जोधपुर. आज राजीव गांधी जयंती ( Rajiv Gandhi’s birth anniversary ) है । राजीव गांधी के साथ जोधपुर की मधुर यादें जुड़ी हुई ( memories of jodhpur with Rajiv Gandhi ) हैं। अपने जमाने में युवा तुर्क रहे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने निधन से केवल दस रोज पहले ही जोधपुर में आमसभा संबोधित की थी ( addressed a meeting ) । इस दौरान उन्होंने शहर के लोगों से खुल कर मुलाकात और बात की थी। जोधपुर में हुई सभा में तत्कालीन पूर्व सांसद अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ), तत्कालीन पूर्व विधायक मानसिंह देवड़ा ( mansingh deora) व प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन महामंत्री जुगल काबरा ( jugal kabra ) मंचासीन थे। ध्यान रहे कि राजीव गांधी का 21 मई 1991 को श्री पैरुम्बुदूर में निधन हो गया था।
राजीव गांधी ने माइक पर कहा था-कहां हैं अशोक ?पीसीसी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष स्व. जुगल काबरा ने बताया था कि यह शायद 10 या 11 मई 1991 की बात है। उस सभा के लिए राजीव गांधी को बम्बा-हाथीराम का ओडा से होते हुए घंटाघर के सामने मंदिर के बाहर ला कर उतारा गया था। वहीं स्टेज बनाया गया था। राजीव गांधी मंच पर पहले पहुंच गए थे और गहलोत पीछे रह गए थे। इस पर राजीव गांधी ने कहा था, अरे भई अशोक कहां हैं? कहां हैं अशोक? राजीव गांधी ने जैसे ही यह बोला था,आवाज माइक पर गूंज उठी थी।
टेप रिकॉर्डर पर गूंजता था भाषणउन्होंने बताया था कि उस सभा में हजारों का जन सैलाब उमड़ पड़ा था। उनका भाषण लोगों ने रिकॉर्ड किया था। जब राजीव गांधी का निधन हुआ तो स्टेडियम, बम्बा और नई सडक़ की दुकानों पर टेप रिकॅार्डर पर उनका भाषण कई दिनों तक सुनाया गया था। उनकी आवाज सुन कर लोग वहीं रुक जाते और उनकी आंखें नम हो जाती थीं।
शादी के बाद घूमने आए थेपीसीसी के पूर्व सदस्य पवन मेहता ( Pawan mehta ) ने बताया कि उससे पहले राजीव गांधी और सोनिया गांधी अस्सी के दशक में यहां घूमने आए थे और जैसलमेर में ऊंट पर बैठ कर सैर की थी। यह इस युगल की एक यादगार यात्रा थी।
कालटैक्स पर है राजीव गांधी की प्रतिमाराजीव गांधी जिस समय जोधपुर ( Rajiv Gandhi and Jodhpur connection )आए थे। वह दिन जोधपुर के लोगों के लिए यादगार था। उस सभा से जुड़ी उनकी यादों को कालटैक्स पर माला के साथ प्रतिमा में संजोया गया है। यहां आज फव्वारा भी लगा हुआ है।
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