सीकर. पश्चिम विक्षोभ का असर राजस्थान में मंगलवार को भी देखने को मिला। प्रदेश के शेखावाटी सहित कई इलाको में लगातार दूसरे दिन भी बरसात व ओलावृष्टि का दौर जारी रहा। शेखावाटी के चूरू व सीकर जिले के सांखू फोर्ट, मावंडा, लक्ष्मणगढ़ व नीमकाथाना के कई इलाकों में मंगलवार को भी बरसात हुई। दोपहर में हुई तेज बरसात के साथ चने के आकार के ओले भी गिरे। शाम को सीकर शहर व आसपास के इलाकों में हल्की बरसात हुई। दो दिन की बरसात व ओलावृष्टि से मौसम में जहां ठंडक बढ़ गई, वहीं किसानों के भी चेहरे खिल उठे। हालांकि ज्यादा ओलावृष्टि वाले गांवों में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें भी देखी गई।
11 व 12 मार्च का औरेंज अलर्ट इधर मौसम विभाग ने 11 और 12 मार्च को शेखावाटी सहित प्रदेश के कई इलाको में हल्की बारिश और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम केन्द्र जयपुर के अनुसार उत्तर भारत में 11 मार्च से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इस कारण मौसम में बदलाव आ रहा है। 11 और 12 को सीकर, चूरू, झुंझुनूं, अजमेर, धौलपुर, कोटा, बूंदी, चितौडगढ़़, उदयपुर, सिरोही, राजसमंद, हनुमानगढ़, नागौर सहित आस-पास के इलाकों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि के साथ हल्की बारिश हो सकती है।
बारिश संग ओले गिरे
पाटन/मावंडा. कस्बे में मंगलवार दोपहर हुई बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली। लगभग 15 मिनट हुई बरसात से मौसम खुशनुमा हो गया। पिछले कुछ दिनों से तापमान में हुई वृद्धि से लोगों को राहत मिली। वहीं मावण्डा इलाके में मंगलवार को बारिश संग ओले गिरे। लाखाकीनांगल के मनोज खटाना, राजेश कुमार आदि ने बताया कि बेमौसम बरसात के साथ ओले गिरना फ सलों के लिए नुकसानदायक है ।
लक्ष्मणगढ़. कस्बे सहित ग्रामीण अंचल में मंगलवार को अच्छी बारिश हुई। दोपहर से आकाश में बादल छाए रहने के बाद शाम को बून्दाबान्दी के बाद बारिश का दौर शुरु हुआ। कस्बे में बारिश के साथ ही चने के आकार के ओले भी गिरे। ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश अच्छी हुई, हालांकि ग्रामीण अंचल में ओलवृष्टि की सूचना नहीं मिली है।
सांखू फोर्ट (चूरू). क्षेत्र में मंगलवार को दोपहर बाद मौसम का मिजाज बदल गया। शाम चार बजे बरसात के साथ चने के आकार के ओले गिरे। ओलावृष्टि से खेत मे खड़ी रबी की फसलों में नुकसान हुआ है । किसानों की पकी हुई फसल खराबे की आशंका संताने लगी। चांदगोठी, थिरपाली के आसपास में बेर के आकार के ओले गिरे। घर की छतों पर ओलों की चादर बिछ गई। बारिश के साथ ओले गिरने के बाद चली तेज हवाओं से खेत मे खड़ी फसल आड़ी पड़ गई। फसलों को काफी नुकसान हुआ।
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