सीकर/मावंडा. राजस्थान के सीकर जिले में डबल डेकर मालगाड़ी गुरुवार रात को फिर हादसे का शिकार हो गई। एक महीने के भीतर मालगाड़ी के डिब्बे दूसरी बार पटरी से उतर गए। गनीमत से हादसे में जान माल का नुकसान नहीं हुआ। जानकारी के अनुसार जीलो स्टेशन भूरी डूंगरी के पास गुरुवार देर रात को डबल डेकर मालगाड़ी के दो डिब्बे अचानक पटरी से नीचे उतर गए। गनीमत से हादसे में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। हादसे की वजह ढीला लॉक व तेज अंधड़ बताया जा रहा है। रात को हादसे की सूचना के बाद मालगाड़ी को भगेगा स्टेशन पर रुकवा दिया गया। मालगाड़ी रेवाड़ी से फुलेरा की तरफ जा रही थी। सूत्रों के अनुसार रात करीब 2 बजे आए तेज अंधड़ के दौरान हादसा हुआ। डिब्बे नीचे गिरने से बिजली लाइन का पोल क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे की सूचना लगने से रेल अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया। रेल अधिकारियों ने तुरंत हरकत में आकर मालगाड़ी को रुकवाया। इसके बाद भगेगा में मालगाड़ी गुरुवार पूरी रात व शुक्रवार दिनभर स्टेशन पर ही खड़ी रही।
चालक को नहीं चला पता, तीसरे स्टेशन पर पहुंची गाड़ीहादसे में खास बात ये भी रही कि मालगाड़ी के दो डिब्बे नीचे गिरने की जानकारी चालक व गार्ड को भी नहीं हुई। जबकि वह इंजन से दूसरे नंबर के ही थे। मालगाड़ी डबल डेकर होने से डिब्बे उपर नीचे रखे हुए थे। चालक को पता नहीं चलने पर बिजली का पोल क्षतिग्रस्त होने की सूचना लगने तक मालगाड़ी तीसरे स्टेशन भगेगा तक पहुंच गई। इससे पहले मावंडा व नीमकाथाना स्टेशन बीच में आते हैं। जिन्हें पार करते हुए गाड़ी आगे तक चली गई। रेल अधिकारियों की माने तो डिब्बों को लॉक ढीला होने व तेज अंधड़ से हादसा हुआ है।
खाली डिब्बों में घुसा पोल
मालगाड़ी से जो दो डिब्बें नीचे गिरे है वह खाली थे। चलती गाड़ी से डिब्बें नीचे गिरने से पास में स्थित इलेक्ट्रिसिटी का पोल एक डिब्बे में घुस गया। हालांकि इलेक्ट्रिसिटी विभाग की ओर से शुक्रवार को लाइन को दुरस्त कर दिया गया। कर्मचारियों का कहना है कि लाइन में हर समय करंट दौड़ता है। गनीमत रही कि बिजली की लाइन का तार मालगाड़ी पर नहीं गिरा। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।
20 दिन में दूसरी बार बेपटरी हुई ट्रेन
रेवाड़ी-फुलेरा मार्ग पर करीब 20 दिन पहले भी हरियाणा में अटेली व बाछोद के बीच मालगाड़ी अचानक पटरी से नीचे उतर गई थी। मालगाड़ी फुलेरा से रेवाड़ी की तरफ जा आ रही थी। जिसके 50 कंटेनर नीचे उतरकर पलट गए थे। हादसे के दौरान रेल पटरी भी उखड़ गई थी। वहीं हादसे को लेकर रेवाड़ी-फुलेरा मार्ग दो तीन दिन तक बाधित रहा था।
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