सीकर. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पाबंदियों ने एक ओर जहां रोजमर्रा की जरूरत सब्जियों के भावों को औंधे मुंह गिरा दिया वहीं सेब, नारियल, कीवी जैसे फलों के भाव आसमान छू रहे हैं। जिस कारण सब्जी उत्पादन से लेकर बिक्री के जरिए कमाई करने वाले लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। पिछले 15 दिन से फल-सब्जियों के दाम तीन चौथाई तक गिर गए हैं। सब्जियों के दाम गिरने से आम जनता को तो राहत मिली है लेकिन सब्जी उत्पादक किसान, मंडी के आढ़तिए और फुटकर कारोबारी को आर्थिक मंदी से जूझना पड़ रहा है। सीकर मंडी में पहले जहां 24 घंटे रौनक बनी रहती थी और फल व सब्जियों से भरकर वाहनों के आने-जाने का क्रम बना रहता था वो क्रम अब टूट गया है। रही सही कसर गर्मी के बढऩे से हो रही है। गर्मियों में सब्जी व फल का उत्पादन ज्यादा होता है इस कारण इनकी आवक भी बढ़ जाती है। ग्राहक भी महंगी सब्जियों को कम खरीरदं है। गर्मी की वजह से उत्पादन भी कम होता है। लोग महंगी सब्जियों खरीदने का मजबूर रहते है।औने-पौने दाम में बेचने की मजबूरीगर्मी के सीजन में बेलदार सब्जियों का उत्पादन सामान्य से कई गुना बढ़ जाता है। इस कारण इन सब्जियों की पर्याप्त मात्रा रहती है। यही कारण है कि कुछ दिन पहले खुदरा में 30 रुपए किलो बिकने वाले टमाटर के भाव 12 से 15 रुपए किलो ही रह गए हैं। कोरोना लॉकडाउन के दौरान सब्जियों की खरीद-फरोख्त के लिए लोगों के बाहर नहंी आने से बिक्री आधी से भी कम रही गई है। इनका कहना है…सब्जियां कम बिकने से खराब हो रही हैं। गोशाला भेजने पर किसानों को देय राशि सहित गोशाला तक का किराया आढ़तिए दे रहे हैं। -रतनलाल सैनी, अध्यक्ष, फल सब्जी थोक विक्रेता संघ
चुकाए जा रहे भाव सब्जी भाव अब पहलेभिंडी 30 60टमाटर 15 30तुरइ 20 40टिंडी 20 50 ग्वारफली 40 100 आलू 12 18प्याज 20 35मिर्ची 10 30बैंगन देसी- 25 40हरी ककड़ी 15 25पालक 15 25 धनिया 20 40(खुदरा भाव रुपए/ किलो)
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