सीकर. राजस्थान रोडवेज पथ परिवहन निगम को प्रदेश के सरकारी विभाग में शामिल कर लिया जाए तो रोडवेज के बदहाल आर्थिक हालात में सुधार हो जाएगा। निगम की बजाए सरकारी विभाग बनाए जाने पर रोडवेज संचालन, निर्माण और अन्य वित्तीय जरूरत पूरी ाहे सकेगी। इसे देखते हुए राजस्थान रोडवेज वर्कर्स यूनियन सीटू की ओर से मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री और निगम के प्रबंध निदेशक को ज्ञापन दिया। सीटू के महासचिव किशन सिंह राठौड़ की ओर से दिए ज्ञापन में बताया कि रोडवेज की प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ऐसे में निगम को सरकारी बेड़े में शामिल करने से इसके वित्तीय प्रबंधन और निवेश आसान होगा। जिससे लोगों को सार्वजनिक परिवहन की बेहतर सुविधाएं मिल सकेगी। ज्ञापन में बताया कि रोडवेज में अब तक हुए कुल पूंजी निवेश में 97 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार का है। और जब भी जरूरत होती है तब राज्य सरकार ही वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती रही है। ज्ञापन में सरकार रोडवेज को सीधे सीधे अपने तंत्र में शामिल करने की मांग की गई। आपदा और खुशी में सहायकप्रदेश उपाध्यक्ष रामदेव सिंह टाकरिया ने बताया कि राजस्थान रोडवेज प्रदेश में आपदा और खुशी के समय आमजन के साथ भागीदारी निभाती है। इसके अलावा निगम के कर्मचारी आपातकालीन अवसरों तथा आपदा, रेगिस्तानी और पहाड़ी क्षेत्र में बेतहाशा गर्मी सर्दी के रिकॉर्ड तापमान के हालातों के बीच सुरक्षा के साथ बसों का सुचारू संचालन प्रदेश सहित देशभर में एक पहचान बनाई है। इसके अलावा रोडवेज वृद्धजन, महिलाओं, विकलांगों आदि को लगभग 40 प्रकार की रियायतें देती है।अब यह आ रही परेशानीपिछले दो दशक से निजी क्षेत्र से राष्ट्रीयकृत राजमार्गों पर मिल रही गलाकाट प्रतिस्पर्धा की स्थिति में नई बसों की खरीद सुस्त, दुरुस्त रखरखाव और प्राइम टाइम के समय ज्यादा बसों की उपलब्धता के मध्य नजर जितना निवेश जरूरी था वह नहीं किए जाने से हालात बिगडते गए ओर रोडवेज गर्त में चली गई। यूरोपियन देशों में निजी क्षेत्र की बजाए सार्वजनिक परिवहन के संचालन को ही अधिक महत्व दिया गया है।
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