उपाधियां प्रदान की गई। 31 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदकों से और सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्रा गायत्री गुर्जर को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से अंलकृत किया गया। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कल्याण सिंह के दीक्षांत संदेश का पठन कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने किया। 
समारोह में तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एच.डी. चारण, राजुवास के पूर्व कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत, वरिष्ठ चिकित्सक प्रो. धनपत कोचर, सहित विश्वविद्यालय के डीन, डायरेक्टर, अधिकारी, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इस के पहले दीक्षांत समारोह को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर सीधा प्रसाारित किया गया जिसे देश-विदेश में बैठे लोगों ने भी देखा।
समारोह में अतिथियों ने वेटरनरी विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागाें, वैज्ञानिकों और शिक्षकों द्वारा पशुपालन उपयोगी 8 विभिन्न प्रकार के प्रकाशनों राजस्थान की धरोहर देशी गौ-वंश, सेवण घास- पर्यावरण संरक्षण एवं चारागाह विकास में आज की आवश्यकता, रेबीज, बकरी के दुग्ध उत्पाद बने लाभकारी, कौशल विकास की एक पहल ः पशु आहार का निर्माण, उन्नत पशुपालन, पशुपालन-नये आयाम, ई-प्रैक्टिकल मैनुअल प्रकाशनों का विमोचन किया।
इस मौके पर कटारिया ने विश्विद्यालय के सर्जरी विभाग में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक का उद्घाटन किया। इस ब्लॉक में सी.टी. स्केन इकाई, सोनोग्राफी इकाई, लैप्रोस्कोपी इकाई, लेजर सर्जरी इकाई, नेत्र रोग इकाई, ऑर्थोपेडिक इकाई तथा दंत रोग इकाईयां हैं। इन सभी इकाईयों में पशुचिकित्सा में काम आने वाले अत्याधुनिक उपकरण स्थापित किये गये हैं। इन उपकरणों की सहायता से सभी प्रकार के पशुओं के विभिन्न रोगों का निदान व उपचार किया जायेगा, जिसका सीधा लाभ पशुपालकों व किसानों को मिलेगा। इस अवसर पर प्रो. राकेश राव, प्रो. आर.के. धूड़िया, प्रो. टी.के. गहलोत व डॉ. प्रविण बिशनोई सहित डीन-डॉयरेक्टर उपस्थित थे।  

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