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खीरी हिंसा पर यूपी पुलिस का बयान

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केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने बेटे पर लग रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ने के आरोप को खारिज किया है. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा है कि कुछ उपद्रवी लोगों ने पार्टी कार्यकर्तां पर लाठी और तलवार से हमला कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि अगर मेरा बेटा घटनास्थल पर होता तो जिंदा वापस नहीं आ पाता. उपद्रवियों ने लोगों की हत्या की, लोगों को मारा और गाड़ियों में आग लगा दी. केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि उनके पास हिंसा से जुड़ा वीडियो भी है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है. किसानों का दावा है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्रा की गाड़ी से कुचलने से किसानों की मौत हुई है. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने किसानों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने उनकी गाड़ियों पर पथराव किया और आग लगाई. गाड़ियों से खींचकर बीजेपी कार्यकताओं पर लाठी और तलवारों से हमला किया. इसमें 3 BJP कार्यकर्ताओं और 1 ड्राइवर की मौत हो गई.
लखीमपुर खिरी लहू से लाल है. किसानों की मौत नहीं हत्या हुई है. सरकार के लिए किसान आंदोलन नासूर जख्म है, कोई-कोई जख्मों पर नमक छिड़कता है, यहां जख्म पर माचिस मार दी गई. कुछ बाहर जल रहा है, बहुत कुछ अंदर. इसकी गूंज दूर तक सुनाई देगी. आपको बता दे कि अखिलेश यादव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, प्रियंका गांधी, जयंत चौधरी, राकेश टिकैत, सतीश चंद्र मिश्रा. कल लखीमपुर जा रहे हैं.
क्षेत्र में इंटरनेट बंद
लखीमपुर में तनाव को देखते हुए प्रशासन ने घटनास्थल के 20 किलोमीटर के दायरे में इंटरनेट बंद कर दिया है. इलाके में अतिरिक्त फोर्स भी भेज दिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ADG लॉ एंड ऑर्डर समेत पुलिस के सीनियर अफसरों को घटनास्थल पर भेज दिया है, वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी लखीमपुर पहुंच रहे हैं.
बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा पर ट्वीट करते हुए कहा कि, हमारे देश में अन्नदाताओं को ऐसे नरसंहार, सत्ता संरक्षित वीभत्स अत्याचार से जूझना पड़ेगा, यह अब तक अकल्पनीय था, पर यह न्यू इंडिया है. दंगाई सत्ता में है और संवैधानिक संस्थाएँ डरी सहमी है. लखीमपुर खीरी में हुई हैवानियत को माफ़ नहीं किया जा सकता. हरगिज नहीं!
किसान संगठनों का यह भी दावा है कि घटना में आठ किसान जख्मी भी हो गए हैं. किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्वीट करते हुए लिखा है, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के कार्यक्रम का विरोध कर रहे सड़क के किनारे खड़े किसानों पर मंत्री के काफिले की गाड़ियां द्वारा कुचले जाने पर 2 किसानों की मौत हो गई और 8 किसान गंभीर रूप से जख्मी है.
लखीमपुर खीरी के जिला अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर डॉ. ललित कुमार ने बताया कि दो लोगों को मृत लाया गया था और एक गंभीर रूप से जख्मी हैं. साथ ही डॉ. कुमार ने बताया, कोई पोस्टमार्टम नहीं किया गया है. उसी इलाके से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी ने अपने गांव में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें डिप्टी सीएम भी शामिल होने वाले थे. किसानों ने केंद्रीय मंत्री मिश्रा के हालिया भाषण के विरोध में उनका रास्ता रोकने का फैसला किया था. मंत्री ने हालही बयान दिया था कि किसानों का प्रदर्शन 10-15 लोगों का है और उन्हें लाइन में लाने में सिर्फ दो मिनट लगेंगे.
किसान संगठन के एक नेता डॉ. दर्शन पाल ने कहा, किसानों ने यूपी के डिप्टी सीएम को हेलिकॉप्टर पर जाने से रोकने के लिए हेलीपैड के घेराव की योजना बनाई थी. प्रोग्राम खत्म होने के बाद ज्यादात्तर लोग वापस जा रहे थे. दर्शन पाल ने कहा, तीन कार आईं और किसानों पर चढ़ा दी गई. एक किसान की मौके पर ही मौत हो गई और एक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. साथ ही उन्होंने कहा, संयुक्त किसान मोर्चा के एक नेता तजिंदर सिंह विर्क भी गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं और उन्हें लखीमपुर खीरी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
जिले के किसानों से अलर्ट रहने को कहा
इस घटना के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी जिलों के किसानों को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा है. BKU के प्रवक्ता राकेश टिकैत के गाजीपुर से लखीमपुर खीरी पहुंचने के बाद किसान अगली रणनीति पर काम कर सकते हैं. दरअसल, बीते 26 सितंबर को किसानों ने केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र को लखीमपुर में संपूर्णानगर क्षेत्र में काले झंडे दिखाए थे. मिश्र एक जनसभा को संबोधित करने जा रहे थे.
जनसभा में उन्होंने खुद के विरोध का जिक्र करते हुए मंच से किसानों को धमकी दी थी. कहा था कि किसानों के अगुआ यानी संयुक्त किसान मोर्चा के लोग प्रधानमंत्री मोदी का सामना नहीं कर पा रहे हैं. आंदोलन को 10 महीने हो गए. काले झंडे दिखाने वालों के लिए आगे उन्होंने कहा कि अगर हम गाड़ी से उतर जाते तो उन्हें भागने का रास्ता नहीं मिलता. कृषि कानून को लेकर केवल 10-15 लोग शोर मचा रहे हैं. यदि कानून इतना गलत है तो अब तक पूरे देश में आंदोलन फैल जाना चाहिए. उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा था कि सुधर जाओ, नहीं तो सामना करो, वरना हम सुधार देंगे दो मिनट लगेंगे. विधायक-सांसद से बनने से पहले से लोग मेरे विषय में जानते होंगे कि मैं चुनौती से भागता नहीं हूं.
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