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19 साल बाद राखी लेकर आ रही ये संयोग…

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सिद्धि योग, वह भी बिना भद्रा के, श्रावण शुक्ल पूर्णिमा पर इस बार रक्षाबंधन पर्व कुछ खास है। लेकिन सिर्फ इतना ही नहीं, यह राखी अपने साथ एक अद्भुत संयोग लेकर आई है। इस बार रक्षाबंधन और स्वाधीनता दिवस एक साथ आ रहे हैं, वह भी पूरे 19 वर्ष के बाद। इससे पहले वर्ष 2000 में स्वतंत्रता दिवस के दिन रक्षाबंधन पर्व आया था। इस बार राखी बांधने का श्रेष्ठ अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 7 मिनट से लेकर 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।
पूरे दिन रहेगा शुभ मुहूर्तज्योतिषाचार्य चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि राखी बांधने का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 02 मिनट शुरू होगा, जो शाम 7 बजे तक रहेगा। हालांकि पूर्णिमा तिथि एक दिन पहले बुधवार को दोपहर 3 बजकर 45 मिनट पर शुरू हो जाएगी, लेकिन रक्षाबंधन का त्योहार गुरुवार को ही मनाया जाएगा। इस दिन पूर्णिमा शाम 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगी।
सुबह से रहेगा सिद्धि योगवहीं, सुबह 6.02 बजे से शाम 5.59 तक सिद्धियोग रहेगा। इस दिन हयग्रीव जयंती व ऋषि तर्पण के साथ श्रावणी उपाकर्म भी किए जाएंगे। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी दीर्घायु, सुख-समृद्धि की कामना करेंगी।
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राखी बांधने का श्रेष्ठ समयशुभ का चौघडिय़ा – सुबह 6.22 से 7.39 बजे तकचर, लाभ व अमृत का चौघडिय़ा – सुबह 10.54 से दोपहर 3.46 बजे तकशुभ का चौघडिय़ा – शाम 5.23 से 7 बजे तक
बाजार में सजी राखियां, खरीदारी परवान परशहर के बाजारों में राखियों की दुकानें सुबह से देर रात तक सजी हुई हैं। दुकानों पर राखी खरीदने के लिए महिलाओं की भीड़ जुटी हुई है। बाजार में एक राखी एक रुपए से लेकर १०० रुपए तक बिक रही है। शहर के नाहरगढ़ रोड, किशनपोल बाजार, झालानियों का रास्ता, हल्दियों का रास्ता सहित बाहरी बाजारों में बरकत नगर, राजापार्क आदि में राखियों की दुकानें सजी हुई हैं। जहां देर रात तक ग्राहकी हो रही है।

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