- Advertisement -
HomeNewsसिंधिया को भोपाल में बंगला एलॉट होने की कहानी दिलचस्प है

सिंधिया को भोपाल में बंगला एलॉट होने की कहानी दिलचस्प है

- Advertisement -

राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य को भोपाल में बंगला एलॉट होने की कहानी दिलचस्प है. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की नोटशीट चली तो 48 घंटे में ही गृह विभाग ने एलाॅटमेंट आर्डर जारी कर दिया. पहले कमलनाथ सरकार में इसी विभाग ने उन्हें उलझाया हुआ था. दरअसल, सिंधिया पिछले तीन साल से भोपाल में सक्रियता बढ़ाने का प्रयास कर रहे थे.
इसके लिए राजधानी में उनको एक अदद आशियाने की जरूरत थी. कमलनाथ सरकार में उन्होंने आवेदन भी किया था, लेकिन पार्टी गुटबाजी के चलते कई नेताओं को लगता था कि सिंधिया को भोपाल में बंगला मिल गया तो सरकार में उनका हस्तक्षेप बढ़ जाएगा. गौरतलब है कि 18 साल बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को नया पता मिला है. शिवराज सरकार में भोपाल के श्यामला हिल्स में सरकारी बंगला बी-5 एलॉट किया गया है.
पहले दिल्ली का सरकारी आवास उनका पता हुआ करता था, लेकिन लोकसभा चुनाव में हारने के बाद उसे खाली करना पड़ा. यही नहीं, शिवराज के पिछले कार्यकाल में भी बतौर कांग्रेस सांसद भोपाल में बंगला एलॉट करने के लिए सिंधिया ने आवेदन किया था, लेकिन तब बात नहीं बनी थी. इसके बाद कमलनाथ सरकार आई तो लगा कि अब सिंधिया की मुराद पूरी हो जाएगी, लेकिन राजनीति में कुछ भी हो सकता है.
जिस गृह विभाग ने अब 48 घंटे में सिंधिया को अब बंगला एलाॅट कर आदेश की काॅपी जारी कर दी, कमलनाथ सरकार के वक्त वह आवेदन पर केवल सलाह देता रहा. अब बताते हैं कि कमलनाथ सरकार में सिंधिया को क्यों बंगला एलॉट नहीं हुआ था और गृह विभाग के अफसरों ने उन्हें कैसे उलझा कर रखा था? प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सिंधिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर चार ईमली स्थित पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्रसिंह का बंगला मांगा था.
कमलनाथ ने यह पत्र गृह विभाग को भेज दिया था. यह जानकारी मिलते ही भूपेंद्रसिंह ने अप्रैल 2020 से पहले बंगला खाली न करने की जानकारी गृह विभाग को दे दी थी. इसके बाद गृह विभाग ने सिंधिया को सलाह दे दी थी कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लिंक रोड नंबर 1 से प्रोफेसर कॉलोनी स्थित बंगले (जो सुषमा स्वराज का निधन होने के कारण खाली हुआ था) में एक माह में शिफ्ट हाेने वाले हैं. यदि वे चाहें तो यह बंगला उन्हें एलॉट हो सकता है.
यह बताना जरूरी है कि गृह विभाग ने भूपेंद्रसिंह का बंगला खाली होने की प्रत्याशा में सांसद नकुलनाथ को एलॉट कर दिया था. सूत्राें का कहना है कि इस बीच सिंधिया ने शिवराज से बंगला देखने की इच्छा भी जाहिर की थी. आखिर तक शिवराज ने लिंक रोड नंबर एक का बंगला नहीं छोड़ा. ऐसे में सिंधिया को यह बंगला भी नहीं मिल पाया.
राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था के जानकार कहते हैं कि कमलनाथ सरकार यदि सिंधिया को बंगला एलॉट करना चाहती तो अधिकतम एक सप्ताह में यह प्रक्रिया पूरी हो सकती थी लेकिन कमलनाथ सरकार ऐसा नहीं चाहती थी क्योंकि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह गुट भोपाल में सिंधिया को सक्रिय नहीं होने देना चाहते थे. हालांकि अब भी वही स्थिति है.
बंगला नंबर बी-5 को इच्छावर से बीजेपी विधायक करणसिंह वर्मा भी एलॉट कराना चाहते थे. कमलनाथ सरकार गिरने के बाद जैसे ही शिवराज सत्ता में आए तो वर्मा ने इस बंगले के लिए आवेदन कर दिया. उनका तर्क था कि वे पूर्व मंत्री हैं और सात बार के विधायक हैं. लिहाजा उन्हें यह बंगला एलॉट किया जाए.
यह बंगला कांग्रेसी मंत्री बघेल को खाली करना था. मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि विधायक वर्मा को उम्मीद थी कि बंगला खाली होते उन्हें एलॉट हो जाएगा. इसको लेकर वर्मा ने कई बार मुख्यमंत्री कार्यालय में बात की. बताया जा रहा है कि वर्मा ने अफसरों के समक्ष नाराजगी भी व्यक्त की थी, बावजूद इसके उन्हें यह बंगला नहीं मिल पाया.
The post सिंधिया को भोपाल में बंगला एलॉट होने की कहानी दिलचस्प है appeared first on THOUGHT OF NATION.

- Advertisement -
- Advertisement -
Stay Connected
16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe
Must Read
- Advertisement -
Related News
- Advertisement -