सीकर.
राजयोग और चित्रानक्षत्र में पांच दिवसीय दीपोत्सव ( Deepawali 2019 ) का मुख्य पर्व दिवाली रविवार को मनाई जाएगी। चहुंओर रोशनी से शहर जगमग होगा। उल्लास के बीच पर्व की खुशी अलग ही शहरवासियों के चेहरे पर नजर आएगी। सुबह से ही महिलाएं घरों में मांडने मांडेगी, रंगोली बनाएंगी। लक्ष्मी के स्वागत के लिए घरों को फूल मालाओं से सजाया जाएगा। शाम को घरों और प्रतिष्ठानों में लक्ष्मी का पूजन होगा। घर-घर धन की देवी लक्ष्मी जी का स्वागत सत्कार किया जाएगा। धनलक्ष्मी के साथ सुख समृद्धि घर में आए इसके लिए अष्ट लक्ष्मी पूजन किया जाएगा। ज्योतिषिचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ के मुताबिक घर में हर दिशा से लक्ष्मी जी का प्रवेश हो इसलिए आठ दिशाओं में मां लक्ष्मी के आठ स्वरूपों आद्य, विद्या, सौभाग्य, अमृत, काम, सत्य, भोग, योग लक्ष्मी की आराधना की जाएगी। महालक्ष्मी की पूजा के बाद बड़े-बुजुर्गों का आर्शीवाद भी जरूर ले। जिससे घर में सुख-शांति रहेगी व व्यापार दोगुना होगा ।
ऐसे करेें पूजा ( Maha Laxmi Puja Vidhi )पं. रामवतार मिश्र ने बताया कि राजयोग दोपहर 12.23 से शुरू होकर रात 3.17 बजे तक रहेगा। अमावस्या की शुरुआत दोपहर 12.23 बजे से शुरू होकर अगले दिन 9.09 बजे तक रहेगी। दोपहर में भी लक्ष्मी पूजन की जा सकती है। परंतु प्रदोष काल में शाम 5.45 बजे से 8.19 बजे श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा। इसमें शुभ का चौघडिय़ा, अमृत और चर का चौघडिय़ा रहेगा। चित्रा नक्षत्र युक्त नक्षत्र में प्रदोष काल में कार्तिक अमावस्या होने से इस दिन लक्ष्मी पूजन किया जाएगा।
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चमत्कार ! दिवाली पर अपने आप बंद हो गया मंदिर, खोला तो मिले मां लक्ष्मी के पैरों के निशान[MORE_ADVERTISE1][MORE_ADVERTISE2]यह संयोग धन्य-धान्य, ऐश्वर्य एवं व्यापार में अपार वृद्धि करेंगे। चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर पूर्वाभिमुख होकर बैठें। लक्ष्मी जी को चौकी पर विराजमान कर षोडशोपचार पूजन करें। इसके बाद कुबेर के रूप में तिजोरी और सरस्वती के रूप में बही खाता, पेन और स्याही का पूजन करें। पूजन के बाद माता की आरती कर प्रसाद बांटे। शास्त्रों के अनुसार माता को कमल का फूल विशेष प्रिय है। कमल पुष्प अर्पित करने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का आर्शीवाद देती है।
मनाई रूप चतुर्दशी शनिवार को रूप चतुर्दशी का पर्व मनाया गया। गृहणियों ने धन की देवी महालक्ष्मी के स्वागत के लिए रंगोली और मांडने से आंगन सजाए। रूप चौदस पर मंदिरों में श्रद्धालुओं की कतारें देखी गई। शाम को सोलह शृंगार कर महिलाओं और युवतियों ने दीये जलाए। सुबह महिलाओं ने सबसे पहले घर, आंगन और उसके बाद स्नान के समय उबटन लगाकर रुप निखारा।[MORE_ADVERTISE3]होगा विशेष श्रृंगारश्रेष्ठ मुहूर्त में लक्ष्मीजी, गणेश, सरस्वती, कुबेर का पूजन होगा। महिलाओं को सुहाग का सामान भी वितरित किया जाएगा। रविवार को माता का विशेष श्रृंगार होगा। सोमवार को अन्नकूट महोत्सव होगा। मंदिरों में अन्नकूट प्रसादी होगी।
सोमवार को गोवर्धन पूजन ( Govardhan Puja )दिवाली के अगले दिन सोमवार को गोवर्धन भगवान की पूजा की लाएगी। इस दौरान देवालयों में भगवान को भांति-भांति के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। वहीं मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। लक्ष्मीजी एवं भक्तों के बही खातों, चौपड़ा का पूजन कर सभी की उन्नति एवं प्रगति की कामना के साथ प्रार्थना की जाएगी। मंगलवार को भाईदोज का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन बहन अपने भाइयों को भोजन करवाकर, तिलक लगाकर आर्शीवाद लेगी और रक्षा का वचन लेगी।